Lift Act In UP: इतने लोगो की गई जान, तब कहीं यूपी में लागू हो सका लिफ्ट एक्ट…
Lift Act In UP: उत्तर प्रदेश के शहरों में हाउसिंग सोसाइटियों में लगातार हो रहे लिफ्ट हादसों को पर लगाम लगाने के लिए योगी सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। उत्तर प्रदेश में लिफ्ट एक्ट कानून को योगी सरकार ने मंजूरी दे दी। लेकिन क्या आपको पता है कि इस लिफ्ट एक्ट की मांग के दौरान गौतमबुद्ध नगर जिले में कई लोगों की मौत हो गई। इन सभी लोगों की मौत लिफ्ट की वजह से हुई। इन लोगों की मौत के बाद लिफ्ट एक्ट का मुद्दा तेजी के साथ सीएम योगी के सामने पेश किया गया।
क्या है पूरा मामला।
खबर के अनुसार उत्तर प्रदेश में लिफ्ट एक्ट ( Lift Act In UP) कानून को योगी सरकार ने मंजूरी दे दी है। उत्तर प्रदेश में बढ़ रहे लिफ्ट हादसों को रोकने के लिए गौतमबुद्ध नगर की जेवर सीट से विधायक धीरेन्द्र सिंह ने पहली बार यह मुद्दा विधानसभा में उठाया था। उन्होंने योगी आदित्यनाथ से सिफारिश की थी कि हादसों को रोकने के लिए लिफ्ट एक्ट और एक्सेलेटर विधेयक को लागू किया जाए।
उत्तर प्रदेश में लिफ्ट एक्ट लागू हो गया है। लेकिन, लिफ्ट एक्ट की मांग के दौरान गौतमबुद्ध नगर जिले में कई लोगों की मौत हो गई। इन सभी लोगों की मौत लिफ्ट की वजह से हुई। इन लोगों की मौत के बाद लिफ्ट एक्ट का मुद्दा तेजी के साथ सीएम योगी के सामने उठाया गया।
नोएडा की लिफ्ट में हुई थी महिला मौत
आपको बता दें कि बीते 3 अगस्त 2023 को पारस टिएरा हाउसिंग सोसाइटी के टॉवर नंबर 24 में रहने वाली 70 वर्षीय महिला सुशीला देवी गुरुवार की शाम किसी काम से नीचे जा रही थीं। सुशीला देवी अपने बेटे और बहू के साथ यहां सोसाइटी में रहती थीं। लोगों ने बताया कि अचानक लिफ्ट का तार टूट गया। जिससे तेज झटका लगा। लिफ्ट बीच की मंजिल पर आकर अटक गई। किसी तरह लोगों को इस हादसे की जानकारी मिली तो मेंटनेंस डिपार्टमेंट को सूचना दी गई। सुरक्षा कर्मी और मेंटीनेंस डिपार्टमेंट के कर्मचारी लिफ़्ट को खोलने में जुट गए। बताया गया है कि करीब 45 मिनट लिफ़्ट को खोलने में लग गए। इस दौरान सुशीला देवी की मौत हो चुकी थी।
ग्रेटर नोएडा वेस्ट में लिफ्ट बनी 9 लोगों की मौत का कारण
नोएडा के बाद ग्रेटर नोएडा वेस्ट की आम्रपाली निर्माणधीन हाउसिंग सोसाइटी में काम करते वक्त लिफ्ट टूट गई थी। उस घटना में 9 मजदूर गंभीर रूप से घायल हुए थे। सभी को इलाज के लिए नोएडा के सेक्टर-30 में स्थित जिला अस्पताल में एडमिट करवाया गया, जहां पर एक-एक करके सभी 9 लोगों ने दम तोड़ दिया था। इस घटना ने लखनऊ तक हड़कंप मचा दिया था। अंत में आम्रपाली और इस प्रोजेक्ट को बनाने वाली एनबीसीसी के अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ।
कैसे और कब हुए हैं हादसे
आम्रपाली ड्रीम वैली निर्माणधीन सोसाइटी में (15 सितम्बर 2023) की सुबह करीब 8:30 यह हादसा हुआ है। पैसेंजर लिफ्ट में सवार होकर 9 लोग 14वीं मंजिल से नीचे आ रहे थे। आठवीं मंजिल पर अचानक लिफ्ट टूट गई और नीचे जाकर गिरी। इस घटना में लिफ्ट में सवार 4 मजदूरों की मौत मौके पर हो गई थी। बाकी 5 मजदूरों को गंभीर हालत में जिला अस्पताल में एडमिट करवाया गया था। इलाज के दौरान उनकी भी मौत हो गई। इस घटना में कुल मिलाकर 9 परिवारों में मातम छा गया था। इस घटना पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अलावा भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दुख जताया था। योगी आदित्यनाथ ने पीड़ित परिवार को आर्थिक मदद भी दिलवाई और जिम्मेदारों पर एक्शन लेने का आश्वासन भी दिया था।
उत्तर प्रदेश में लिफ्ट एक्ट लागू होने के बाद सबसे बड़ा फायदा गौतमबुद्ध नगर और ग़ाज़ियाबाद ज़िले के लाखों लोगों को मिलेगा। दरअसल, ग़ाज़ियाबाद के साथ नोएडा, ग्रेटर नोएडा और ग्रेटर नोएडा वेस्ट की सैकड़ों हाउसिंग सोसाइटियों में हज़ारों की संख्या में लिफ़्ट लगी हुई हैं। जिनके रखरखाव और मैनेजमेंट को लेकर कोई नियम-कायदे नहीं हैं। इसी वजह से इन शहरों में लिफ़्ट से जुड़े हादसे रोज़मर्रा हो रहे हैं।
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धीरेंद्र सिंह ने विधानसभा में सबसे पहले कानून बनाने की मांग की थी
ज़ेवर के विधायक ठाकुर धीरेंद्र सिंह ने लगातार हो रहे लिफ़्ट हादसों की तरफ उत्तर प्रदेश विधानसभा में मुद्दा उठाया और लिफ़्ट क़ानून बनाने की मांग की थी। पिछले विधानसभा सत्र के दौरान उत्तर प्रदेश के बिजली मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने धीरेंद्र सिंह को लिफ़्ट एक्ट पास करवाने का आश्वासन दिया था। धीरेंद्र सिंह ने बताया कि दिसंबर में एक सप्ताह के लिए विधानसभा सत्र आयोजित किया गया, लेकिन लिफ़्ट एक्ट लागू नहीं करवाया जा सका था। दरअसल, यह क़ानून विधानसभा में 28वें नंबर पर पेश किया जाना था। उस समय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऊर्जा विभाग को आदेश दिया कि क़ानून में पर्याप्त उपबंध नहीं हैं। कानून को और मज़बूत बनाने की आवश्यकता है। लिहाज़ा, निर्णय लिया गया कि लिफ़्ट एक्ट पास करने के लिए विधानसभा में बिल अगले साल बजट सत्र के दौरान पेश किया जाएगा। उसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने आवास पर लिफ़्ट एक्ट के मसौदे का बारीकी से अध्ययन किया था। ऊर्जा विभाग के अफ़सरों ने मुख्यमंत्री को प्रजेंटेशन दिया था। अब इस क़ानून को योगी आदित्यनाथ ने मंजूरी दे दी।
इतने राज्यों में लागू है लिफ्ट एक्ट
अभी हमारे देश के सिर्फ 11 राज्यों में ही लिफ्ट एक्ट लागू हो सका है। जिसमे उत्तर प्रदेश लिफ्ट एक्ट लागू करने वाला अब भारत का बारहवां राज्य बन गया है। लिफ्ट एक्ट अभी इन राज्यों में लागू है…
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