April 27, 2024, 2:34 am

आंगनवाड़ी वर्कर्स को सरकारी कर्मचारी नहीं मानते हरियाणा और दिल्ली सरकार, लगा दिए यह एक्ट

Written By: गली न्यूज

Published On: Thursday May 19, 2022

आंगनवाड़ी वर्कर्स को सरकारी कर्मचारी नहीं मानते हरियाणा और दिल्ली सरकार, लगा दिए यह एक्ट

दिल्ली में आंगनवाड़ी वर्कर्स ने अपनी मानदेय बढ़ोतरी सहित अन्य मांगों को लेकर हड़ताल शुरू की, लेकिन इन आंगनवाड़ी वर्कर्स  को सरकारी कर्मचारी नहीं मानने वाली हरियाणा और दिल्ली सरकारों ने इन पर हेस्मा (हरियाणा एसेंशियल सर्विसेज मेंटेनेंस एक्ट) और एस्मा (एसेंशियल सर्विसेजज मेंटेनेंस एक्ट) लगाकर कई वर्कर्स को नौकरी से निकाल दिया है.  बता दें कि, महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य और पोषण के स्तर में सुधार लाने के साथ-साथ सरकार की विभिन्न योजनाओं को लागू करने में अहम भूमिका निभाने वाली आंगनवाड़ी वर्कर्स आज अकुशल मजदूरों से भी कम वेतन में काम करने को मजबूर हैं.

पहले से ही बेहद कम मानदेय पर गुजारा करने को मजबूर आंगनवाड़ी वर्कर्स को अब भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है. परिवार का खर्च चलाने और बच्चों का पालन-पोषण करने के लिए उन्हें पैसे उधार लेने पर पड़ रहे हैं.

एकता विहार प्रोजेक्ट के तहत कार्यरत आंगनवाड़ी वर्कर्स ने बताया कि मेरा मानदेय 4,839 रुपये मासिक है. दिल्ली में इन पैसों में किसी परिवार का गुजारा कैसे हो सकता है? लॉकडाउन में मेरे पति की नौकरी भी छूट गई थी, वह ड्राइवर हैं. चार महीने से मानदेय नहीं मिला था ऊपर से सरकार ने मुझे नौकरी से निकाल दिया. हम बेहद परेशानी में गुजारा कर रहे हैं.

आंगनवाड़ी सहायिकाओं को प्रतिमाह 4,839 रुपये मानदेय मिलता है जबकि दिल्ली में अकुशल मजदूरों की न्यूनतम मजदूरी 16,064 रुपये प्रतिमाह है. सहायिकाओं को इसी पैसे में पूरे परिवार का खर्च उठाना पड़ता है. दिल्ली जैसे महंगे शहर में 4,839 रुपये प्रतिमाह में परिवार का खर्च, बच्चों की शिक्षा का खर्च वहन कर पाना बेहद मुश्किल है. परिवार के किसी सदस्य के बीमार पड़ने की स्थिति में हालात असहनीय हो जाते हैं.

दिल्ली में अकुशल मजदूरों की न्यूनतम मजदूरी 16,064 रूपये, अर्धकुशल की 17,693 रूपये और कुशल मजदूरों की न्यूनतम मजदूरी 19,473 रूपये है लेकिन आंगनवाड़ी वर्कर्स को 9,678 रूपये और आंगनवाड़ी हेल्पर्स को 4,839 रुपये प्रतिमाह दिया जाता है.

बढ़ती महंगाई के इस दौर में जब महंगाई दर 15% से ज्यादा हो जाने के कारण डीजल, पेट्रोल, खाद्य तेल और सब्जी की लगातार बढ़ती कीमतों के बीच आंगनवाड़ी वर्कर्स को परिवार का खर्च चलाने के लिए किस तरह का संघर्ष करना पड़ता होगा, इसका सहज अंदाजा लगाया जा सकता है.

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