Meeting of Industrialists: ग्रेटर नोएडा में उद्योगपतियों की हुई बैठक, ये मुद्दे उठाए गए…
Meeting of Industrialists: ग्रेटर नोएडा में हाल ही में उद्योगपतियों की एक बैठक हुई। जिसमे कहा गया की ग्रेटर नोएडा के औद्योगिक सेक्टरों में रोड, स्ट्रीट लाइट और पानी आदि समस्याओं को जल्द हल किया जाएगा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार ने भी इस बैठक में भाग लिया। सीइओ ने बैठक के दौरान ही उद्यमियों की शिकायतों को प्राथमिकता पर हल करने के निर्देश दिए।
क्या है पूरा मामला
मिली जानकारी के मुताबिक ग्रेटर नोएडा (Meeting of Industrialists) में उद्योगों से जुड़ी समस्याओं को हल करने के लिए सोमवार को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सभागार में उद्योग बंधु की बैठक हुई। जिसमें नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण के एरिया के उद्यमियों ने हिस्सा लिया। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में डीएम मनीष कुमार वर्मा, एसीईओ मेधा रूपम, एसीईओ सौम्य श्रीवास्तव, एसीइओ अन्नपूर्णा गर्ग, ओएसडी हिमांशु वर्मा और ओएसडी विषु राजा समेत तमाम वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
एक-एक करके सुनी सभी की समस्या
उद्यमियों ने एक-एक करके अपने उद्योगों से जुड़ी समस्याओं को प्राधिकरण, जिला प्रशासन और पुलिस महकमें के अधिकारियों के समक्ष रखा। उद्यमियों ने बताया कि औद्योगिक सेक्टरों में स्ट्रीट लाइट न जलने की समस्या है। शाम होने के बाद सड़कों पर अंधेरा हो जाता है। कई सेक्टरों में सड़कें खराब हो रही हैं। पानी की आपूर्ति न होने के बावजूद बिल लगातार आ रहा है।
जिम्मेदारों को मिला 10 दिन का समय
हल्दौनी मोड़ पर ट्रैफिक की समस्या रहती है। सीईओ ने इन समस्याओं को सुनने के बाद एसीईओ को शीघ्र हल कराने के निर्देश दिए। इसके साथ ही पानी की आपूर्ति की समस्या को हल करने के लिए वरिष्ठ प्रबंधक को 10 दिन का समय दिया है। सीईओ ने कहा कि कोई भी आवंटी, चाहे वह किसान हों, उद्यमी या फिर बिल्डर-खरीदार हों, वे कभी भी ऑफिस आकर उनसे मिल सकते हैं। उद्यमियों की मांग पर सीईओ ने उद्योग बंधु की बैठक नियमित रूप से करने का भरोसा दिलाया।
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उद्यमियों की मांग
उद्यमियों ने भी सीईओ के प्रयासों की सराहना की। सीईओ के समक्ष उद्यमियों ने ओटीएस और यूपीसीडा के सेक्टरों को ग्रेटर नोएडा में मर्ज करने आदि सुविधाएं देने की भी मांग की। सीईओ ने कहा कि ये सभी नीतिगत फैसले हैं। इसलिए प्राधिकरण बोर्ड के समक्ष रखकर इन पर विचार किया जाएगा।