E-Libreary Noida: किताबों की दुनिया में इनका भी है नाम, बनाई e-Library, आप भी इनसे जुड़ें
E-Library Noida: अक्सर हम किसी से ऐसा नाता जोड़ लेते है कि वो भुलाए नहीं भूला जाता और तोड़े नहीं टूटता. कुछ ऐसा ही रिश्ता है नैंसी अग्रवाल का किताबों से। उन्होंने अपने खाली समय में किताबों से ऐसा नाता जोड़ा कि जो अब लगातार हर गुजरते दिन के साथ और गहरा होता जा रहा है।
नैंसी और किताबों की दुनिया
किताबों से रिश्ते जोड़कर नैंसी अग्रवाल ने अपनी एक अलग दुनिया बसा ली हैं। इस दुनिया में नैंसी और किताबों के साथ-साथ सैंकड़ों पुस्तक प्रेमी हैं. साथ ही वो साथी हैं जिन्हें नैंसी किताबों से सपोर्ट करती हैं। हम दुनिया इसलिए कह रहे है क्योंकि नैनसी अग्रवाल को किताबों से इतना लगाव है कि उन्होंने भारत के कई राज्यों के लोगों को एकजुट कर ऑनलाइन लाइब्रेरी (E-Library Noida) बनाई है. जिस के जरिए वो जरूरतमंद लोगों तक किताबे पहुंचाती हैं.
कौन हैं नैंसी अग्रवाल
मूल रुप से दिल्ली की रहने वाली नैंसी फिलहाल 35 साल की हैं. वो नोएडा के सुपरटेक केपटाउन सोसाइटी में रहती हैं। पेशे से नैंसी वकील हैं और एक नेशनलाइज बैंक में अपनी सेवा देती हैं। लेकिन बैंक की ड्यूटी से जैसे ही नैंसी को समय मिलता है नैंसी जुड़ जाती हैं किताबों की दुनिया से। किताबों से इसी लगाव के कारण वो देशभर के कई राज्यं के लोगों को अपने साथ जोड़ सकीं औरर सबको एकजुट कर ऑनलाइन लाइब्रेरी (E-Library Noida) बनाई। इसी लाइब्रेरी के जरिए नैंसी जरूरतमंदों तक किताब पहुंचाती हैं।
किताबों से कैसे जुड़ी नैंसी
नैंसी अग्रवाल ने वकालत में अपनी पढ़ाई की है. https://gulynews.com से बात करते हुए नैंसी ने बताया कि उन्हें बचपन से ही किताबें पढ़ने का बहुत शौक था. जिस वजह से उनके पास तमाम किताबें होती गई। इन किताबों को वो हमेशा अपने पास रखना चाहती थी और दूसरों तक भी ये किताबे पहुंचाना चाहती थी. नैंसी कहती हैं कि देश में शिक्षा बहुत महंगी है और कबाड़ में किताबें बहुत सस्ते में बिक जाती हैं। ऐसे में इन किताबों को बेचने से अच्छा था कि वो सही हाथों तक पहुंचे। लिहाजा उन्होंने किताबें बेचने के बजाय संभाल कर रखीं । नैंसी की इसी सोच ने आज उन्हें कई अनजान लोगों से जो़ड़ दिया। और धीरे-धीरे कारवां बढ़ता चला गया।
नैंसी अग्रवाल(Nancy Agrawal) का कहना है बच्चे हमारे देश की ताकत है और आने वाले कल का भविष्य है. अगर हम बच्चों को अच्छी शिक्षा देंगे तो देश में अपराध जैसी घटनाओं को भी रुका जा सकता है. नैंसी अग्रवाल कहती है कि वकालत के बाद जितना भी समय मिलता है में पूरा समय किताबों के रख-राख में लगाती हैं. नैंसी को लिखने का भी काफी शौक है. उनके लेख कई सारी मैग्जीन में पब्लिश हो चुके हैं.
नैंसी अग्रवाल का फ्यूचर प्लान
नैनसी अग्रवाल ने फ्यूचर प्लान के बारे मे बात करते हुए बताया कि वो सभी बच्चों और लोगों को शिक्षित करना चाहती है. इसके लिए वो अपनी लाइब्रेरी को और बड़ा करना चाहती हैं. बता दें कि नैंसी व्हाट्स ग्रुप के जरिए जरुरतमंदों तक ना केवल किताबें पहुंचाती हैं बल्कि कई लोगों से किताबें दान भी लेती हैं। आज देशभर के हजारों लोग सोशल मीडिया के जरिए उनसे जुड़े हैं।
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5 साल पहले की थी शुरुआत
आज से ठीक 5 साल पहले 20 दिसंबर 2018 को नैंसी ने लाइब्रेरी के इस अनोखे कॉन्सेप्ट पर काम शुरु किया था और इसी कॉन्सेप्ट का नतीजा है कि आज नैंसी के पास ना केवल हजारों की संख्या में किताबें हैं जिसे वो कई एनजीओ को डोनेट करते आई हैं बल्कि हमारे और आपके जैसे कई पुस्तक प्रेमी भी हैं। https://gulynews.com की ओर से नैंसी अग्रवाल और उनके साथियाों को ढेर सारी शुभकामनाएं।
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