How to Feel Happy : दुनिया में कुछ लोग खुशमिजाज तो कुछ लोग दुखी क्यों रहते हैं? यहां जानिए सबकुछ
How to Feel Happy: इस दुनिया में दो तरह के लोग होते हैं. एक जो खुशमिजाज हैं जो बहुत ज्यादा मोटिवेटेड फील करते है. जो मिलता है उसमें खुश रहते हैं. वहीं, दूसरी ओर आते है वो लोग जो कुछ भी कर लें, कभी खुशी महसूस नहीं कर पाते. उनको लाइफ में मोटिवेशन महसूस नहीं होता. हर वक्त हारा हुआ, उदास और थका हुआ लगता है. अब आपको क्या लगता है इन दो तरह के लोगों में इतना फर्क क्यों है. क्या इसके पीछे वजह केवल परवरिश, हालात या पर्सनैलिटी है.
क्यों कुछ खुश रहते हैं कुछ दुखी
https://gulynews.com आज आपको इस बारे में जानकारी देने जा रहा है। आपको बताएगा कि आपके खुश (How to Feel Happy) रहने और दुखी रहने के कारण क्या हैं ? दरअसल इसके पीछे की वजह है आपके ब्रेन में मौजूद एक केमिकल जिसका नाम है डोपामाइन (dopamine). इसी की वजह से आपको खुशी महसूस होती है. कुछ करने की चाह आती है. जिन लोगों के ब्रेन में डोपामाइन की कमी होती है, वो दुख ज्यादा महसूस करते हैं. खुश नहीं रह पाते.
डोपामाइन क्या होता है?
डोपामाइन एक न्यूरोट्रांसमीटर (neurotransmitters)(ब्रेन में मौजूद केमिकल) है. जिससे ब्रेन की कोशिकाएं आपस में बातचीत करती हैं. ये सेल-टू-सेल सिग्नल ट्रांसफर करता है. हमारे ब्रेन में डोपामाइन का बहुत अहम योगदान है. डोपामाइन हमारे हौसले, खुशी, सोच और शरीर के मूवमेंट का मेन न्यूरोट्रांसमीटर है.
डोपामाइन कम होने का असर
उम्र बढ़ने के साथ-साथ धीरे-धीरे ब्रेन में डोपामाइन की कमी होने लगती है. ब्रेन में 70 प्रतिशत सेल्स जो डोपामाइन बनाते हैं. ये बेसल गैंग्लिया नाम की कोशिका में कम हो जाते हैं. ऐसा होने पर पार्किन्सन नाम की बीमारी हो जाती है. डोपामाइन की कमी की वजह से शरीर बहुत धीरा हो जाता है.
क्या हैं लक्षण ?
मूवमेंट न कर पाना.
छोटे कदम से चलना.
आगे झुक जाना.
बैलेंस न बना पाना.
हाथों में कंपन.
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डोपामाइन के असर
डोपामाइन की कमी से डिप्रेशन, हताशा, सोचने में कमजोरी जैसी मानसिक बीमारी भी होती हैं. वहीं डोपामाइन ज्यादा होने के कारण स्कित्ज़ोफ्रेनिया, साइकोसिस, भ्रम, मेनिया जैसी बीमारियां हो जाती हैं.
क्या है इसका इलाज ?
जो बीमारियां डोपामाइन की कमी के कारण होती हैं उनमें बाहर से डोपामाइन देकर ठीक किया जा सकता है. मरीज के लक्षणों को ठीक किया जा सकता है. जिन बीमारियों में डोपामाइन ज्यादा होता है, उनमें डोपामाइन कम करने की दवाइयां दी जाती हैं. इसलिए इन लक्षणों का ध्यान रखें. अगर बताए गए लक्षण महसूस हो रहे हैं तो तुरंत डॉक्टर से मिलें, जो डोपामाइन की प्रॉब्लम को समझकर दवाइयों से उसे ठीक कर सकते हैं.
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लाइफ में आपके साथ क्या होगा, इस पर आपका कोई कंट्रोल नहीं है. पर उस सिचुएशन में आप कैसा महसूस करते हैं, किस हद तक कोई फीलिंग महसूस करते हैं, ये वाकई केमिकल कंट्रोल करते हैं. अगर आपको ऐसा महसूस हो रहा हैं तो इसका मतलब ये नहीं कि आप इंसान ही दुखी पैदा हुए हैं, इसका मतलब ये है कि आपके ब्रेन में एक केमिकल की कमी है जो ठीक की जा सकती है.