Ban on School Buses: इन स्कूलों की बसों पर लगी पाबंदी, स्टूडेंट्स को आने-जाने में हो सकती है परेशानी
Ban on School Buses: नोएडा-ग्रेटर नोएडा के परिवहन विभाग ने जर्जर हालत वाली और खतरनाक स्कूली बसों पर पाबंदी लगा दी है। परिवहन विभाग ने ये कदम स्टूडेंट्स के सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उठाया है। नोएडा-ग्रेटर नोएडा के स्कूलों की खतरनाक बसों को सड़कों से हटाया जाएगा। परिवहन विभाग इन सभी बसों के पंजीकरण निलंबित करेगा। जो बसें 15 साल की अवधि पूरी कर चुकी हैं।
क्या है पूरा मामला
मिली जानकारी के अनुसार स्कूली बसों (Ban on School Buses) में स्टूडेंट्स की सुरक्षा को लेकर परिवहन विभाग (Transport Department) ने बड़ा फैसला लिया है। नोएडा-ग्रेटर नोएडा के स्कूलों की खतरनाक बसों को सड़कों से हटाया जाएगा। परिवहन विभाग इन सभी बसों के पंजीकरण निलंबित करेगा। जो बसें 15 साल की अवधि पूरी कर चुकी हैं। इसको लेकर परिवहन विभाग कई बार स्कूलों को नोटिस भी भेज चुका है, इसके बावजूद भी इनका पंजीकरण निरस्त नहीं कराया है।
स्कूलों में जाकर होगी वाहनों की जांच
परिवहन विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, गौतमबुद्ध नगर के निजी स्कूलों की करीब 70 बस 15 साल की अवधि पूरी कर चुकी हैं। बीते समय में ऐसी कुछ बसें सड़कों पर दौड़ती मिली थीं। एआरटीओ प्रशासन डॉ.सियाराम वर्मा ने बताया कि ऐसी बसों का पंजीकरण रद्द किया जाएगा। स्कूलों में जाकर भी वाहनों की जांच की जाएगी। नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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स्कूल बसों को लेकर जरूरी दिशा-निर्देश
- स्कूल बस पीले रंग से पेंट होनी चाहिए , इसके आगे और पीछे स्कूल बस होना चाहिए।
- बस के आगे और पीछे स्कूल ऑन ड्यूटी लिखा होना चाहिए।
- सभी खिड़कियों के बाहर लोहे की ग्रिल लगी हो।
- बस में आग बुझाने के पर्याप्त इंतजाम हो।
- स्कूल बस पर स्कूल का नाम और उसका फोन नंबर जरूर लिखे होना चाहिए।
- बस में स्कूल का एक सहायक भी होना चाहिए।
- बस के दरवाजे में मजबूत लॉक लगा होना चाहिए।
- स्कूली वाहन में जरूर फर्स्ट एड बाक्स होना चाहिए।
- बस 40 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक की रफ्तार में न चले, इसके लिए स्पीड गवर्नर लगा हो
- वाहन चालक का अनुभव कम से कम पांच वर्ष भारी वाहन चलाने का होना चाहिए।