Flat Registry News: हजारों रजिस्ट्री हुई होल्ड,अथॉरिटी को बकाया के रुपए चुकाने को तैयार नहीं बिल्डर
Flat Registry News: फ्लैट की रजिस्ट्री को लेकर खरीदारों की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। प्राधिकरण के कई बार मीटिंग करने और निर्देश देने के बावजूद भी बिल्डर बकाया के रुपए जमा नहीं करा रहे हैं। जिसके चलते नोएडा और ग्रेटर नोएडा में हजारों फ्लैट्स की रजिस्ट्री होल्ड हो गई है।
क्या है पूरा मामला
बतादें, अमिताभकांत समिति की सिफारिश (Flat Registry News) के तहत दो साल का जीरो पीरियड का लाभ मिलने के बाद भी बिल्डर अधिक संख्या में प्राधिकरण का बकाया जमा करने को आगे नहीं आ रहे हैं। इस वजह से फ्लैट खरीदारों की रजिस्ट्री भी काफी धीमी गति से चल रही है। नोएडा में करीब 26 ऐसी परियोजनाएं हैं, जिनका काम बंद पड़ा है या काफी धीमी गति से चल रहा है। अब तक मात्र 14 बिल्डर ने रजिस्ट्री की शुरुआत के लिए 25 प्रतिशत धनराशि जमा कराई है। इनमें से चार बिल्डर परियोजना ऐसी थीं, जिनको जीरो पीरियड का लाभ दिए जाने से उनका बकाया अपने आप जीरो हो गया था। ऐसे में हकीकत में मात्र 10 बिल्डर ने ही पैसे जमा कराए हैं। अधिकारियों का कहना है 14 बिल्डरों परियोजना में करीब 500 फ्लैट की रजिस्ट्री हो चुकी है।
कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार…
अमिताभकांत कमेटी की तैयार रिपोर्ट में कुछ संशोधन कर यूपी कैबिनेट ने दिसंबर 2023 में इसको मंजूरी दे दी थी। इस संबंध में 21 दिसंबर को शासनादेश भी जारी कर दिया गया। शासनादेश के तहत इसमें अधूरी परियोजनाओं को पूरा कराने के लिए बिल्डरों को को-डेवलपर लाने की छूट दी गई है। को-डेवलपर्स को प्राधिकरण के अभिलेखों में शामिल करते हुए अनुमति दी जाएगी। प्राधिकरण से अनुमति मिलने के बाद प्राधिकरण का बकाया देने और परियोजना को पूरी करने की जिम्मेदारी संयुक्त रूप से को- डेवलपर और आवंटी यानि मुख्य बिल्डर की होगी।
अभी तक नहीं आया कोई आवेदन
प्राधिकरण अधिकारियों की मानें तो मौजूदा ग्रुप हाउसिंग परियोजना के किसी भी बिल्डर ने को-डेवलपर लाने की पहल भी नहीं की है। अब तक कोई आवेदन नहीं आया है। अगर आता है तो उस प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा। अधिकारियों का कहना है कि को-डेवलपर पॉलिसी को इसलिए शामिल किया गया था कि ताकि खरीदारों को जल्द फ्लैट मिल जाएं।
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26 ऐसी परियोजनाओं का काम हुआ बंद
नोएडा प्राधिकरण एरिया में करीब 26 ऐसी परियोजनाएं हैं, जिनका काम बंद पड़ा है या काफी धीमी गति से चल रहा है। इनमें करीब 25 हजार फ्लैट बिक चुके हैं, लेकिन लोग कब्जा पाने के लिए सालों से इंतजार कर रहे हैं। इन परियोजना के सभी बिल्डर प्राधिकरण के बकायेदार भी हैं। प्राधिकरण टीम ने इन सभी परियोजना की मौके पर जाकर स्थिति भी देखी है। इनमें 12 परियोजना में काफी काम बचा हुआ है। को-डिवेलपर्स आने से रियल एस्टेट सेक्टर में भी तेजी आएगी।