Paras Tierra Society: नोएडा के पारस टियरा सोसाइटी के AOA अध्यक्ष को मिली जमानत, इस वजह से हुए थे गिरफ्तार
Paras Tierra Society: नोएडा से एक बड़ी खबर सामने आ रही है. यहां पारस टियरा सोसाइटी में हुए हादसे में बड़ा मोड़ आ गया है. बता दें कि, पारस टियरा सोसाइटी (Paras Tierra Society) में लिफ्ट की केबल टूटने से हुई सुशीला देवी (72) की मौत के मामले में पुलिस ने मंगलवार को एओए के अध्यक्ष कर्नल रमेश गौतम को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया. हालांकि कोर्ट ने रमेश गौतम को इस मामले में जमानत दे दी है.
पुलिस का कहना है कि अन्य आरोपियों को भी जल्द गिरफ्तार किया जाएगा. वहीं, लिफ्ट के तकनीकी खराबी होने की रिपोर्ट आने पर एक हफ्ते के भीतर आरोप पत्र दाखिल कर दिया जाएगा.
क्या है मामला ?
नोएडा की सेक्टर-137 स्थित सोसाइटी में 3 अगस्त को लिफ्ट की केबल टूटने से 50 मिनट तक फंसे रहने के बाद सुशीला देवी (72) की मौत हो गई थी. इस मामले में सुशीला देवी के बेटे दिवेश कुमार ने लापरवाही का आरोप लगाते हुए सोसाइटी में सुरक्षा व फैसिलिटी की जिम्मेदारी संभालने वाली एएन सिक्योर के निदेशक अजय सिंह शेखावत, संतोष कुमार बराड़, फैसिलिटी मैनेजर मोनिका शर्मा, अपार्टमेंट ओनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष रमेश गौतम, उपाध्यक्ष आनंदपाल चौहान, जनरल सेक्रेटरी सुखपाल सिंह राणा, कोषाध्यक्ष नीतू सलार और थायसन क्रूप लिफ्ट मैन्युफैक्चरर के खिलाफ केस दर्ज कराया था.
पुलिस ने सभी के खिलाफ केस दर्ज किया था. एओए अध्यक्ष कर्नल रमेश गौतम की तबीयत बिगड़ने के कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था. सोमवार को उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिली. मंगलवार को पुलिस ने रमेश गौतम को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया. कोर्ट में रमेश गौतम के अधिवक्ता ने बताया कि वह बिना किसी वेतन के समाज सेवा कर रहे हैं. इसके अलावा लिफ्ट कंपनी को वह पहले ही मेंटेंनेंस आदि के रुपये दे चुके हैं. इसके बाद उन्हें जमानत दे दी गई. उधर, सोसाइटी के व्हाट्सएप ग्रुप पर निवासी इस मामले के आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं.
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एओए अध्यक्ष रमेश गौतम ने बताया कि वह वालंटियर के रूप में काम कर रहे हैं. इसके बावजूद कुछ लोगों के उकसाने पर बड़ी संख्या में निवासियों ने उन्हें पहले टावर के नीचे डेढ़ घंटे और फिर पौन घंटे तक पुलिस वाहन में बंधक बनाये रखा. उन्होंने मोब लिंचिंग की कोशिश की. इस मामले में अभी उन्होंने कोई लिखित शिकायत नहीं दी है. लेकिन जल्द कानूनी कार्रवाई करुंगा. उन्होंने यह भी कहा कि दो महीने पहले उन्हें बिल्डर ने सोसाइटी की मेंटेंनेेंस, सुरक्षा का काम हैंडओवर किया था. लेकिन मेंटेंनेेंस, सुरक्षा का लगभग 33 करोड़ का फंड नहीं दिया. नोएडा प्राधिकरण को यह फंड दिलाना सुनिश्चित करना चाहिए.