April 20, 2024, 5:31 pm

हाइड पार्क सोसाइटी में AOA Vs AOA की लड़ाई तेज, कर्मचारियों की सैलरी का रास्ता खुला।

Written By: गली न्यूज

Published On: Sunday June 26, 2022

हाइड पार्क सोसाइटी में AOA Vs AOA की लड़ाई तेज, कर्मचारियों की सैलरी का रास्ता खुला।

गौतमबुद्ध नगर के नोएडा के सेक्टर 78 के हाइड पार्क सोसाइटी में संघर्ष के हालात बने हैं। एक तरफ सोसाइटी के भीतर काम करने वाले कर्मचारी यानी फेसिलिटी टीम समय से सैलरी नहीं मिलने से नाराज है वहीं दूसरी ओर एओए Vs एओए की जोरदार लड़ाई जारी है। इस बीच डिप्टी रजिस्ट्रार ने तमाम आरोप-प्रत्यारोप के बीच फॉरेंसिक ऑडिट का बड़ा आदेश जारी किया है।

https://gulynews.com को मिली जानकारी के मुताबिक एओए के भीतर ही इस वक्त संघर्ष के हालात बने हुए हैं। जिसके बाद आर-पार की लड़ाई जारी है। हालात को देखते हुए एओए अध्यक्ष अश्विनी त्रिपाठी ने भी मामले की जांच के लिए बीते 3 जून को डिप्टी रजिष्ट्रार को खत लिखा था। इन लोगों की शिकायतें मिलने के बाद डिप्टी रजिस्ट्रार ने एओए खातों के फॉरेंसिक जांच के आदेश दिए हैं। यह आदेश सोसाइटी रजिस्ट्रेशन एक्ट की धारा 24 के तहत दी गई है। संजेती लालवाणी एंड एसोसिएट्स के विनीत संचेती को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है। वित्त वर्ष 2020-21 और 2021-22 के खातों की पूर्ण जांच के आदेश दिए गए हैं।

यह भी पढ़ें:- 

नोएडा में एसिड अटैक सर्वाइवर चला रही हैं शीरोज हैंगआउट कैफे, दर्द के बीच मुस्कुराहट और शानदान टी टाइम

डिप्टी रजिस्ट्रार के आदेश के बाद एओए अध्यक्ष अश्विनी त्रिपाठी ने तमाम खर्चों को तत्काल प्रभाव से रोक दिया था ताकि जांच अधिकारी को किसी तरह की परेशानी का सामना ना करना पड़े। लेकिन इससे सोसाइटी के अंदर काम करने वाले कर्मचारी सैलरी ना मिलने से परेशान हो गए । हालांकि बाद में सोसाइटी के सचिव अतुल राज एक शिकायती पत्र लेकर डिप्टी रजिस्ट्रार के पास पहुंचे और सोसाइटी की परेशानियों को बयान किया। अतुल राज के इस कदम के बाद डिप्टी रजिस्ट्रार ने अपने पहले के आदेश को संशोधित करते हुए दैनिक व्यय के लिए खातों से निकासी के आदेश दिए।

बता दें कि इसी महीने की 5 तारीख को AOA प्रेसिडेंट ने 4 मेंबर्स के खिलाफ साक्ष्य प्रस्तुत कर GBM में उन सभी को निष्कासित कर दिया था. हालांकि निष्कासित सदस्यों ( विरोधी पक्ष) का दावा है कि उन्होंनो बहुमत के साथ AOA के प्रेसिडेंट पद से अश्विनी त्रिपाठी को ही हटा दिया है। इसका प्रस्ताव भी बोर्ड बैठक के साथ जीबीएम में पास कराया गया है। उसके बाद से हर रोज ईमेल, व्हाट्सएप के माध्यम से एक-दूसरे पे आरोप और प्रत्यारोप लगाने का दौर शुरू हो गया है।

यह भी पढ़ें:-

पटना में ड्रग इंस्पेक्टर के घर पर छापेमारी, 4 करोड़ कैश समेत कई जमीन के कागजात, सोना, चांदी और चार लग्जरी कारें बरामद

Leave a Reply

Your email address will not be published.