यमुना के सूखने से गहराया जल संकट, बूंद-बूद को तरस रहे लोग
Delhi Water Crisis: राजधानी दिल्ली में गर्मी ने अब तक के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. जून और जुलाई में सूखने वाली यमुना मई की शुरुआत में ही सूखती हुई नजर आ रही है. दिल्ली में गर्मी इतनी बढ़ गई है कि हालात यह हैं कि कहीं पर तपिश इतनी है कि लोगों का घर से निकलना बहुत मुश्किल हो गया है. कहीं पर गंभीर लू चल रही है. इससे लोग बीमार हो ही रहे हैं. गर्मी की वजह से अब नदियां भी सूखने लगी हैं. यमुना सूखने के कारण दिल्ली के कई इलाकों में जलसंकट भी बढ़ता जा रहा है.
एक सप्ताह में वजीराबाद में यमुना के जल स्तर में साढ़े पांच फीट से अधिक की कमी आ चुकी है. इससे जल बोर्ड के वजीराबाद, चंद्रावल और ओखला जलशोधन संयंत्रों से जलापूर्ति कम होने से पेयजल किल्लत बढ़ती जा रही है.
आशंका जताई जा रही है कि अगर समस्या का हल जल्द नहीं निकाला गया तो दिल्ली में बड़ा पेयजल संकट पैदा हो सकता है. जल बोर्ड के अनुसार करीब तीन सप्ताह पहले वजीराबाद में यमुना नदी का जल स्तर कम होना शुरू हुआ था, लेकिन एक सप्ताह से समस्या ज्यादा बढ़ी है.
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बता दें कि, वजीराबाद बैराज के पास यमुना नदी का सामान्य जल स्तर 674.50 फुट होना चाहिए. 12 मई को जल स्तर घटकर 671.80 फीट हो गया था. इसके बाद से जल स्तर लगातार नीचे जा रहा है. 17 मई को जल स्तर 669 फीट था, जो बुधवार को गिरकर 668.9 फीट हो गया.
अब तीन सप्ताह में जल बोर्ड पांच बार हरियाणा के सिंचाई विभाग को पत्र लिखकर 150 क्यूसेक अतिरिक्त पानी छोड़ने की मांग कर चुका है, लेकिन अभी तक स्थिति में सुधार नहीं हुआ है. इस वजह से उत्तरी, उत्तरी-पश्चिमी, मध्य और दक्षिणी दिल्ली के कई इलाकों सहित नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (एनडीएमसी) के इलाकों में भी जलापूर्ति प्रभावित हुई है.
जल बोर्ड के अनुसार दिल्ली में 1,260 एमजीडी (मिलियन गैलन डेली) की जरूरत होती है. जल बोर्ड सामान्य तौर पर 950 एमजीडी पानी आपूर्ति करता है, लेकिन इस बार ट्यूबवेल के जरिये जलापूर्ति बढ़ाई गई थी. इस वजह से पिछले दिनों जल बोर्ड करीब 990 एमजीडी जलापूर्ति कर रहा था.
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