November 21, 2024, 7:33 pm

42 साल की हुई BJP, पीएम ने कहा- परिवारवाद पार्टियां लोकतंत्र की दुश्मन।

Written By: गली न्यूज

Published On: Wednesday April 6, 2022

42 साल की हुई BJP, पीएम ने कहा- परिवारवाद पार्टियां लोकतंत्र की दुश्मन।

बीजेपी अपना 42वां स्थापना दिवस मना रही है। इस मौके पर कार्यकर्ताओं ने जगह-जगह रैलियां निकाली। जोरों-शोरों के साथ बीजेपी 42वां स्थापना दिवस मना रही है। इस मौके पर पीएम मोदी ने कार्यकर्ताओं को संबोधित किया।

बीजेपी के स्थापना दिवस पर पीएम मोदी ने संबोधित करते हुए कहा- बीजेपी का महासंघर्ष चलता रहेगा। महिलाओं की शक्ति से देश की दिशा बदल रही है। देश के विकास के लिए कई कार्यकर्ताओं ने अपना जीवन दांव पर लगाया। भारत बिना किसी डर या दबाव के अपने हितों के लिए अडिग है। सरकारी मशीनरी का लाभ समाज के हर वर्ग तक पहुंचेगा। राष्ट्रीय हितों को ध्यान में रखकर काम कर रही है बीजेपी। बीजेपी एक भारत, श्रेष्ठ भारत के मंत्र पर चल रही है।

पीएम मोदी ने कार्यकर्ताओं से ‘कमल पुष्प अभियान’ से जुड़ने की अपील की।

पीएम मोदी का विपक्ष पर तगड़ा प्रहार
पीएम मोदी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा- परिवारवाद ने देश को आगे नहीं बढ़ने दिया। देश के युवा परिवारवाद को समझ चुके हैं। कुछ राजनीतिक दल परिवार के लिए काम करते हैं।

परिवारवादी पार्टियां लोकतंत्र की दुश्मन

पीएम मोदी ने विपक्ष को लोकतंत्र का दुश्मन बताया। कहा- लोकतंत्र की दुश्मन हैं परिवारवाद पार्टियां। लोकतंत्र की दुश्मन हैं परिवारवादी पार्टियां। परिवारवाद पार्टियां संविधान को नहीं मानती। राष्ट्रभक्ति और परिवारभक्ति की राजनीति चल रही है। परिवारवाद वाली पार्टियां सिर्फ खुद के बारे में सोचती हैं। पीएम ने कहा- परिवारवादी पार्टियों ने जनता के साथ धोखा किया।

 

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आपको बता दें। बीजेपी आज देश की सबसे बड़ी पार्टी के रूप में साबित हुई है। बीजेपी की स्थापना 1980 में हुई। प्राथमिक सदस्यता के मामले में बीजेपी सबसे बड़ा दल है।

1977, 1979 तक बीजेपी को भारतीय जनसंघ के रूप में जाना जाता था। बीजेपी 1951 से 1977 तक भारतीय जनसंघ थी।

भारतीय जनसंघ की स्थापना श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने 1951 में की थी। पहले आम चुनाव में सफलता हाथ नहीं लगी। लेकिन भारतीय जनसंघ आम चुनाव में अपनी पहचान बनाने में सफल रहा।

भारतीय जनसंघ शुरू से ही कश्मीर का मुद्दा उठाता रहा। गो रक्षा के लिए आवाज उठाता रहा। साथ ही जमींदारी व्यवस्था, परमिट-लाइसेंस-कोटा राज अहम मुद्दा रहा।

भारतीय जनसंघ को जनता पार्टी से अलग कर दिया गया। जिसके बाद इसका नाम बदलकर भारतीय जनता पार्टी कर दिया गया।

1980 में मुंबई में पहला अधिवेशन

बीजेपी का पहली अधिवेशन दिसंबर 1980 में मुंबई में हुआ था। बीजेपी शुरुआत से ही कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोली हुई थी।

अटल बिहारी वाजयपेयी इसके संस्थापक अध्यक्ष चुने गए। पंडित दीन दयाल उपाध्याय के वैचारिक दर्शन और डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी द्वारा दिए गये बलिदान से प्रेरित होकर जिस पार्टी की बुनियाद रखी गयी, वह आज दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बन चुकी है।

1984 में बीजेपी को मिली थीं सिर्फ 2 सीटें

1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद राजीव गांधी को तीन चौथाई बहुमत मिला। बीजेपी को सिर्फ 2 सीटें मिलीं। बीजेपी की ये बहुत बड़ी हार थी।

बीजेपी ने तगड़ी हार के बाद भी पीछे हटने का फैसला नहीं लिया। बीजेपी दटी रही। बीजेपी ने दोबारा उबरने की कोशिश जारी रखी। बीजेपी ने बांग्लादेशी घुससपैठियों का मुद्दा उठाया। बोफोर्स तोप सौदे पर लगातार राजीव गांधी को निशाने पर लेती रही।

1989 में बीजेपी का जनता दल से गठबंधन

1989 के चुनावों में बीजेपी ने जनता दल के साथ गठबंधन किया। विश्वनाथ प्रताप सिंह जनता दल का नेतृत्व कर रहे थे। बीजेपी ने 1984 में लोकसभा चुनाव में अपने सदस्यों की संख्या 2 से बढ़ाकर 89 कर दी। बीजेपी ने बाहर से विश्वनाथ प्रताप सिंह सरकार को बिना शर्त समर्थन दिया। बाद में पार्टी के नेताओं ने इस फैसले को गलत बताया।

इंदिरा गांधी की हत्या के बाद राजीव गांधी ने शाहबानो मामले में तुष्टीकरण की राजनीति की। इस तुष्टीकरण की नीति से लोगों में कांग्रेस के खिलाफ नकारात्मकता आना शुरू हो गई थी।

 

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बीजेपी के समर्थन में वीपी सिंह की सरकार बनी

बीजेपी के समर्थन में वीपी सिंह की सरकार बनी। 1980 से ही कमीशन मंडल की सिफारिशे लंबित थीं। लेकिन बीजेपी के समर्थन से चलने वाली सरकार ने इसे लागू किया। मंडल लागू तो हो गया लेकिन विभाजन और द्वेष आना शुरू हो गया। मंदिर आंदोलन के जरिए हिंदुओं को एकजुट करने का प्रयास किया। लेकिन बीजेपी का समर्थन पाकर सत्ता में आए वीपी सिंह ने इस मुद्दे पर पैर पीछे कर लिए। जिसके बाद लाल कृष्ण आडवाणी को गिरफ्तार कर लिया गया।

अटल बिहारी वाजपेयी 3 बार प्रधानमंत्री बने

बीजेपी के संस्थापक अटल बिहारी वाजपेयी अलग-अलग कार्यकाल के लिए 3 बार प्रधानमंत्री बने। पंडित दीन दयाल उपाध्याय के वैचारिक दर्शन और डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी द्वारा दिए गये बलिदान से प्रेरित होकर जिस पार्टी की बुनियाद रखी गई।

आज बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी है और पीएम मोदी भी पंडित दीन दयाल उपाध्याय के वैचारिक दर्शन और डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के अनुसार की पार्टी का नेतृत्व कर रहे हैं।

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