May 6, 2024, 7:44 pm

CAA And Changes After That: CAA लागू होने से देश में क्या होंगे बदलाव, आइए जानते हैं कुछ बिंदुओं के माध्यम से…

Written By: गली न्यूज

Published On: Thursday March 14, 2024

CAA And Changes After That: CAA लागू होने से देश में क्या होंगे बदलाव, आइए जानते हैं कुछ बिंदुओं के माध्यम से…

CAA And Changes After That: आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर देश में कई बदलाव हो रहे हैं। इसी क्रम में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) सरकार की नोटिफिकेशन जारी होते ही पूरे देश में लागू हो गया है। एक ओर सत्ता पक्ष इसे लेकर अपनी पीठ थपथपा रहा है तो वहीं दूसरी ओर विपक्ष एक स्वर में इसके खिलाफ दिख रहा है। सरकार का पहले ही कहना था कि सीएए के नियम 2024 के चुनाव से पहले लागू कर दिए जाएंगे। इन सबके बीच आपके मन में भी कई तरह के सवाल उमड़-घुमड़ रहे होंगे। तो आइए कुछ बिंदुओं के माध्यम से समझते हैं कि सीएए लागू होने से देश में क्या बदलाव होंगे।

क्या है पूरा मामला

बतादें, हाल ही में (CAA And Changes After That) केंद्र सरकार की नोटिफिकेशन जारी होते ही देशभर में सीएए का कानून लागू हो गया है। सीएए कानून के तहत तीन पड़ोसी मुल्कों से भारत आने वाले अल्पसंख्यकों को नागरिकता दी जाएगी। असम, मेघालय, मिजोरम और त्रिपुरा के कुछ इलाकों को छोड़कर  बाकी सभी राज्यों में CAA लागू होगा। इसे लगभग 5 साल पहले साल 2019 में संसद से पारित किया गया था। ऐसे में ये सवाल उठता है की देश में इस कानून के लागू होने से और कौन कौन से बदलाव होंगे? आज हम आपको इस बारे में कुछ बिंदुओं के माध्यम से बताएंगे।

  • यह कानून बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 को या उससे पहले भारत आए हिंदू, जैन, ईसाई, सिख, बौद्ध और पारसी समुदाय के लोगों को भारतीय नागरिकता देने का एक रास्ता है।
  • इस कानून के तहत, विदेशी व्यक्ति को भारतीय नागरिकता मिलने के लिए पिछले एक साल से भारत में रहना जरूरी है, साथ ही पिछले 14 सालों में से कम से कम 5 साल भारत में रहना चाहिए। पहले, विदेशियों को नागरिकता मिलने के लिए 11 साल तक भारत में रहना पड़ता था।
  • सीएए भारत के संविधान की छठी अनुसूची में शामिल कुछ इलाकों में लागू नहीं होता है। इन इलाकों में असम के ट्राइबल इलाके, मेघालय, मिजोरम और त्रिपुरा शामिल हैं. साथ ही, असम के कारबी आंगलोंग, मेघालय के गारो हिल्स, मिजोरम के चकमा जिले और त्रिपुरा के ट्राइबल इलाके जिले भी इसमें शामिल हैं।
  • इस कानून के लागू होने के बाद दूसरे देश से आए मुस्लिम समुदाय के लोगों को इस कानून के तहत नागरिकता नहीं दी जा सकती। हालांकि, सरकार का कहना है कि अन्य समुदायों के आवेदनों पर व्यक्तिगत रूप से विचार किया जाएगा।
  • सीएए के लिए अप्लाई करने की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। गृह मंत्रालय ने आवेदकों की सुविधा के लिए एक पोर्टल तैयार किया है। आवेदनकर्ताओं को यह बताना होगा कि वे किस साल भारत आए थे और उनके पास वैध दस्तावेज नहीं थे। इस प्रक्रिया में आवेदकों से कोई दस्तावेज नहीं मांगे जाएंगे।

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बता दें कि सीएए के तहत कितने लोग भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं, इसका कोई आधिकारिक अनुमान नहीं लगाया गया है। हालांकि, गृह मंत्रालय की 2021-22 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, 1 अप्रैल 2021 से 31 दिसंबर 2021 के बीच पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए इन गैर-मुस्लिम अल्पसंख्यक समुदायों के कुल 1,414 विदेशियों को 1955 के नागरिकता अधिनियम के तहत पंजीकरण की मदद से भारतीय नागरिकता दी गई थी।

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