Big Breaking: सुपरटेक ग्रुप के चेयरमैन आरके अरोड़ा गिरफ्तार, मनी लॉन्ड्रिंग केस में प्रवर्तन निदेशालय ने 3 दिन की पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया
उत्तर प्रदेश के नोएडा से बड़ी खबर सामने आई है रियल एस्टेट सेक्टर में यहां हड़कंप मच गया है वजह है सुपरटेक के एमडी आरके अरोड़ा की गिरफ्तारी। सुपरटेक ग्रुप के चेयरमैन आर के अरोड़ा को गिरफ़्तार किया गया है।
क्या है मामला
मिली जानकारी के मुताबिक़ आरके अरोड़ा से प्रवर्तन निदेशालय पिछले 3 दिनों से पूछताछ कर रहा था। मंगलवार की देर शाम उन्हें दिल्ली में गिरफ़्तार कर लिया गया है। अरोड़ा पर मनी लाउंड्रिंग का आरोप है। ईडी के विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक़ नोएडा, ग्रेटर नोएडा और देश भर के दूसरे रियल एस्टेट प्रोजेक्ट से पैसे को मनी लॉन्डरिंग के ज़रिए दूसरी कंपनियों में खपाया गया है।
आरके अरोड़ा से तीन दिनों से ईडी कर रही थी पूछताछ
आरके अरोड़ा और उनकी कंपनियों के तमाम निदेशकों के ख़िलाफ़ नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गुरुग्राम, दिल्ली, मेरठ और उत्तराखंड में क़रीब 200 मुक़दमे दर्ज हैं। इस समूह की कंपनियों पर आरोप है कि रियल एस्टेट प्रोजेक्ट लॉन्च किए। फ़्लैट खरीदारों और दूसरी प्रॉपर्टी ख़रीदने वाले लोगों से अरबों रुपये लेकर ग़लत ढंग से पैसा निकाला गया है। रियल एस्टेट कंपनियों से पैसा निकाल कर दूसरे कारोबार करने वाली कम्पनियों के बैंक खातों में ट्रांसफर किए गए हैं। इस तरह की शिकायतों पर संज्ञान लेते हुए प्रवर्तन निदेशालय ने तमाम मुकदमों की तफ़्तीश अपने स्तर पर की। इसके बाद पिछले 3 दिनों से आरके अरोड़ा को समन भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया जा रहा था। प्रवर्तन निदेशालय से मिली जानकारी के मुताबिक अरोड़ा संतोषजनक जवाब नहीं दे पा रहे थे। मंगलवार को भी आरके अरोड़ा को पूछताछ के लिए बुलाया गया था। देर शाम उन्हें ED ने गिरफ्तार कर लिया।
इसी साल 25 अप्रैल को प्रवर्तन निदेशालय ने सुपरटेक समूह के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई की थी। कंपनी की मेरठ और उत्तराखंड के रुद्रपुर शहर में 40 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की थी।
क्या है आरोप
सुपरटेक ग्रुप के चेयरमैन आरके अरोड़ा पर मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप हैं। आसान भाषा में कहें तो आरके अरोड़ा पर रुपयों के हेरफेर करने के आरोप लगे हैं। बता दें कि उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा और दिल्ली के सैकड़ों फ़्लैट खरीदारों ने सुपरटेक समूह की कंपनियों के ख़िलाफ़ मुक़दमे दर्ज करवाए हैं। फ़्लैट खरीदारों की गाढ़ी कमाई के रुपयों को अरोड़ा ने हेर फेर कर इधर से उधर किया है।