दस्त ले सकता हैं आपके बच्चों की जान, इसे भूलकर भी न करें नजरअंदाज
Loose Motion A Dangerous for kids: देश में कोरोना से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. कोरोना के कारण बीते दो साल में यूपी में 23,520 लोगों की मौत हुई है. लेकिन आपको बता दें कि दस्त से भी हर साल पांच वर्ष से कम उम्र के 28 हजार बच्चों की मौत हो रही है. अगर मां-बाप जरा सी सावधानी बरतें तो बच्चे की जान आसानी से बचाई जा सकती है.
उत्तर प्रदेश भर में सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा का उद्घाटन किया. यह पखवाड़ा 15 जून तक चलेगा. अभियान के तहत आशा वर्कर घर-घर जाकर पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों की सूची तैयार करेंगे. ऐसे बच्चे जो दस्त से पीड़ित हैं, उनके उपचार में मदद करेंगी और ओआरएस घोल का पैकेट वितरित करेंगी.
जानकारी के अनुसार प्रति 1000 बच्चों में से 48 बच्चों की बचपन में मौत हो जाती है. पांच वर्ष से कम आयु के लगभग 10 प्रतिशत बच्चे दस्त के कारण जान गंवा देते हैं. प्रदेश में प्रति वर्ष लगभग 28 हजार बच्चे दस्त के कारण दम तोड़ देते हैं. बच्चों की मौत के प्रमुख कारणों में दस्त दूसरे स्थान पर है. कुल बाल मौत 13 प्रतिशत मात्र दस्त से होती है.
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महानिदेशक, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य डॉ. वेद ब्रत सिंह ने बताया कि सभी जिलों में एक साथ कार्यक्रम की शुरुआत हो गई है. दस्त से होने वाली मौतों पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए हर संभव कोशिश की जा रही है. डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. केके यादव कहते हैं कि डायरिया में कभी भी बच्चे के शरीर में पानी की कमी न होने दें. सोडियम शरीर के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह ग्लूकोज का को-ट्रांसपोर्टर है यानी शरीर में ग्लूकोज पहुंचाने में मददगार होता है. ऐसे में ओआरएस घोल समय-समय पर बच्चे को पिलाते रहें. जिंक की गोली जरूर खिलाएं और सरकारी अस्पताल में रोटा वायरस वैक्सीन की ड्राप जरूर पिलाएं. आमतौर पर दस्त सही होने के बाद लोग जिंक की गोली खिलाना बंद कर देते हैं, लेकिन इसे बच्चे को कम से कम 10 से 14 दिन जरूर खिलाएं ताकि आगे छह महीने तक डायरिया होने का खतरा न रहे.
डॉ. केके यादव के मुताबिक ओआरएस घोल में अनुपात का विशेष ध्यान रखें. अगर इलेक्ट्राल एक लीटर पानी में बनाया जाना है तो उतनी ही मात्रा इलेक्ट्राल की होनी चाहिए. लोग आमतौर पर एक चम्मच एक गिलास पानी में घोलकर पिला देते हैं, यह ठीक नहीं. अगर आपके बच्चे का वजन 10 किलो है तो 70 एमएल प्रति किलोग्राम के हिसाब से 700 एमएल का ओआरएस घोल तैयार कर उसे चार-चार घंटे में पिलाते रहें.