Delhi-NCR में इतने तारीख को दस्तक देगा मानसून, IMD ने क्या कहा?
Delhi Monsoon update: मौसम विभाग (IMD) ने गुरुवार को बताया कि मानसून सामान्य गति से आगे बढ़ रहा है. अगले दो दिनों में इसके महाराष्ट्र पहुंचने की संभावना है. इसके अलावा Delhi-NCR और उत्तर पश्चिम भारत के अन्य हिस्सों में इस सप्ताह में अधिकतम तापमान में कुछ डिग्री की गिरावट आएगी, लेकिन 15 जून तक बड़ी राहत मिलने की संभावना नहीं है. आईएमडी के अनुसार, 16 जून से नमी भरी हवाएं चलेंगी, जिससे इस क्षेत्र के लोगों को राहत मिल सकती है.
मौसम वैज्ञानिकों ने बताया कि मानसून 31 मई से सात जून के बीच दक्षिण व मध्य अरब सागर, पूरे केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु के कुछ हिस्सों में पहुंच गया था. उन्होंने बताया कि मानसून पूरे पूर्वोत्तर भारत में पहुंच चुका है और इस दौरान अच्छी बारिश हुई है.
जानकारों के अनुसार मानसून में कोई देरी नहीं है. अगले दो दिनों में इसके महाराष्ट्र पहुंचने की संभावना है और उसके बाद के दो दिनों में पूरे मुंबई में मानसून पहुंच जाएगा. अगले दो दिनों में गोवा और महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश तथा तमिलनाडु के कुछ हिस्सों में मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल हैं.
वहीं, दिल्ली में कुछ स्थानों पर लू चलने की चेतावनी दी गई है, लेकिन तापमान में बढ़ोतरी के आसार नहीं है. 11-12 जून को तापमान में गिरावट आएगी, लेकिन 15 जून तक बड़ी राहत की कोई उम्मीद नहीं है. इस सप्ताह बादल छाए रहेंगे, लेकिन बारिश की संभावना कम है. तापमान 40 से 43 डिग्री सेल्सियस के बीच बना रहेगा. 16 जून के बाद से नमी से भरी हवाएं चलने से इस क्षेत्र में गरज के साथ छींटे पड़ सकते हैं, जिससे गर्मी से काफी राहत मिलने की उम्मीद है.
मौसम विभाग के मुताबिक, अभी बिहार के लोगों को मानसून के लिए थोड़ा इंतजार करना पड़ा सकता है. ऐसा इसलिए क्योंकि मानसून की स्थिति कुछ सुस्त पड़ी है. ऐसी संभावना है कि बिहार में 12 जून के बाद मानसून की एंट्री हो सकती है. इसकी वजह से पूर्वी और उत्तरी बिहार के कुछ जगहों पर मौसम में बदलाव हो सकता है.
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मध्य प्रदेश में मानसून कब से शुरू होगा इसकी कोई निर्धारित तारीख नहीं बताई जा सकती. लेकिन एक अनुमान होता है कि केरल के तट से मध्य प्रदेश के मध्य तक आने में 15 दिन का समय लगता है. केरल के तट पर 1 जून से पहले मानसून के बादल पहुंच गए थे. इस हिसाब से 15 जून तक मध्य प्रदेश में आ जाना चाहिए था लेकिन आसमान में बादलों को हवाओं का साथ नहीं मिल रहा है. उनकी स्पीड प्रभावित हो गई है. अनुमान है कि 20 जून तक मध्यप्रदेश में प्रवेश कर जाएंगे.