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महंगाई की एक और मार लग सकती है। 3000 रुपये तक पहुंच सकता है गेहूं का भाव, ये हैं बड़ी वजह

Written By: गली न्यूज

Published On: Monday April 11, 2022

महंगाई की एक और मार लग सकती है। 3000 रुपये तक पहुंच सकता है गेहूं का भाव, ये हैं बड़ी वजह

Wheat Price Hike : बढ़ती महंगाई के बीच आम आदमी के लिए एक और बुरी खबर है। पेट्रोल-डीजल और फल-सब्जी की बढ़ी कीमतों का असर अब गेहूं पर भी नजर आने वाला है। क्योंकि आने वाले दिनों में गेहूं की बढ़ती कीमतों से फिलहाल राहत मिलती हुई नहीं दिखाई पड़ रही है। जानकार मानते हैं कि शॉर्ट से लॉन्ग टर्म में गेहूं का भाव 3,000 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर तक पहुंच सकता है। इसका सथा ही वहीं सीबीओटी (Chicago Board of Trade) पर भी गेहूं की कीमतों में जोरदार तेजी की संभावना जताई जा रही है।

ओरिगो ई-मंडी (Origo e-Mandi) के सीनियर मैनेजर (कमोडिटी रिसर्च) इंद्रजीत पॉल का कहना है कि अप्रैल के महीने में गेहूं की कटाई जोरों पर है और यही वजह है कि कीमतों में कुछ गिरावट आ सकती है। हालांकि उनका मानना है कि कीमतों में आई गिरावट सीमित रहेगी और भाव के 2,015-2,020 रुपये प्रति क्विंटल के नीचे जाने की गुंजाइश कम है।

वैश्विक स्तर पर गेहूं की सप्लाई कमजोर
उनका कहना है कि गेहूं में 2,270 रुपये का मजबूत रेसिस्टेंस है और उसके ऊपर भाव टिकने पर शॉर्ट से लॉन्ग टर्म में 2,600 रुपये से 3,000 रुपये का ऊपरी स्तर दिखाई पड़ सकता है। इसके अलावा वैश्विक स्तर पर सप्लाई प्रभावित होने और अंतिम स्टॉक कमजोर रहने से लघु अवधि में गेहूं की कीमतों में तेजी का रुझान बना रहेगा। इंद्रजीत कहते हैं कि शॉर्ट टर्म में सीबीओटी पर गेहूं में 9.5 डॉलर से 12 डॉलर प्रति बुशेल के दायरे में कारोबार होने की संभावना है।

गेहूं की कटाई बढ़ने से फिलहाल कीमतों में करेक्शन
बता दें कि मार्च के पूरे महीने के दौरान गेहूं का भाव 2,250 रुपये से 2,420 रुपये के दायरे में कारोबार करते हुए देखा गया था। दरअसल, रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध छिड़ने की वजह से दुनियाभर में गेहूं की सप्लाई प्रभावित हो गई थी। वैश्विक स्तर पर सप्लाई प्रभावित होने से मार्च के पहले पखवाड़े में भारत से गेहूं एक्सपोर्ट आउटलुक के चलते कीमतों में अच्छी तेजी दर्ज की गई थी. हालांकि मार्च के आखिर से और अभी तक कटाई बढ़ने के साथ ही सरकार के द्वारा पीएमजीकेएवाई योजना (PMGKAY Scheme) की समयावधि को अगले 6 महीने के लिए बढ़ाने और ताजा आवक की वजह से शॉर्ट टर्म में कीमतों में करेक्शन दर्ज किया गया है.

44.4 मिलियन मीट्रिक टन सरकारी खरीद का लक्ष्य
इंद्रजीत पॉल के मुताबिक 2022-23 के लिए गेहूं की सरकारी खरीद का लक्ष्य 44.4 मिलियन मीट्रिक टन रखा गया है जो कि सालाना आधार पर 2.4 फीसदी अधिक है। अगर यह लक्ष्य पूरा हो जाता है तो इतिहास में रिकॉर्ड खरीद के रूप में दर्ज हो जाएगी। हालांकि निर्यात मांग बढ़ने की वजह से गेहूं का भाव एमएसपी के ऊपर कारोबार कर रहा है ऐसे में हमें उम्मीद है कि सरकारी खरीद लक्ष्य के 85 फीसदी तक पहुंच जाएगी. बता दें कि गेहूं की सरकारी खरीद 1 अप्रैल 2022 से शुरू हो चुकी है।

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