Residents Issues: इस सोसाइटी में एओए पर बड़ी कार्रवाई, सील कर दिया गया खाता बढ़ी मुश्किलें
Residents Issues: दिल्ली एनसीआर के इलाकों की कई हाउसिंग सोसाइटियों में AOA और निवासियों के बीच सोसाइटी की समस्याओं को लेकर तनातनी बढ़ती जा रही है। हाल ही में नोएडा की जेएम अरोमा सोसाइटी में AOA के दोनो खाते बंद हो गए हैं। क्योंकि इस मामले में लोगों ने डिप्टी रजिस्ट्रार से AOA की मनमानी को लेकर शिकायत की थी। अब इस मामले में 12 जून को सुनवाई होनी है।
क्या है पूरा मामला
बतादें, नोएडा (Residents Issues) के सेक्टर 75 में स्थित जेएम अरोमा सोसाइटी में डिप्टी रजिस्ट्रार के पास चल रहे केस में अब 12 जून को सुनवाई होगी। इसके लिए AOA अध्यक्ष को इस सुनवाई में शामिल होने के लिए अंतिम अल्टीमेटम दिया गया है। सोसाइटी के दोनो AOA के बैंक खाते बंद होने से रखरखाव की प्रक्रिया पूरी होने में दिक्कत हो रही है। जबकि लोगों को उम्मीद है की डिप्टी रजिस्ट्रार किसी अधिकारी की देखरेख में निष्पक्ष चुनाव कराएंगे।
पिछले 5 साल से एक ही AOA काम कर रही
इस मामले में शिकायत कर्ता गौरव सिंह ने बताया की सोसाइटी में पिछले 5 साल से एक ही AOA काम कर रही है। इसका कारण चुनाव का न होना है।चार पांच लोग ही लगातार पदों पर बने हुए हैं। अन्य लोगों का आवेदन फर्जी बताकर रद्द कर दिया जाता है।
नई AOA बनाकर उसके खाते में शुल्क जमा करना शुरू
डिप्टी रजिस्ट्रार कार्यालय से समाधान न होने पर अप्रैल में लोगों ने AOA को मेंटीनेंस शुल्क देना बंद कर के नई AOA बनाकर उसके खाते में शुल्क जमा करना शुरू किया था। 25 मई को हुई सुनवाई में भी AOA अध्यक्ष नहीं पहुंचे थे।जिसकी वजह से फिर से अब 12 जून को सुनवाई की तारीख तय की गई है।
12 जून को डिप्टी रजिस्ट्रार के सामने सुनवाई
हालांकि, इस मामले में डिप्टी रजिस्ट्रार ने लोगों की शिकायतों के अनुसार सोसाइटी में एक निष्पक्ष बाहरी एजेंसी से फॉरेंसिक ऑडिट कराने के निर्देश दिए हैं। जबकि, AOA अध्यक्ष दीपक चौहान ने बताया की वर्तमान में दोनों AOA के खाते फ्रिज हैं। इस मामले में 12 जून को डिप्टी रजिस्ट्रार के सामने सुनवाई में शामिल होकर पक्ष रखा जायेगा।
यह भी पढ़ें…
Swimming Pool News: स्वीमिंग पूल में नहाने से बच्चे की तबियत बिगड़ी, ये है वजह
ऐसे हो सकता है इस समस्या का समाधान
बतादें, इस तरह के मामलों से निपटने के लिए यूपी अपार्टमेंट अधिनियम को सभी हाईराइज सोसायटियों में यूपी अपार्टमेंट अधिनियम को इसकी वास्तविक भावना से लागू करने की आवश्यकता है। यूपी अपार्टमेंट अधिनियम के गठन का कारण स्वयंसेवकों (एओए) द्वारा समाजों में शासन को विनियमित करना और समाजों में स्व-शासन करना था। इरादा निवासियों को पैसा कमाने वाले डेवलपर्स के चंगुल से बाहर निकालना और निवासियों के लिए जीवनयापन में आसानी लाना था। प्रशासन को एक बेहतर प्रणाली बनाने के लिए सक्रिय रूप से कदम उठाने की जरूरत है जो समाज से खराब प्रशासन को खत्म करने में मदद कर सके। यह केवल मौजूदा अधिनियम के कार्यान्वयन (कुछ संशोधनों के साथ) और पूरे सिस्टम की उचित निगरानी करके ही किया जा सकता है।