May 14, 2024, 5:54 am

Delhi News: अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के अवसर पर स्कूलों में स्टूडेंट करेंगे गीता पाठ

Written By: गली न्यूज

Published On: Thursday December 14, 2023

Delhi News: अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव  के अवसर पर स्कूलों में स्टूडेंट करेंगे गीता पाठ

Delhi News: आपको बता दें की अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव आने वाला है। राजधानी दिल्ली में इस बार गीता महोत्सव के अवसर पर सभी स्कूलों में गीता पाठ किया जाएगा। श्री मद भगवद गीता के श्लोक स्टूडेंट और टीचर दोनो ही गायेंगे। इसके साथ ही संस्कृत भाषा के प्रति स्टूडेंट का ध्यान भी आकर्षित करने लक्ष्य रखा गया है। यह कार्यक्रम 23 दिसंबर को आयोजित किया जाएगा। इसमें दो समूहों में स्टूडेंट को वर्गीकृत किया गया है। जिसमें छठी से आठवीं व नौंवी से बारहवीं कक्षा के स्टूडेंट शामिल किए जायेंगें।

क्या है पूरा मामला

जानकारी के मुताबिक राजधानी दिल्ली में अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के अवसर पर स्कूलों के परिसर गीता के श्लोक के मंत्रोच्चारण से गुंजायमान होंगे। इससे स्टूडेंट का संस्कृत की ओर रुझान बढ़ाने में मदद मिलेगी। यही नहीं संस्कृति और संस्कृत भाषा को दिनचर्या की बोल-चाल में प्रयोग लाने के बारे में बताया जाएगा।अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के अवसर पर यह कार्यक्रम 23 दिसंबर को आयोजित किया जाएगा। इसमें दो समूहों में स्टूडेंट को वर्गीकृत किया गया है। जिसमें छठी से आठवीं व नौंवी से बारहवीं कक्षा के स्टूडेंट शामिल होंगे। इसे लेकर स्कूलों में तैयारियां शुरू हो गई हैं।

स्टूडेंट के समूहों को श्लोक के महत्व व उनके अर्थ को विस्तार से बताया जा रहा है। इसमें विशेष रूप से स्टूडेंट तीन श्लोकों का उच्चारण करेंगे। इसमें पहला श्लोक, ‘’धर्मक्षेत्रे कुरुक्षेत्रे समवेता युयुत्सव’ मामकाः पाण्डवाश्चैव किमकुर्वत सञ्जय’’ होगा। इसका भावार्थ है कि, हे संजय धर्म भूमि कुरुक्षेत्र में युद्ध की इच्छा से इकट्ठे हुए मेरे और पांडु के पुत्रों ने भी क्या किया। दूसरा श्लोक ‘’अनन्याश्चिन्तयन्तो मां ये जनाः पर्युपासते। तेषां नित्याभियुक्तानां योगक्षेमं वहाम्यहम्’ होगा। इसका भावार्थ है कि जो लोग किसी और का ध्यान न करके मेरी पूजा करते हैं। जो लोग सदैव मेरी सेवा में लगे रहते हैं, उनके लिए मैं रहस्यवादी शक्ति की सुरक्षा रखता हूं।

वहीं, तीसरा श्लोक ‘’यत्र योगेश्वरः कृष्णो यत्र पार्थो धनुर्धरः। तत्र श्रीर्विजयो भूतिर्ध्रुवा नीतिर्मतिर्मम’ है। इसका भावार्थ है कि जहां योगेश्वर कृष्ण हैं और जहां परम धनुर्धर अर्जुन है, वहीं ऐश्वर्य, विजय, अलौकिक शक्ति व नीति भी निश्चित रूप से रहती है। ऐसा मेरा मत है। इन सभी का उद्देश्य है की स्टूडेंट स्ट्रेस से निकलकर भगवद गीता से प्रेरणा लेकर अपनी स्टडी के दौरान होने वाली समस्याओं का डटकर मुकाबला कर सके एयर बिना रिजल्ट की इच्छा से हर क्षेत्र में अपना बेहतर योगदान देने की दिशा में बढ़ें।

संस्कृत श्लोक पाठ प्रतियोगिता का भी आयोजन होगा

जानकारी के मुताबिक शिक्षा निदेशालय ने इस संबंध में सभी स्कूल प्रमुखों को सूचित किया है। इसमें बताया गया है कि सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त व गैर सरकारी स्कूलों में इस उत्सव का आयोजन किया जाएगा। वहीं, संस्कृत श्लोक पाठ प्रतियोगिता भी आयोजित की जाएगी। स्कूल प्रमुख प्रत्येक समूह में भाग लेने वाले स्टूडेंट को प्रमाण पत्र दिया जाएगा। तीन सर्वश्रेष्ठ छात्रों को पुरस्कृत भी करेंगे। निदेशालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि श्लोक स्टूडेंट के लिए मार्गदर्शक के रूप में भी कार्य करते हैं। इसी वजह से अगर बचपन से ही बच्चों को श्लोक का अध्ययन कराया जाए, तो उनके बचपन व विद्यार्थी जीवन पर सकारात्मक असर पड़ सकता है।

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तैयारियां शुरू हो गई हैं

स्कूलों में कार्यक्रम को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं। सरोजिनी नगर के एक स्कूल के प्रधानाचार्य ने बताया जिन स्टूडेंट की संस्कृत भाषा में पकड़ व रुझान है, उन स्टूडेंट का चयन किया गया है। इसे लेकर तैयारियां तेजी से चल रही है। उन्होंने कहा कि स्कूल परिसर में उस दिन अभिभावकों को भी आमंत्रित किया गया है, ताकि अभिभावक भी श्लोक का महत्व समझ सकें।

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