UP RERA News: बिल्डर अब नही कर सकेंगे धोखाधड़ी, रेरा ने सख्त कर दिया कानून
UP RERA News: फ्लैट खरीदारों के लिए राहत की खबर है। बिल्डर अब खरीदारों के साथ धोखाधड़ी नही कर सकेंगे क्योंकि यूपी रियल एस्टेट रेगुलेशन अथॉरिटी ने प्रदेश के बिल्डर्स को साफ कहा है कि उनके प्रोजेक्ट के नाम उसी नाम पर होने चाहिए जो उन्हें रजिस्ट्रेशन में मिले होते हैं। प्रमोटर्स को उसी नाम पर अपना पूरा प्रोजेक्ट चलाना होगा, जिस नाम से उन्हें अथॉरिटी से स्वीकृति मिली है।
क्या है पूरा मामला
बतादें, यूपी (UP RERA News) के प्रॉपर्टी और मकान खरीदारों के लिए खुशखबरी है।उत्तर प्रदेश रियल एस्टेट रेगुलेशन अथॉरिटी (RERA) ने यूपी के सभी बिल्डरों को चेतावनी जारी की है। रेरा ने कहा है कि बिल्डरों को और प्रोमोटर्स को उसी नाम से अपने प्रोजेक्ट बनाने होंगे, जो नाम उन्होंने मैप में दिए हैं। इससे मकान खरीदारों को कंफ्यूजन होती है और उन्हें अपने दस्तावेज पाने में भी मुश्किल होती है। यूपी रेरा ने साफ कह दिया है कि बिल्डर्स को इस बात का ध्यान रखना होगा।
रेरा ने पिछले सप्ताह जारी आदेश में कहा है कि बिल्डर्स को जो नक्शा लोकल अथॉरिटी से पास होकर मिलेगा, उसमें दर्ज नाम के अनुसार ही अपने प्रोजेक्ट का नाम भी रखना होगा। बिल्डर्स अपने ब्रांड नेम को बाद में बदल नहीं सकते हैं। प्रोमोटर्स भी अपने प्रोजेक्ट का नाम बदल नहीं सकते हैं। प्रोमोटर्स को उसी नाम का इस्तेमाल करना होगा, जो उन्हें लोकल अथॉरिटी से स्वीकार होकर मिला है। आदेश में साफ कहा गया है कि मैप में दिए गए ब्रांड नेम पर ही प्रोजेक्ट का नाम रखना होगा।
आदेश में क्या है?
यूपी रेरा ने कहा है कि प्रमोटर्स ने प्रोजेक्ट जिस नाम से रजिस्टर कराया है, उसी नाम से अपने टॉवर और ब्लॉक का नाम भी रखना होगा। लोकल अथॉरिटी की ओर से सैंक्शन किए नाम और मैप के आधार पर ही प्रोजेक्ट पूरा करना होगा। अगर दोनों में कोई अंतर होगा तो इसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।
हर बात स्पष्ट होना जरूरी
रेरा ने कहा है कि प्रोजेक्ट में इस्तेमाल किए गए नाम और अथॉरिटी की ओर से सैंक्शन किए नाम में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। अगर इसमें कोई चेंज होता है तो ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट और कम्पलीशन सर्टिफिकेट में भी अंतर आ जाता है। इसका खामियाजा मकान खरीदारों को भुगतना पड़ता है। स्टेटस प्रोजेक्ट को भी नाम के आधार पर ही तय किया जाएगा।
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रजिस्ट्रेशन और ब्रांड नेम में अंतर
रेरा ने कहा कि प्रमोटर्स प्रोजेक्ट ब्रांड नेम और रेरा की ओर से रजिस्टर्ड नाम में कोई बदलाव नहीं होना चाहिए। अथॉरिटी ने कहा है कि मकान खरीदारों को इससे कंफ्यूजन होता है। इसी को लेकर रेरा ने साफ कहा है कि प्रोजेक्ट के खरीदारों को दिक्कत न हो इसके लिए बिल्डर्स और प्रमोटर्स उसी नाम से अपने प्रोजेक्ट शुरू करने चाहिए, जो उन्हें रेरा से अप्रूव्ड होकर मिला है।
प्रोजेक्ट, जमीन के मालिक के नाम हो
यूपी रेरा ने कहा है कि कई बार ऐसा होता है कि डेवलपमेंट अथॉरिटी की ओर से मैप व प्रोजेक्ट और जमीन के मालिक दोनों के नाम में अंतर नहीं होना चाहिए। रेरा एक्ट के अनुसार, जमीन के मालिक और प्रोजेक्ट के टाइटल नेम में भी अंतर नहीं होना चाहिए। साथ ही लोकल अथॉरिटी को भी सख्त निर्देश हैं कि प्रोजेक्ट को उसी के नाम पर रजिस्टर्ड किया जाना चाहिए, जिसके नाम पर जमीन का मालिकाना हक होता है।