Noida news: नामी बिल्डर कंपनी ने किया फर्जीवाड़ा, खा गया 50 लाख
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Noida news: आपने कभी सोचा भी नही होगा की कोई एक नामी बिल्डर इतना बड़ा फर्जीवाड़ा कर सकता है. नोएडा में एक नामी बिल्डर(Noida builder) कंपनी ने फर्जीवाड़ा(fraud) कर लाखों रुपये गटक लिये .बिल्डर कंपनी ने फर्जीवाड़ा कर लेबर सेस के 50 लाख रुपये का भुगतान अपने खाते में कर लिया. बता दें कि बिल्डर को निर्माण लागत की एक प्रतिशत राशि श्रम विभाग (Labour Department) में जमा करनी थी, लेकिन बिल्डर ने ऐसा नहीं किया. मामले में प्राधिकरण के नियोजन विभाग ने थाने में इसकी शिकायत की है.
2012 में प्लॉट का संशोधित नक्शा पास
नोएडा प्राधिकरण के अधिकारी ने बताया कि सेक्टर-78 में बिल्डर कंपनी को 2010 में जमीन आवंटित की गई थी. आवंटी ने इसी साल भवन का नक्शा पास कराया. इसी क्रम में अगस्त 2012 में इस प्लॉट का संशोधित नक्शा भी पास कराया गया. आवंटी संस्था ने दिसंबर 2014 में परियोजना का काम पूरा करने के बाद ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट (ओसी) लेने के लिए आवेदन किया. ओसी लेने के लिए बिल्डर ने दिसंबर 2017 को जमा कराए गए पत्र के साथ लेबर सेस के मद में यूपी बिल्डिंग एंड अदर्स कंस्ट्रक्शन वर्कर वेलफेयर बोर्ड के पक्ष में बैंकर्स चेक की तीन फोटो कॉपी प्राधिकरण में प्रस्तुत की गई. इसमें 25 लाख, 10 लाख और 15 लाख रुपये की बैंकर्स चेक के तीन फोटो कॉपी अलग-अलग तारीख में पेश की गई. उस समय आवंटी संस्था के निदेशक ने प्राधिकरण को यह बताया कि तीनों बैंकर्स चेक उपश्रमायुक्त कार्यालय गौतमबुद्ध नगर में जमा करा दिए गए हैं.
लेबर सेस के पैसों का किया फर्जीवाड़ा
इसी क्रम में प्राधिकरण ने दिसंबर 2017 में आंशिक और अप्रैल 2018 में अंतिम ओसी जारी कर दी, लेकिन बिल्डर ने तीनों बैंकर्स चेकों को अपने खाते में जमा कराते हुए भुगतान ले लिया. प्राधिकरण के अधिकारियों के मुताबिक इसका सत्यापन एचडीएफसी बैंक की सेक्टर-18 शाखा ने अपने 16 अगस्त 2023 के पत्र के माध्यम से किया है. अधिकारियों का आरोप है कि आवंटी संस्था ने फर्जी दस्तावेज बनाकर उनका दुरुपयोग किया है. साथ ही बिल्डर की ओर से धोखाधड़ी करते हुए लेबर सेस राजकीय कोष में जमा ना कर उक्त धन का गबन किया गया है.
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बिल्डर संस्था के निदेशकों के खिलाफ शिकायत दर्ज
बता दें कि, इस मामले में प्राधिकरण के सीईओ लोकेश एम ने 28 अगस्त को एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए. प्राधिकरण के नियोजन विभाग की ओर से थाने में बिल्डर संस्था के तीन निदेशकों के खिलाफ शिकायत दी गई है.
यह है नियम
भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण नियमावली 1996 के नियम 4 (4) की व्यवस्था के अनुसार, निर्माण लागत का एक प्रतिशत भवन और सन्निर्माण कल्याण कोष में जमा कराना अनिवार्य है. यह नियम सभी के लिए है.