गर्मी की छुट्टियों में कर रहे हैं घूमने की प्लानिंग, तो जरूर करें उत्तराखंड की इन जगहों का दीदार
भारत के बहुत से हिस्सों में लोगों को इस समय खतरनाक गर्मी का सामना करना पड़ रहा है. गर्मियों में अक्सर लोगों को इच्छा होती है कि वह ऐसी किसी जगह पर जाएं जहां जाकर उन्हें गर्मी से राहत मिल सके. लेकिन ट्रिप के लिए परफेक्ट डेस्टिनेशन मिलना काफी मुश्किल हो जाता है. ऐसे में अगर आप इस बार गर्मी की छुट्टियों में कहीं घूमने का प्लान कर रहे हैं तो उत्तराखंड किसी जन्नत से कम नहीं है. जहां कई टूरिस्ट डेस्टिनेशन आपका इंतजार कर रहे हैं.
कौसानी: कौसानी उत्तराखंड में कुमाऊं मंडल के बागेश्वर जिले का एक गांव है. जोकि अल्मोड़ा से 53 किलोमीटर उत्तर में स्थित है. कौसानी पिंगनाथ चोटी पर बसा है. यहां से बर्फ से ढ़के नंदा देवी पर्वत की चोटी दिखाई देती है. कोसी और गोमती नदियों के बीच बसा कौसानी को भारत का स्विट्जरलैंड कहा जाता है. कौसानी में घूमने के लिए अनासक्ति आश्रम है. इसे गांधी आश्रम भी कहा जाता है. इस आश्रम का निर्माण महात्मा गांधी को श्रद्धांजली देने के उद्देश्य से किया गया था.
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इसके साथ ही लक्ष्मी आश्रम, यह आश्रम सरला आश्रम के नाम से भी प्रसिद्ध है. हिन्दी के प्रसिद्ध कवि सुमित्रानंदन पंत का जन्म कौसानी में हुआ था. बस स्टैंड से थोड़ी दूरी पर उन्हीं को समर्पित पंत संग्रहालय स्थित है. जिस घर में उन्होंने अपना बचपन गुजारा था, उसी घर को संग्रहालय में बदल दिया गया है. इसके साथ ही 208 हेक्टेयर में फैले चाय बागान भी यहां सबसे पसंदीदा स्थल है. ये चाय बागान कौसानी के पास ही स्थित हैं. कौसानी पहुंचने के लिए निकटतम हवाई अड्डा पंतनगर है और नजदीकी रेल जंक्शन काठगोदाम है. जहां से बस या टैक्सी द्वारा कौसानी पहुंचा जा सकता है.
औली: औली उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित एक नगर है. यह औली बुग्याल भी कहलाता है. यह 5-7 किलोमीटर में फैला छोटा सा स्की-रिसोर्ट है. इस रिसोर्ट को 9,500-10,500 फीट की ऊंचाई पर बनाया गया है. यहां बर्फ से ढकी चोटियां बहुत ही सुन्दर दिखाई देती हैं. यहां लोग बर्फ देखने जरूर आते हैं. यहां स्कीइंग की जा सकती है. इसके अलावा नंदा देवी के पीछे सूर्योदय देखना एक बहुत ही सुखद अनुभव है. औली में खाने और रहने की कोई परेशानी नहीं हो सकती है. बस यहां ठंड बहुत पड़ती है. ऐसे में साथ गर्म कपड़े रखना जरुरी है. यहां से जोशीमठ भी घूमने जाया जा सकता है. इसके अलावा तपोवन भी घुमा जा सकता है. यह जोशीमठ से 14 किलोमीटर और औली से 32 किलोमीटर दूर है. तपोवन पवित्र बदरीनाथ यात्रा के रास्ते में पड़ता है. दिल्ली से सड़क मार्ग द्वारा औली पहुंचने के लिए 15 घंटो का समय लगता है.
चोपता: चोपता उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित एक छोटा सा शहर है. चोपता को भारत में मिनी स्विट्जरलैंड के नाम से भी जाना जाता है. चोपता समुद्र तल से 8556 फीट की ऊंचाई पर स्थित, एक बहुत खूबसूरत हिल स्टेशन है. चोपता में आपको दुनिया का सबसे ऊंचा शिव मंदिर देखने को मिलेगा. यह मंदिर तुंगनाथ के नाम से बहुत प्रसिद्ध है. चोपता ट्रैकिंग, हाइकिंग, माउंटेन साइकिल, इन सभी एडवेंचर के लिए फेमस है. ऋषिकेश से चोपता की दूरी 209 किलोमीटर की है. देहरादून हवाई अड्डे से चोपता की दूरी 178 किलोमीटर की है.
चकराता: चकराता देहरादून में हैं. यह स्थान यह एक पर्वतीय पर्यटक स्थल होने के साथ-साथ एक छावनी भी है. यह देहरादून से 98 किलोमीटर दूर है. यह सुंदर प्राकृतिक स्थान और ट्रैकिंग के लिए फेमस है. चकराता में दूर-दूर फैले घने जंगलों में जौनसारी जनजाति के आकर्षक गांव हैं. यहां के वातावरण को देखते हुए अंग्रेजों ने इस स्थान को समर आर्मी बेस के रूप में इस्तेमाल किया. वर्तमान में यहां सेना के जवानों को कमांडों की ट्रैनिंग दी जाती है. चकराता से 5 किमी पैदल चलने पर 50 मीटर ऊंचा टाइगर फॉल है. समुद्र तल से 1395 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह झरना चकराता के उत्तर पूर्व में है. इसके साथ ही मसूरी-यमुनोत्री रोड़ पर लाखामंडल है. लाखमंडल विशेषरूप से महाभारत काल से संबधित माना जाता है. देहरादून एयरपोर्ट से चकराता तकरीबन 123 किलोमीटर दूर है.
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