5000 फ्लैट्स.. 10 करोड़ का ‘खेल’.. क्या फिर लगा रेजि़डेंट्स को चूना ?
गौतम बुध नगर के कई अपार्टमेंट में इन दिनों सिंगल पॉइंट टू मल्टी पॉइंट कनेक्शंस का एक नया दौर शुरू हुआ है। अपार्टमेंट में कई लोग मल्टी पॉइंट के पक्ष में खड़े हैं तो कई ऐसे भी हैं जो इसका विरोध कर रहे हैं। सवाल है कि आखिरकार अचानक इतनी तेजी से pvvnl हाई राइज अपार्टमेंट में मल्टी पॉइंट्स कनेक्शन क्यों लगा रहा है और इससे सोसाइटी में रहने वाले लोगों को कितना फायदा मिलने जा रहा है।
आम रेजिडेंट्स परेशान
नोएडा की सबसे बड़ी सोसाइटी में शुमार सेक्टर 74 की केपटाउन सोसाइटी में भी मल्टी पॉइंट कनेक्शंस का काम लगभग पूरा हो चुका है। मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट में है इसके बाद भी इस काम में बड़ी तेजी से कार्यवाही हुई और रेडियस कंपनी के द्वारा पीवीपीएनएल सभी फ्लैटों में मल्टी पॉइंट कनेक्शंस लगाने में लगभग कामयाब रहा। लेकिन अब आम रेजिडेंट्स इस कनेक्शंस के लग जाने के बाद से परेशान है क्योंकि उसे समझ नहीं आ रहा है की नई कनेक्शंस लगने के बाद अब आगे क्या किया जाए?
परेशानी का कितना हुआ समाधान
सोसाइटी में पीवीवीएनएल की ओर से रेडियस की एक स्पेशल टीम बिठाई गई जिसके दो मेंबर क्लब वन में आम लोगों को जानकारी देते नजर आए। लेकिन करीब 5000 फ्लैट्स की कैपेसिटी वाली इस सोसाइटी में दो लोगों का स्ट्रैंथ मामूली साबित हो रहा है। लोग कतार में लगकर एक-एक कर रेडियस कर्मचारी प्रवीण कुमार से मिल रहे हैं और अपनी समस्या का समाधान करवा रहे हैं। लेकिन परेशानी इस बात की है की रेडियस की मदद के बाद भी यह नाकाफी साबित हो रही है।
सबसे बड़ी परेशानी इस बात की है कि कई लोगों की मीटर बिना उनकी जानकारी के बदल दिया गया है। और अब जो बैलेंस है वह माइनस में शो हो रहा है। सोसाइटी में रहने वाले ज्यादातर रेजिडेंट्स का बैलेंस माइनस 2000 से अधिक दिख रहा है।
इस बारे में https://gulynews.com ने जब पीवीवीएनएल के एसडीओ राम मूर्ति वर्मा से बात की तो उनकी ओर से कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। राममूर्ति वर्मा ने कहा कि जिस तारीख से मीटर लगा है उस तारीख से बिजली का कैलकुलेशन किया गया है। लेकिन यह पूछे जाने पर की किसी फ्लैट में किस तारीख को मीटर लगा है इसकी उन्होंने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया।
सबसे बड़े परेशानी इस बात की है कि कई लोगों ने नए मीटर को रिचार्ज किया है उसके बावजूद भी उनका बैलेंस अपडेट नहीं हुआ ऐसे में वह रेडियस और पीवीवीएनएल के बीच चक्कर काटते दिखाई दे रहे हैं।
10 करोड़ का बड़ा ‘खेल’
सबसे चौंकाने वाली बात तो यह है की पीवीवीएनएल एक फ्लैट में मीटर इंस्टालेशन के नाम पर करीब 21 हजार रुपए ले रहा है। केप टाउन सोसायटी में करीब 5000 फ्लैट से इसलिए हाथ से करीब 10 करोड रुपए की वसूली pvvnl रेडियस के थ्रू कर रही है। सवाल है कि आम घरों में अगर मीटर इंस्टालेशन का चार्ज 4 से ₹5000 है तो सोसाइटी जहां ऑलरेडी हर तरह की सुविधा मौजूद है वहां ₹21000 की वसूली क्यों की जा रही है? इस सवाल का जवाब ना तो पीवीवीएनएल के पास है और ना ही रेडियस के पास जो कि मीटर लगाने का काम कर रही है।
सोसाइटी में रहने वाले ज्यादातर रेजिडेंट्स ने बिल्डर को पेमेंट कर न केवल अपना लोड इंक्रीज करवाया था बल्कि लाखों रुपए बिल्डर को दिए थे अब इस हालत में उनके रुपए डूबते नजर आ रहे हैं। और नए सिरे से पीवीवीएनएल को वन टाइम पेमेंट ₹21000 का करना पड़ रहा है।
पीवीवीएनएल और रेडियस कंपनी के मानवाने रवैया से सोसाइटी में रहने वाले लोग परेशान हैं। पहले दावा किया गया था की हर फ्लैट को बाय डिफ़ॉल्ट 5 किलोवाट बिजली पीवीवीएनएल की ओर से दिया जाएगा लेकिन अब जो जानकारी सामने आई है वह बेहद चौका देने वाली है। रेडियस कंपनी की ओर से कहा जा रहा है कि जिस फ्लैट की पहले से जितनी बिजली आवंटित की गई थी यानी बिल्डर ने आवंटित की थी उतना ही लोड सरकारी मीटर लगने के बाद भी उन्हें मिलेगा। साथी अगर किसी को लोड बढ़ाना है तो उन्हें पहले बिल्डर से एनओसी लेना होगा तभी लोड बढ़ पाएगा।
पहले ₹21000 की वसूली और अब लोड बढ़ाने के नाम पर एनओसी वह भी बिल्डर से । कुल मिलाकर आम रेजिडेंट्स को हालात जस के तस लग रहे हैं उल्टे वह खुद को ठगे हुए महसूस कर रहे हैं।