April 27, 2024, 9:51 am

नोएडा: जहां से गुजरेंगे वहां के मौसम और प्रदूषण का हाल बताएंगे बोर्ड, 22 जगहों पर लगवाएगी डिस्पले

Written By: गली न्यूज

Published On: Thursday June 30, 2022

नोएडा: जहां से गुजरेंगे वहां के मौसम और प्रदूषण का हाल बताएंगे बोर्ड, 22 जगहों पर लगवाएगी डिस्पले

environmental sensor in Noida: नोएडा में आप जब ट्रैफिक सिग्नल पर रुकते हैं तो यह बात दिमाग में आती होगी कि बहुत गर्मी है. आज तापमान कितना होगा. इसी तरह जब आसमान में धुंध छाई रहती है और खुले में निकलने  पर आंखों में जलन महसूस होती है तो हर कोई सोचता है कि प्रदूषण (pollution) का लेवल कितना होगा. जल्द ही ऐसी बहुत सी जानकारियां आपको शहर के 22 तिराहों और चौराहों पर मिलेंगी.

खास बात यह होगी कि तापमान से लेकर प्रदूषण की जानकारी पूरे शहर के बजाय उस क्षेत्र की ही मिलेगी जहां से आप गुजर रहे होंगे. इसके लिए नोएडा अथॉरिटी 22 एनवायरनमेंटल सेंसर (environmental sensor) लगवाने जा रही है. इनसे आने वाले परिणाम चौराहों और तिराहों पर लगने वाले डिस्पले बोर्ड पर नजर आएंगे.

अथॉरिटी में इस प्रॉजेक्ट से जुड़े हुए काम शुरू हो गए हैं. शहर के ट्रैफिक व्यवस्था को स्मार्ट बनाने के लिए चल रहे इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (Intelligent Traffic Management System) प्रॉजेक्ट के एक हिस्से के रूप में यह काम होगा. यह सेंसर लगाए जाने की मंजूरी आधिकारिक स्तर से हो गई है. डिस्प्ले बोर्ड पहले से आईटीएमएस प्रॉजेक्ट से ट्रैफिक व अन्य जानकारियों देने के लिए 84 जगहों पर लगाए जाने हैं. इसके साथ ही पब्लिक एड्रेस सिस्टम भी लगाए जा रहे हैं.

अथॉरिटी अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक, यह एनवायरनमेंटल सेंसर लगवाने के साथ एक तरह से 22 जगहों पर छोटे एनवायरनमेंटल मॉनिटरिंग स्टेशन(Environmental Monitoring Station) बनाए जाएंगे. मंगलवार को नोएडा का एयर क्वॉलिटी इंडेक्स 140 और ग्रेनो का 131 दर्ज किा गया.

बता दें कि हर एक स्टेशन से तापमान, विजिबिलिटी, ह्यूमिडिटी, साउंड, कार्बन मोनो ऑक्साइड, कार्बन डाईऑक्साइड, नाइट्रोजन डॉई ऑक्साइड, ओजोन, सल्फर डाई ऑक्साइड, पीएम-2.5 और पीएम-10 की जानकारी मिलेगी.

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दिल्ली-एनसीआर में अक्टूबर-नवंबर में प्रदूषण बढ़ने पर कुछ दिन तो खुले में सांस लेना मुश्किल होने लगता है. ऐसे में अथॉरिटी को प्रदूषण कम करने के लिए कार्रवाई करनी होती है. स्मॉग गन से लेकर पानी छिड़काव आदि कोशिशें होती हैं. अभी तक यह नहीं पता होता था कि हवा में धूल कण मतलब पीएम 2.5 और पीएम 10 सबसे अधिक कहां पर है. अब यह तत्काल जानकारी मिलने पर उस क्षेत्र में अथॉरिटी और सख्ती कर सकेगी. प्रदूषण क्यों बढ़ा हुआ है इसकी पड़ताल भी क्षेत्र के हिसाब से की जा सकेगी. अगर हवा में धूल ज्यादा है तो जाहिर है आस-पास कहीं पर खुले में निर्माण हो रहा है या सड़क उखड़ी है.

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