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Supertech Capetown Noida : डिप्टी रजिस्ट्रार के आदेश से बैकफुट पर AOA, सोसाइटी में जल्द चुनाव कराने के आदेश

Written By: गली न्यूज

Published On: Friday September 9, 2022

Supertech Capetown Noida :  डिप्टी रजिस्ट्रार के आदेश से बैकफुट पर AOA, सोसाइटी में जल्द चुनाव कराने के आदेश

Supertech Capetown Noida: नोएडा-ग्रेटर नोएडा के सोसाइटी में अपार्टमेंट ऑनर एसोसिएशन का चुनाव अक्सर चर्चा में रहता है। कई बार नियम विरुद्ध चुनाव के आरोप लगते हैं तो कई बार मनमानी के। ऐसा ही एक मामला नोएडा की सबसे बड़ी सोसाइटी में शुमार सुपरटेक केपटाउन के लिए आया है। जहां डिप्टी रजिस्ट्रार के एक आदेश ने सोसाइटी का माहौल गरमा दिया है।

क्या है पूरा मामला ?

गौतमबुद्ध नगर (GautamBuddha Nagar) के नोएडा स्थित सेक्टर 74 (Sector-74, Noida) सुपरटेक सोसाइटी (Supertech Capetown Noida) के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है। यहां लंबे समय से लंबित पड़े चुनाव की प्रक्रिया को लेकर के डिप्टी रजिस्ट्रार ने एक बड़ा आदेश जारी किया है। डिप्टी रजिस्ट्रार का पूरा आदेश एनसीआर की सबसे बड़ी सोसाइटी में शुमार सुपरटेक केपटाउन के लिए आया है। इस आदेश में डिप्टी रजिस्ट्रार ने केपटाउन AOA को आईना दिखाया है। साथ ही उसे कालातीत तक बता दिया है। चौंकाने वाली बात यह है कि डिप्टी रजिस्ट्रार का यह आदेश अपार्टमेंट ओनर्स एसोसिएशन के गठन के  3 साल के बाद आया है।

बेहद हैरान करने वाली बात यह है कि विगत 26 अप्रैल को ही इस बारे में डिप्टी रजिस्ट्रार ने एओए को तलब कर चुनाव न कराने को लेकर जवाब मांगा था। लेकिन एओए के कोषाध्यक्ष प्रवीण भारद्वाज ने ना केवल जवाब दाखिल करने में देरी की बल्कि बार-बार बहाने बनाकर चुनाव टालते रहे। डिप्टी रजिस्ट्रार ने अप्रैल में जवाब दाखिल करने के आदेश दिए थे। लेकिन समय का हवाला देकर जून में यानी 2 महीने के बाद जवाब दाखिल किया गया। हैरान करने वाली बात यह थी कि इस जवाब में भी कोरोना और धारा 144 का बहाना बनाया गया।

आदेश में क्या है खास ?

https://gulynews.com को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक डिप्टी रजिस्ट्रार के दफ्तर से जारी इस आदेश में ऐसी कई बातें लिखी हैं जो एओए के कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करते हैं।

  • इस आदेश में केपटाउन एओए को ना केवल कालातीत बताया गया है बल्कि यह भी साफ कर दिया गया है कि 2 मार्च 2020 को ही कार्यकाल पूरा हो चुका है। यानी साल 2019 में निर्वाचन प्रक्रिया पूरे होने के 1 साल के अंदर ही इस बोर्ड ने अपना कार्यकाल पूरा कर लिया है। इसका साफ मतलब है कि मार्च 2020 के बाद भी जिस तरह से बहाने बनाकर केपटाउन एओए सत्ता में रही वो गैर कानूनी है।
  • डिप्टी रजिस्ट्रार वरुण खरे ने केपटाउन एओए को कालातीत तक करार दिया है। इसके साथ ही कार्यप्रणाली को लेकर सख्त टिप्पणी की गई है। डिप्टी रजिस्ट्रार ने जल्द से जल्द सोसाइटी में निर्वाचन प्रक्रिया पूरा करने के आदेश दिए हैं। इसके लिए बकायदा यमुना प्राधिकरण के डीजीएम एके सिंह को निर्वाचन अधिकारी नामित किया गया है।
  • डिप्टी रजिस्ट्रार ने एओए बोर्ड को सख्त हिदायत देते हुए निर्वाचन सम्पन्न होने तक दैनिक व्यय के अतिरिक्त अन्य सभी व्यय पर रोक लगा दी है।

डिप्टी रजिस्ट्रार (Deputy Registrar, Meerut) के इस आदेश को देखकर यह साफ कहा जा सकता है कि डिप्टी रजिस्ट्रार ने एओए बोर्ड को चुनाव न कराने के लिए कसूरवार ठहराया है । चिट्ठी में इस बात का जिक्र है कि एओए के पदाधिकारियों ने जानबूझकर निर्वाचन को लंबे समय तक लंबित रखा। इस आदेश के सामने आने के बाद से सोसाइटी में चुनाव प्रक्रिया में तेजी आने की उम्मीद है। सोसाइटी के कई रेजिडेंट्स अब मांग कर रहे हैं कि कालातीत एओए ने मार्च 2020 के बाद जो खर्चे किए हैं उसकी भरपाई बोर्ड के मौजूदा सदस्यों से की जाए।

एओए के मनमानी के सबूत

सोसाइटी में रहने वाले कई रेजिडेंट्स ने https://gulynews.com से बात करते हुए चिंता जाहिर की है। रेजिडेंट्स का आरोप है कि 3 साल से भी ज्यादा समय हो जाने के बाद भी केपटाउन सोसाइटी में चुनाव नहीं करवाए गए।  इतना ही नहीं करीब 4 साल का समय होने को हैं लेकिन सोसाइटी में एक भी जीबीएम नहीं बुलाई गई है।  ना ही रेजिडेंट्स के साथ कोई खास मीटिंग कालातीत एओए ने की है। कैम चार्ज बढ़ने पर भी एओए बोर्ड के सदस्य खुलकर सामने नहीं आए । एओए बोर्ड के सदस्यों की इस तरह की कार्यप्रणाली कई सवाल खड़े करते हैं।

बता दें कि https://gulynews.com ने इस बारे में कालातीत एओए बोर्ड के अध्यक्ष अरुण शर्मा से भी पक्ष लेने की कोशिश की। लेकिन अरुण शर्मा ने नोएडा में अपनी अनुपस्थिति की जानकारी देते हुए अबतक अपना पक्ष नहीं दिया है।  इस नए आदेश के बाद सोसाइटी में चुनाव होने की उम्मीद बढ़ गई है।

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