आने वाले दिनों में इस सोसाइटी में हो सकता है बड़ा बवाल, मेंटेनेंस की ईमेल पर लोगों ने उठाए सवाल
उत्तर प्रदेश के नोएडा में बिल्डर से फ्लैट पर कब्जा लेना जितना मुश्किल है उतना ही मुश्किल है कब्जे के बाद बिल्डर से निजात पाना। क्योंकि सोसाइटी के मेंटेनेंस के बहाने बिल्डर रेजिडेंट के पॉकेट से वसूली का ऐसा सिलसिला जारी रखता है जिससे चाह करके भी रेजिडेंट्स बाहर नहीं निकल पाते। कई बार मौका दोनों पक्ष के विरोध प्रदर्शन से बढ़कर संघर्ष तक पहुंच जाता है।
क्या है मामला
नोएडा के सेक्टर 74 स्थित केपटाउन सोसाइटी में भी मेंटेनेंस टीम और रेजिडेंट के बीच संघर्ष के आसार बढ़ गए हैं। मेंटेनेस टीम के लेटेस्ट ई मेल ने रेजिडेंट्स की चैन उड़ा दी है। सोसायटी के सोशल मीडिया ग्रुप पर इस मेल की खूब चर्चा है। लोक तरह-तरह के कॉमेंट कर रहे हैं और पूछ रहे हैं कि उनके पैसों का क्या होगा।
ई मेल मे क्या है
यह ईमेल सुपरटेक केपटाउन सोसाइटी के मेंटेनेंस टीम के द्वारा रेजिडेंट्स को भेजा गया है इसे सोसाइटी के मायगेट एप पर अपलोड किया गया है। इस ईमेल में टीम मेंटेनेंस ने आरोप लगाया है कि सोसाइटी में सरकारी मीटर लगने के बाद कई रेजिडेंट्स मेंटेनेंस जमा नहीं कर रहे हैं। ऐसे हालात में मेंटेनेंस टीम पर जबरदस्त दबाव है। मेंटेनेंस टीम का दावा है कि रेजिडेंट्स पर दो करोड़ से ज्यादा का केम बकाया है। इतना ही नहीं मेंटेनेंस टीम का दावा है कि पीवीवीएनएल के करीब ₹1500000 के बिजली बिल का भी बकाया है। मेंटेनेंस का कहना है कि अगर 15 जून तक सोसाइटी का बकाया बिजली बिल पश्चिमांचल वितरण विद्युत निगम लिमिटेड को नहीं जमा किया गया तो कॉमन एरिया के मेंटेनेंस पर इसका असर पड़ सकता है।
अव्यवस्था की आशंका
मेंटेनेंस टीम के इस मेल को देखें तो साफ पता चलता है कि मेंटेनेंस सरकारी मीटर लगने के बाद से व्यवस्थाओं से पल्ला झाड़ने के फिराक में है। सबसे बड़ी बात कि कई लोगों ने एडवांस पेमेंट कर रखा है इसके बाद भी मेंटेनेंस इस बात का दावा कर रहा है कि उसके पास रुपयों की कमी है और ऐसे में सोसाइटी में अव्यवस्था फैलने का डर का आशंका जताया जा रहा है।
क्या कहते हैं रेजिडेंट्स
सोसाइटी के कैप सिल्वर 4 टावर में रहने वाले नीरज शर्मा बताते हैं कि मेंटिनेस गंगा वाटर के नाम पर हर महीने सोसाइटी से 10000000 रुपए से ज्यादा की वसूली करता है जबकि रेजिडेंट्स को गंगा वाटर की जगह पर खारा नमकीन पानी मिल रहा है। इतना ही नहीं कूपन चार्ज के नाम पर भी हर महीने लाखों की वसूली की जा रही है। कूड़ा कचरा उठाने के नाम पर भी लाखों रुपए टीम मेंटेनेंस बसुलती है। इन रुपयों का सही जगह इस्तेमाल नहीं होता उसके बाद भी मेंटेनेंस रुपयों की कमी का रोना रोकर अव्यवस्था फैलाना की फिराक में नजर आ रही है।
प्रीपेड मीटर से केम वसूली क्यों ?
बता दें कि सोसाइटी में जब से पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के मीटर का इंस्टॉलेशन हुआ है तब से ही मेंटेनेंस का रवैया बदला हुआ है। मेंटेनेंस के पक्ष में कुछ रेजिडेंट्स सवाल खड़े कर रहे हैं कि केम की वसूली कैसे होगी? जबकि आपको बता दें कि प्रीपेड मीटर से कॉमन एरिया मेंटेनेंस की वसूली अवैध और गैरकानूनी है उसके बाद भी केपटाउन सोसाइटी में लगातार मेंटेनेंस टीम CAM की वसूली प्रीपेड मीटर से करते आई है।
मेंटेनेस टीम पर पहले ही पीवीवीएनएल के रास्ते में अड़चन डालने के आरोप लगते रहे हैं। अब जब सोसाइटी में लगभग सरकारी मीटर का काम पूरा हो गया है तो मेंटेनेंस ने इस तरह का ईमेल भेजकर एक बार फिर सोसाइटी का माहौल गर्म कर दिया है। लोग सवाल पूछ रहे हैं कि सोसायटी में रहने वाले रेजिडेंट्स कंज्यूमर भी है ऐसे में उनके उपभोक्ता हितों का ख्याल रखने में मेंटेनेंस आनाकानी क्यों कर रही है। सवाल है कि क्या अव्यवस्था का डर दिखाकर मेंटेनेंस पीवीवीएनएल का विरोध कर रही है?