अब इस कंपनी में सरकार ने अपनी हिस्सेदारी बेची। अब यह कंपनी प्राइवेट बन जाएगी।
Pawan Hans : मोदी सरकार अपनी नीतियों पर तेजी से आगे बढ़ रही है। एयर इंडिया को टाटा ग्रुप को सौंपने के बाद सरकार LIC में भी अपनी हिस्सेदारी को कम कर रही है। अब मोदी सरकार एक और कंपनी में अपनी अपनी हिस्सेदारी बेच रही है। सरकार ने पवन हंस में अपनी कुल 51 फीसदी हिस्सेदारी बेचने का फैसला कर लिया है।
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कितना हिस्सा बेचा ?
पवन हंस लिमिटेड में सरकार के पास कुल 51 फीसदी हिस्सेारी थी। जिसे सरकार ने यह हिस्सेदारी स्टार 9 मोबिलिटी प्राइवेट लिमिटेड को बेच रही है। नीलामी प्रक्रिया के दौरान स्टार 9 मोबिलिटी प्राइवेट लिमिटेड (Star 9 mobility private limited) ने सबसे अधिक 211.14 करोड़ की बोली लगाई। यह कीमत रिजर्व रखी गई कीमत 199.92 करोड़ से करीब 11 करोड़ ज्यादा है।
बता दें कि बीते 3 साल से पवन हंस प्राइवेट लिमिटेड (Pawan Hans Private limited ) घाटे में चल रही थी। पवन हंस कंपनी के पास कुल 42 हेलीकॉप्टर हैं जिसमें से 41 खुद कंपनी की हैं। बता दें कि इसके पहले सरकार ने एचएलएल लाइफकेयर (HLL Lifecare) में भी अपनी पूरी हिस्सेदारी बेचने का मन बना लिया है। और जल्दी ही इसकी नीलामी प्रक्रिया शुरु की जाएगी।
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सरकार ने अपनी हिस्सेदारी क्यों बेची ?
30 साल से भी पुरानी कंपनी पवन हंस को 2018-19 में 69 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था
वहीं उसके ठीक दूसरे साल 2019-20 में करीब 28 करोड़ रुपये का नुकसान कंपनी को उठाना पड़ा
इसके पहले 2019 में भी पवन हंस कंपनी को बेचने की एक और बार कोशिश की गई थी लेकिन किसी निवेशक ने इसे खरीदने में तब रूचि नहीं दिखाई थी। घाटे की वजह से सरकार ने 2018 पवन हंस से अपनी हिस्सेदारी बेचने का फैसला किया, लेकिन जब ONGC ने भी अपनी हिस्सेदारी बेचने को कहा तब सरकार पीछे हट गई. पवन हंस में सरकार की 51% हिस्सेदारी थी वहीं ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) के पास 49 प्रतिशत की हिस्सेदारी है।