Pet Dog Attack: अब इस सोसाइटी में लेब्राडोर डॉग का अटैक, बाल-बाल बचा मासूम, थाने पहुंचा मामला
Pet Dog Attack: नोएडा-ग्रेटर नोएडा की सोसाइटी में पेट डॉग्स ऑनर और आम रेजिडेंट्स की लड़ाई खत्म होने का नाम नहीं ले रही है और ना ही पेट डॉग्स के अटैक की घटनाएं कम हो रही हैं। ऐसा ही एक मामला एक बार फिर से नोएडा के सेक्टर 74 सुपरटेक केपटाउन सोसाइटी में आई है। घटना के सामने आने के बाद एक बार फिर सवाल उठ रहे हैं कि क्या पेट डॉग्स ऑनर्स की नैतिक जिम्मेदारी कुछ भी नहीं है।
क्या है मामला ?
सोमवार का दिन सुपरटेक केपटाउन सोसाइटी में रहने वाले 6 साल के जोरांश के लिए किसी आफत से कम नहीं था। क्योंकि दोपहर में जब वह सोसाइटी के लेक गार्डन पार्क में खेलने पहुंचा तो वहां वह लेब्राडोर डॉग (Labrador Dog) का शिकार (Pet Dog Attack) होते-होते बचा। दावा है कि लेब्राडोर डॉग के अटैक से वह जमीन पर नीचे गिर पड़ा और किसी तरीके से एक शख्स ने मदद कर जोरांश की जान बचाई। जोरांश की जान तो बच गई लेकिन अभी भी मनोवैज्ञानिक तौर से वो बेहद डरा और सहमा हुआ है। परिवार का आरोप है कि आज की घटना के बाद से जोरांस बिलकुल शांत रहने लगा है।
कैसे घटी घटना ?
सोमवार की दोपहर जोरांश अपनी दादी के साथ सोसाइटी के लेक गार्डन पार्क में पहुंचा था पीछे से जोरांश की मां तस्कीन वारसी भी अपने 8 महीने के दूसरे बच्चे को सट्रॉलर पर लेकर आ रही थी। मां को देखते ही जोरांश लेक गार्डन पार्क के एंट्री पर पहुंचा ही था कि पार्क में पहले से ही मौजूद एक लैब्राडोर डॉग उसके पास पहुंच गया। लेब्राडोर डॉग को देखते ही जोरांश नीचे जमीन पर गिर पड़ा। बेटे को जमीन पर गिरा देख तस्कीन वारसी बीच बचाव करते हुए मदद के लिए चिल्लाने लगी। वो बार-बार स्टॉप-स्टॉप की आवाज लगा रही थी। लेकिन आरोप है कि पेट डॉग ऑनर्स ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया। तस्कीन का आरोप है कि पेट डॉग्स ने उस पर भी अटैक करने की कोशिश की.. लेकिन मौके पर मौजूद एक और दूसरे शख्स ने किसी तरह से डॉग पर काबू पाकर उसे दूर हटाया।
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थाने पहुंचा मामला ?
इस घटना के बाद तस्कीन बारसी ने पेट डॉग ऑनर से विरोध दर्ज कराया लेकिन कहा जा रहा है कि पेट डॉग ऑनर्स ने तस्कीन बारसी के साथ बदतमीजी की। आरोप है कि वह साथ देने और बीच-बचाव करने के बजाय पेट डॉग ओनर्स ने ना केवल तस्कीन बारसी के बारे में अपशब्द बोले बल्कि उनके बच्चे के बारे में भी यह कहा कि ‘अपने बच्चे के गले में ही फंदा डालकर फ्लैट के अंदर रखो. डॉग ऑनर की दलील थी कि लेब्राडोर डॉग अटैकिंग मोड में रहते हैं और डॉग अपना नेचर नहीं बदलता। जानवर अपनी प्रकृति नहीं बदल सकता ऐसे में इंसान को ही इससे बचकर चलना होगा’
इस घटना के बाद पीड़ित तस्कीन बारसी ने पुलिस से संपर्क किया पुलिस मौके पर पहुंची बीच-बचाव किया लेकिन कोई नतीजा नहीं मिला। बाद में तस्कीन बारसी की ओर से इस मामले में पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई गई है। https://gulynews.com संवाददाता ने इस बारे में पुलिस से संपर्क करने की कोशिश की लेकिन खबर लिखे जाने तक कोई संपर्क नहीं हुआ है।
क्या कहती है बच्चे की मां
https://gulynews.com से EXCLUSIVE बात करते हुए तस्कीन वारसी ने बताया कि वह सोसाइटी में बीते 6 साल से रह रही हैं और कभी इस तरह का हादसा उनके परिवार के साथ नहीं हुआ। लेकिन यह पहला मामला था जब उनका परिवार एक पेट डॉग का शिकार होते-होते बचा। तस्कीन का आरोप है कि सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात पेट डॉग ऑनर्स का खराब व्यवहार था जो मौके पर बीच बचाव करने के बजाय लड़ने-झगड़ने और बदतमीजी पर उतारु था। घटना के बाद से पीड़ित परिवार परेशान हैं और न्याय की गुहार लगा रहा है।
सबसे बड़ी बात कि लेक गार्डन पार्क के एंट्री प्वाइंट पर ही एक बोर्ड लगा है जिसमें साफ साफ यह लिखा है कि पेट्स आर नॉट अलाउड ( Pets Are Not Allowed) उसके बाद भी कई ऐसे पेट डॉग ऑनर्स हैं जो अपने डॉग को लेकर के पार्क में पहुंचते हैं।ऐसे डॉग ऑनर्स सोसाइटी और अथॉरिटी के नियमों को धत्ता बताकर आम लोगों की जिंदगी को खतरे में डालने से भी गुरेज नहीं करते। कई बार सोसाइटी की मेंटेनेंस टीम भी ऐसे लोगों के सामने बौनी नजर आती है। जरुरत इस बात की है कि पेट ऑनर्स भी रेजिडेंट्स की परेशानी को समझें और नियमों का कड़ाई से पालन करें ताकि किसी तरह की अनहोनी से बचा जा सके।
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