March 29, 2024, 9:15 pm

Pit bull Attack: डॉग मालिकों के लिए जारी हुई नई एडवाइजरी, एडवाइजरी नहीं मानी तो होगी कार्रवाई

Written By: गली न्यूज

Published On: Wednesday July 20, 2022

Pit bull Attack:  डॉग मालिकों के लिए जारी हुई नई एडवाइजरी, एडवाइजरी नहीं मानी तो होगी कार्रवाई

Pit bull Attack: लखनऊ के पिटबुल केस के बाद से लोग काफी डरे हुए है. खतरनाक ब्रीड के कुत्तों को पालने के लिए नगर निगम की ओर से नई-नई एडवाइजरी जारी की जा रही है. जिससे लोग सुरक्षित रह सकें और उन्हें कोई नुकसान न पहुंचे. हाल ही में पिटबुल डॉग ने अपने ही मालिक पर हमला कर दिया था और उन्हें मौत के घाट उतार दिया था. जिसके बाद से सभी को खतरनाक ब्रीड के कुत्तों को पालने से बचने की सलाह दी जा रही है. गाजियाबाद नगर निगम (Ghaziabad Municipal Corporation) ने नई एडवाइजरी जारी की है.

क्या है नई एडवाइजरी ?

लखनऊ के पिटबुल अटैक केस के बाद उत्तर प्रदेश के अलग-अलग नगर निगम एक्शन में है। https://gulynews.com को मिली जानकारी के मुताबिक लखनऊ के बाद गाजियाबाद नगर निगम (Ghaziabad Municipal Corporation) ने इस बारे में एक नई एडवाइजरी जारी की है। इस एडवाइजरी के मुताबिक अब डॉग मालिकों को अपने डॉग को बाहर घुमाने के दौरान मास्क और गले में पट्टा लगाना होगा. जिससे डॉग किसी पर भी हमला (Pit bull Attack) न कर सकें. वहीं, हिंसक होने वाले कुत्ते जैसे पिटबुल, हस्की और डाबरमैन डॉग के मालिकों से भी अपील की गई हैं कि सभी अपने डॉग को ट्रेनिंग जरूर दें. जिससे किसी भी घटना से बचा जा सके. गाजियाबाद नगर निगम (Ghaziabad Municipal Corporation) ने  यह भी साफ कर दिया है कि एडवाइजरी नहीं मानने वालों पर कार्रवाई भी की जाएगी।

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डॉग का रजिस्ट्रेशन जरूरी

गाज़ियाबाद नगर निगम ने रजिस्ट्रेशन का शुल्क भी 1000 से घटाकर 200 रुपया कर दिया है. नगर निगम सभी डॉग मालिकों को यह सूचना दें रहा है कि वे अपने पालतू डॉग का टीकाकरण करने के बाद पंजीकरण जरूर कराएं. ताकि नगर निगम के पास इस बात का रिकॉर्ड रहे कि किन घरों में पेट डॉग्स हैं। आपको बता दें कि इसके पहले लखनऊ नगर निगम ने विदेशी मूल के सभी कुत्तों (Pit bull) के लाइसेंस पर अस्थाई रोक लगा दी है। लखनऊ नगर निगम ने फैसला किया है कि पिटबुल के लाइसेंस पर अस्थाई तौर पर रोक जारी रहेगी। अब लाइसेंस विदेशी नस्ल के कुत्तों के ट्रेनिंग, टीका और बर्ताव के सर्वे के बाद जारी किया जाएगा। इसका मतलब यह है कि अब नगर निगम के अधिकारी विदेशी नस्ल के कुत्तों के ट्रेनिंग देखेंगे, साथ ही उसकी कब-कब वैक्सीनेशन की गई है इसका रिकॉर्ड भी पेट ऑनर को देना होगा। इतना ही नहीं नगर निगम के कर्मचारी विदेशी नस्ल के कुत्ते का बिहेवियर यानी बर्ताव भी देखेंगे तभी लाइसेंस जारी किया जाएगा।

लखनऊ की घटना के बाद उत्तर प्रदेश के तमाम नगर निगम एक्शन में हैं। और गाज़ियाबाद नगर निगम का यह फैसला उसी एक्शन की एक कड़ी है।

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