April 29, 2024, 10:59 pm

Manikarnika Ghat News: भोलेनाथ की नगरी में अब बंद हो गए शवों के लिए मणिकर्णिका के द्वार, ये है वजह

Written By: गली न्यूज

Published On: Saturday March 30, 2024

Manikarnika Ghat News: भोलेनाथ की नगरी में अब बंद हो गए शवों के लिए मणिकर्णिका के द्वार, ये है वजह

Manikarnika Ghat News: भोलेनाथ की नगरी वाराणसी से बड़ी खबर है। मणिकर्णिका घाट के द्वार शवों के अंतिम संस्कार के लिए बंद कर दिए गए हैं। ये फैसला मणिकर्णिका घाट के पुनुरुद्धार को लेकर किया गया है। अंतिम संस्कार करने के प्रशासन की ओर से नई राह सुझाई गई है। जिसके अंतर्गत भैंसासुर घाट से एनडीआरएफ की देखरेख में जल मार्ग से शव गाड़ी में शवों को महाश्मशान घाट तक पहुंचाया जाएगा।

क्या है पूरा मामला

बतादें, वाराणसी में मणिकर्णिका घाट (Manikarnika Ghat News)  के पुनरुद्धार की तैयारी शुरू हो गई है। लगभग 18 करोड़ रुपये खर्च कर मोक्ष तीर्थ को नया स्वरूप दिया जाएगा। इसके लिए गुरुवार को मणिकर्णिका द्वार शवों के लिए बंद कर दिया गया। प्रशासन की ओर से सुझाई गए नई राह भैंसासुर घाट से एनडीआरएफ की देखरेख में जल मार्ग से शव वाहिनी में 50 से अधिक शवों को महाश्मशान घाट तक पहुंचाया गया।

मणिकर्णिका द्वार शवों के लिए स्थायी तौर पर बंद हो जाएगा

अब भैंसासुर घाट से ही मोक्ष तीर्थ तक शवों को ले जााया जाएगा। मणिकर्णिका द्वार शवों के लिए स्थायी तौर पर बंद हो जाएगा। मणिकर्णिका व हरिश्चंद्र घाट के पुनरुद्धार का उद्धाटन प्रधानमंत्री पिछले साल जुलाई में ही कर चुके हैं। नई व्यवस्था में पहले दिन कंधे पर शव लेकर आने वालों को मैदागिन से जाने की थोड़ी छूट दी गई लेकिन वाहन से शव लेकर आने वालों को पुलिस ने भैंसासुर जाने की राह सुझाई, लेकिन आगे इस तरह की छूट नहीं मिलेगी। मैदागिन से गोदौलिया मार्ग पर यातायात सुगम रहा। हालांकि पहले दिन शव यात्रा में आए लोगों को खासा फजीहत उठानी पड़ी। कुछ लोगों ने इस व्यवस्था को ठीक तो कुछ ने गलत बताया।

क्या बोले जिलाधिकारी….

इस मामले में जिलाधिकारी एस राजलिंगम ने कहा कि मणिकर्णिका घाट का पुनरुद्धार होना है। कार्यदायी एजेंसी शीघ्र कार्य शुरू करेगी। निर्माण व मैदागिन से गोदौलिया मार्ग पर बढ़ रही भीड़ को देखते हुए मणिकर्णिका द्वार बंद किया गया है। वाहन से व कंधे पर शव लेकर आने वाले लोगों को भैंसासुर घाट अनुरोध के साथ भेजने के लिए पुलिस को निर्देशित किया गया है। भैंसासुर घाट से एनडीआरएफ की टीम की देखरेख में जल शव वाहिनी से शवों को महाश्मशान तक पहुंचाया जा रहा है। इस बोट पर शव यात्रा में आने वाले भी जा सकेंगे। यह व्यवस्था पूरी तरह निश्शुल्क हैं। किसी को परेशानी न हो इसका पूरा ध्यान रखा जा रहा है। शहर के बीच से आने वालों के लिए भी शीघ्र राह निकाला जाएगा।

लोगों से की जा रही अपील

एडिशनल पुलिस कमिश्नर एस चन्नप्पा ने कहा कि मणिकर्णिका द्वार से शव घाट की तरफ नहीं जा रहे हैं। भैंसासुर घाट से शव लाने का अनुरोध किया जा रहा है। इसके लिए वहां जल शव वाहिनी का इंतजाम किया गया है। सामाजिक संगठनों के सहयोग से लोगों से अपील की जा रही है कि शवों को भैंसासुर घाट से मणिकर्णिका तक लेकर आएं।

यह भी पढ़ें…

Rohingya in UP: कानपुर बना रोहिंग्या के छिपने का अड्डा, अवैध तरीके से डाल रहे डेरा…

मणिकर्णिका घाट पर शव स्नान के लिए पवित्र कुंड

मणिकर्णिका घाट के पुनरोद्धार पर कुल 18 करोड़ रुपये खर्च होंगे। भू-तल का कुल क्षेत्रफल 29.350 वर्ग फीट, दाह संस्कार का क्षेत्रफल 12,250 वर्गफीट तय है। प्रथम तल 20, 200 वर्गफीट रखा गया है। दाह संस्कार का क्षेत्रफल 9100 वर्गफीट होगा। चुनाव के पत्थर व जयपुर के गुलाबी पत्थरों से संवरने वाले इस महाश्माशन क्षेत्र में स्थित मणिकर्णिका कुंड व रत्नेश्वर महादेव मंदिर को सजाया संवारा जाएगा। इसके अलावा शव स्नान के लिए पवित्र जल कुंड, वेटिंग एरिया होंगे। इसके अलावा भूतल पर पंजीकरण कक्ष, नीचे के खुले में दाह संस्कार के 19 बर्थ, लकड़ी भंडारण क्षेत्र, सामुदायिक प्रतिक्षा कक्ष, दो सामुदायिक शौचालय, अपशिष्ट ट्रालियां का स्थापन मुंडन क्षेत्र होंगे। इसके अलावा आसपास के क्षेत्र को भी डेवलप किया जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published.