Supertech Issue: केपटाउन सोसाइटी पर करोड़ों के पानी के बिल का बकाया.. बिल्डर ने नहीं किया भुगतान.. बड़ा गड़बड़झाला सामने आया
Supertech Issue: बिल्डर सुपरटेक के फ्लैट खरीदारों की परेशानियां खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. एक तरफ बिल्डर ने नोएडा अथॉरिटी का ड्यूज पेमेंट नहीं किया है जिसके कारण हजारों फ्लैट खरीदारों की फ्लैट की रजिस्ट्री रुकी हुई है दूसरी ओर बिल्डर पर करोड़ों रुपये के पानी के बिल के भी बकाया का पता चला है. ऐसे हालात में बिल्डर सुपरटेक के फ्लैट खरीदारों पर दोहरी मार पड़ी है.
क्या है मामला
हैरान कर देने वाला एक बड़ा मामला नोएडा के सेक्टर 74 स्थित केपटाउन सोसाइटी से सामने आया है जिसका डेवलपर बिल्डर सुपरटेक (Supertech Issue) है. पता चला है कि बिल्डर सुपरटेक की केपटाउन सोसाइटी पर 12 करोड़ से ज्यादा का पानी के बिल (Water Bill Due On Capetown Society) का बकाया है. इस संबंध में केपटाउन सोसाइटी में ही रहने वाले विनोद गुप्ता ने IGRS के माध्यम से शिकायत दर्ज कराई थी जिसका जवाब आने के बाद केपटाउन सोसाइटी के बिल के बकाया की बेहद चौंका देने वाली जानकारी सामने आई है.
12 करोड़ से ज्यादा का बकाया
नोएडा अथॉरिटी की जल-राजस्व विभाग की ओर से विनोद कुमार गुप्ता को जो चिट्ठी भेजी गई है उसके मुताबिक बिल्डर सुपरटेक लिमिटेड ( आरके अरोड़ा, एमडी, सुपरटेक) पर 12 करोड़ 43 लाख 83 हजार 440 रुपये की कुल देनदारी है. यह देनदारी बीते लंबे समय से चली आ रही है. 3 मार्च 2021 को ही बिल्डर सुपरटेक पर केपटाउन सोसाइटी ( भूखंड संख्या – GH001A, Sector 74) पर करीब 9 करोड़ 90 लाख के पानी के बिल का बकाया था. बाद में इस बकाया राशि पर नोएडा अथॉरिटी की ओर से चक्रवृद्धि ब्याज लगाया गया जिसका रकम अब बढ़कर करीब 12 करोड़ 44 लाख रुपये तक पहुंच गया है. इस संबंध में अथॉरिटी की ओर से 28 सितंबर 2021 को आरसी भी जारी किया गया था. लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. अब एक बार फिर इस मामले को लेकर प्रशासन एक्शन में है. अथॉरिटी ने गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन से बकाये की भुगतान कराने के लिए 31 जनवरी 2024 को अनुरोध किया गया है.
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बड़ा घोटाला सामने आया
बिल्डर सुपरटेक इस तरह के बकाये के लिए बुरी तरह बदनाम है. केवल केपटाउन प्रोजेक्ट के लिए ही नोएडा अथॉरिटी का सैंकड़ों करोड़ का बकाया है. अब पानी के बिल का बकाया सामने आने के बाद एक बड़े घोटाले का पता चला है. सबसे बड़ी बात यह है कि सोसाइटी में करीब 4 हजार 750 फ्लैट ऑपरेशनल हैं. फ्लैट खरीदारों से हर महीने पानी के बिल के नाम पर बिल्डर सुपरटेक 210 रुपये/महीना चार्ज करता आया है. इस हिसाब से देखें तो बिल्डर सुपरटेक ने सालाना करीब 1 करोड़ 20 लाख रुपये फ्लैट खरीदारों से वसूले हैं. इतने बडे मात्रा में फ्लैट खरीदारों से पानी की वसूली के बाद भी बिल्डर सुपरटेक की ओर से पानी के बिल का भुगतान नहीं किया गया है
करोड़ों का घोटाला
सोसाइटी में रहने वाले लोग पानी के बिल के सामने आने से हैरान हैं और करोड़ों रुपये के घोटाला का आरोप लगा रहे हैं. बता दें कि बिल्डर ने साल 2010 में केपटाउन प्रोजेक्ट को लॉन्च किया था जिसके बाद उसने 2015-16 से फ्लैट खरीदारों को पजेशन देना शुरु किया था अगर साल 2015 से देखें तो अबतक 8 साल हो चुके हैं और इस हिसाब से 9 करोड़ से ज्यादा की वसूली फ्लैट खरीदारों से बिल्डर सुपरटेक ने की है. सोसाइटी में रहने वाले मृत्युंजय का कहना है कि बिल्डर सुपरटेक न केवल सरकार को चूना लगा रहा है बल्कि करोड़ों रुपयों की धोखाधड़ी सोसाइटी रेजिडेंट्स के साथ भी कर रहा है.
रेजिडेंट्स को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है
अब जब बिल्डर सुपरटेक ने खुद को दिवालिया घोषित कर दिया है. मामला NCLT में है तो बकाये के हालात में क्या हो सकता है.. एक्सपर्ट का कहना है कि
- सुपरटेक की संपत्ति बेचकर बकाये का भुगतान किया जा सकता है
- बिल के भुगतान नहीं करने पर केपटाउन सोसाइटी में पानी का कनेक्शन कट सकता है
- रेजिडेंट्स के पॉकेट से भी जुर्माना वसूली की जा सकती है, चुंकि पानी के बिल का बकाया बिल्डर सुपरेटक के केपटाउन प्रोजेक्ट पर है
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आरके अरोड़ा पर गंभीर आरोप
बता दें कि सुपरटेक के एमडी आरके अरोड़ा के खिलाफ पहले से ही कई मामलों में जांच जारी है. प्रवर्तन निदेशालय ने पहले ही खाधड़ी, ठगी और घर खरीदारों के साथ फ्रॉड के मामले में सुपरटेक बिल्डर आरके अरोड़ा को गिरफ्तार कर चुकी है. इस ईडी ने चार्जशीट दाखिल कर के अरोड़ा और उसकी कंपनी ने 164 करोड रुपए से अधिक करोड़ रुपए का फ्रॉड करने के आरोप लगाए हैं. आरके अरोड़ा के खिलाफ 36 मुकदमों की जांच की जा रही है.
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