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Bacterial infections death: “बैक्टीरियल संक्रमण” दुनियाभर में मौत की दूसरी सबसे बड़ी वजह

Written By: गली न्यूज

Published On: Wednesday November 30, 2022

Bacterial infections death: “बैक्टीरियल संक्रमण” दुनियाभर में मौत की दूसरी सबसे बड़ी वजह

Bacterial infections death: बैक्टीरियल इंफेक्शन (Bacterial infections) यानी बैक्टीरिया संक्रमण की वजह से कई तरह की बीमारियां होती हैं. दुनियाभर में होने वाली कुल मौत के आंकड़े को बढ़ाने में बैक्टीरिया संक्रमण दूसरे नंबर पर है. दुनियाभर में बैक्टीरिया को लेकर एक रिसर्च की गई जिसके अनुसार साल 2019 में हर 8 में से एक मौत बैक्टीरिया संक्रमण की वजह से हुई. यह दुनियाभर में मौत का दूसरा सबसे बड़ा कारण है.

रिसर्च से मिली जानकारी के अनुसार, दुनियाभर के 204 देशों और इलाकों में 33 तरह के आम बैक्टीरिया पैथोजेन (bacteria pathogen) और 11 प्रकार के संक्रमणों से होने वाली मौतों की जांच की गई. साल 2019 में बैक्टीरिया पैथोजेन की वजह से दुनियाभर में 77 लाख लोगों की मौत हुई, जो कुल मौतों का 13.6 फीसद है. यह आंकड़ा साल 2019 के लास्ट में कोविड-19 शुरू होने से पहले का है.

बैक्टीरिया से हर 8वें इंसान की मौत

रिसर्च में कहा गया है कि बैक्टीरियल इन्फेक्शन्स वक्त के साथ जानलेवा बनते जा रहे हैं. ये दुनिया में हृदय रोग के बाद मौतों की दूसरी सबसे बड़ी वजह बन गए हैं. इनकी वजह से 2019 में दुनिया की 13% आबादी ने अपनी जान गंवाई है. यानी संक्रमण से हर 8 में से एक इंसान की मौत हुई है.

रिपोर्ट के अनुसार इस तरह से बैक्टीरियल इंफेक्शन दुनियाभर में होने वाली कुल मौतों में दूसरा सबसे बड़ा कारण है. मौत के मामले में पहले नंबर पर इस्केमिक हार्ट डिजीज (ischemic heart disease) हैं, जिसमें हार्ट अटैक भी शामिल है. बैक्टीरिया की वजह से होने वाली मौतों में से आधी मौतों के लिए 33 में से सिर्फ 5 बैक्टीरिया जिम्मेदार होते हैं.

इन पांच घातक बैक्टीरिया का नाम है –
  • स्टैफिलोकोकस ऑरियस (Staphylococcus aureus)
  • एस्चेरिशिया कोलाई (Escherichia coli)
  • स्ट्रेप्टोकोकस न्यूमोनिया (Streptococcus Pneumoniae)
  • क्लेबसिएला न्यूमोनिया (Klebsiella pneumoniae)
  • स्यूडोमोनास एरुजिनोसा (Pseudomonas aeruginosa)

ischemic heart disease human skin में पाया जाने वाला एक आम बैक्टीरिया है, जो कई तरह की बीमारियों के लिए जिम्मेदार होता है. जबकि

Escherichia coli– एस्चेरिशिया कोलाई की वजह से आमतौर पर फूड पोइजनिंग की समस्या होती है.

Streptococcus Pneumoniae– न्यूमोकॉकल डिजीज के लिए जिम्मेदार है, जिसमें बुखार, खांसी, सांस लेने में दिक्कत, छाती में दर्द, गर्दन अकड़ना, कंफ्यूजन, जोड़ों में दर्द, कान दर्द जैसे लक्षण नजर आते हैं. इसके कुछ मामलों में सुनाई देना बंद होना, दिमाग को नुकसान पहुंचना और मौत भी हो सकती है.

Klebsiella pneumoniae– क्लेबसिएला न्यूमोनिया बैक्टीरिया की वजह से भी निमोनिया होता है और इसके लक्षण निमोनिया के अन्य लक्षणों की तरह होते हैं.

Pseudomonas aeruginosa– स्यूडोमोनास एरुजिनोसा बैक्टीरिया की वजह से छाती का संक्रमण (निमोनिया), बुखार और ठंड लगना, सांस लेने में तकलीफ, छाती में दर्द और थकावट जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं.

बीमारियों के ग्लोबल स्तर (Global Burden of Disease) के तहत यह स्टडी की गई. इस रिसर्च प्रग्राम के लिए बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन की तरफ से फंड दिया गया और दुनियाभर के हजारों शोधकर्ताओं ने इस शोध में भाग लिया. इस स्टडी के सह-लेखक क्रिस्टोफर मर्रे ने बताया कि इस डाटा के जरिए पहली बात इस बात का खुलासा हुआ है कि बैक्टीरियल इंफेक्शन का वैश्विक तौर पर कितना बोझ है. बता दें कि क्रिस्टोफर मर्रे अमेरिका के इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ मीट्रिक्स एंड इवैलुएशन में डायरेक्टर भी हैं.

हालांकि, बैक्टीरिया की वजह से होने वाली मौतों पर किसी खास क्षेत्र, विकसित या अविकसित, सुविधा होने न होने का भी फर्क पड़ता है. शोध के अनुसार सब सहारा अफ्रीका में एक लाख की आबादी में से 230 लोगों की मौत बैक्टीरियल इंफेक्शन की वजह से हो जाती है. जबकि पश्चिमी यूरोप, उत्तरी अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया जैसे अमीर देशों और इलाकों में एक लाख की आबादी में से 52 लोगों की मौत ही बैक्टीरियल इंफेक्शन के कारण होती है. मौत के इन आंकड़ों को कम करने के लिए और अधिक रिसर्च के साथ ही पिछड़े इलाकों में वैक्सीन आदि के लिए निवेश की आवश्यकता है.

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रिपोर्ट के अनुसार “भारत में पांच बैक्टीरिया – ई कोली (E Coli), एस न्यूमोनिया (S pneumoniae), के न्यूमोनिया (K pneumoniae), एस ऑरियस (S aureus) और ए बाउमनी (A baumanii) – सबसे घातक पाए गए. जिससे अकेले 2019 में 6,78,846 (लगभग 6.8 लाख) मौतें हुईं. E Coli सबसे घातक पैथोजन (रोगजनक) था, जो 2019 में भारत में हुई 1.57 लाख मौतों के लिए जिम्मेदार था.

इन बीमारियों के लिए जिम्मेदार हैं बैक्टीरिया
  • ई. कोलाई: यह बैक्टीरिया की एक फैमिली है. इनमें से कुछ पेट में रहकर इन्फेक्शन फैलाते हैं. इससे कई बार संक्रमित की किडनी खराब हो जाती है और मौत का खतरा बढ़ जाता है.
  • एस. निमोनिया: स्ट्रेप्टोकोकस निमोनिया बैक्टीरिया कान और ब्लड में संक्रमण फैलाता है. इससे अक्सर बच्चे प्रभावित होते हैं. इन्फेक्शन दिमाग और सांस की नली पर असर डालता है.
  • के. निमोनिया: क्लेबसिएला निमोनिया बैक्टीरिया ब्लड इन्फेक्शन और सर्जरी वाले हिस्सों को संक्रमित करता है. साफ-सफाई न रखने पर इससे मौत का खतरा होता है.
  • एस. ऑरियस: स्टेफाइलोकोकस ऑरियस बैक्टीरिया से ज्यादातर स्किन इन्फेक्शन से जुड़ी समस्याएं होती हैं. यह सांस की नली को अपना घर बनाता है.
  • ए. बौमेनियाई: एसिनेटोबैक्टर बौमेनियाई बैक्टीरिया कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को अपनी चपेट में लेता है. यह खून, यूरिनरी ट्रैक्ट और फेफड़ों में संक्रमण की वजह बनता है.

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