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Delhi Municipal Corporation: जियो टैगिंग से सभी संपत्तियों का ब्योरा तैयार कर रहा एमसीडी…जानें क्या कुछ है तैयारी…

Written By: गली न्यूज

Published On: Friday December 8, 2023

Delhi Municipal Corporation: जियो टैगिंग से सभी संपत्तियों का ब्योरा तैयार कर रहा एमसीडी…जानें क्या कुछ है तैयारी…

Delhi Municipal Corporation: दिल्ली वालों के लिए एमसीडी(Delhi Municipal Corporation) ने नया फरमान जारी किया है। एमसीडी ने मुंबई और बेंगलुरू की तर्ज पर यह काम शुरू किया है। जिसमें यह है कि सेटेलाइट के माध्यम से सभी संपत्तियों को टैग किया जाएगा। इससे एमसीडी को अपने इलाके की संपत्तियों की संख्या व संपत्ति करदाताओं के बारे में जानकारी रहेगी।

लोगों को संपत्ति कर के मामले बड़ी राहत

दिल्ली के लोगों को संपत्ति कर के मामले में एमसीडी (Delhi Municipal Corporation) बड़ी राहत मिलने जा रही है। दिल्ली नगर निगम सभी संपत्तियों की जियो टैगिंग कर रहा है। इससे ऑनलाइन बस एक क्लिक करने पर संपत्ति कर का ब्योरा मिल जाएगा। इसका सीधा फायदा यह होगा कि दोबारा संपत्ति कर जमा नहीं करना पड़ेगा। फिलहाल रसीद गुम होने की सूरत में कई बार एमसीडी नोटिस थमा देती थी। कोई प्रमाण न होने पर कई बार फिर से कर देना भी पड़ता है। पहले 50 दिनों में करीब 15 लाख संपत्तियों का डाटा तैयार करने की योजना है। इसमें सबसे पहले चार लाख व्यावसायिक संपत्तियों की टैगिंग होगी।

मेयर डॉ. शैली ओबरॉय ने गुरुवार बताया कि एमसीडी ने मुंबई और बेंगलुरू की तर्ज पर यह काम शुरू किया है। सेटेलाइट के माध्यम से सभी संपत्तियों को टैग किया जाएगा। इससे एमसीडी को अपने इलाके की संपत्तियों की संख्या व संपत्ति करदाताओं के बारे में जानकारी रहेगी। इस प्रक्रिया पर एमसीडी पर कुछ भी खर्च नहीं आएगा। सात दिनों से 20 हजार संपत्तियों को टैग कर दिया गया है और दो महीने में 15 लाख संपत्तियों को टैग करने का लक्ष्य है। इस मुहिम का सबसे पहले फोकस गैर-रिहायशी संपत्तियों की टैगिंग पर रहेगा। ऐसी करीब चार लाख संपत्तियां बताई जा रही हैं। इन संपत्तियोें से ही निगम को ज्यादातर कर मिलता है।

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31 जनवरी तक काम पूरा करने का लक्ष्य

मेयर ने बताया कि जियो टैगिंग के कार्य को 31 जनवरी तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इससे एमसीडी प्रत्येक संपत्ति को एक यूनिक एड्रेस या यूनिक कोड देगी। साथ ही, संपत्ति कर में छूट भी दी जाएगी। इस परियोजना से करदाताओं को आने वाली दिक्कतों को कम किया जा सकेगा। पिछले 15 सालों में भाजपा ने एमसीडी में सरकार होने के दौरान संपत्तियों का डाटाबेस तैयार कराने में रूचि नहीं ली। इस कारण एमसीडी को मालूम ही नहीं हो सका कि दिल्ली में कितनी संपत्तियां हैं और कितने संपत्ति करदाता हैं।
योजना में आएगा इतना खर्च
-15 लाख संपत्तियों की करीब 50 दिनों में टैगिंग होगी।
-सबसे पहले 4 लाख व्यावसायिक संपत्तियों की टैगिंग होगी।
-ओला-उबर की तरह लोग ऐप से जिओ टैगिंग कर सकेंगे।
-बेहतर अर्बन प्लानिंग में मदद मिलेगी और लोगों की प्रॉपर्टी का यूनिक एड्रेस मिलेगा।
-टैगिंग करने वाली प्रॉपर्टी को ही टैक्स में रिबेट दी जाएगी।
-प्रॉपर्टी टैक्स पेयर यूपिक व प्रॉपर्टी नंबर से टैग कर पाएंगे।
संपत्ति मालिक मोबाइल से कर सकते हैं टैंगिंग
नेता सदन मुकेश गोयल ने बताया कि लोग अपने मोबाइल के जरिये आसानी से यूपिक व प्रॉपर्टी नंबर की मदद से जियो टैगिंग कर सकते हैं। टैगिंग करने वाली संपत्तियों को ही योजना के तहत संपत्तिकर में छूट मिलेगी। डिप्टी मेयर आले मोहम्मद इकबाल ने कहा कि इस योजना से करदाताओं को आने वाली दिक्कतों को कम किया जा सकेगा। अब तक सभी करदाता सेल्फ असेसमेंट के माध्यम से टैक्स का भुगतान करते हैं। इसके बावजूद उन्हें नोटिस भेज दिए जाते हैं। यह सब दिक्कतें इसलिए आ रही थीं, क्योंकि एक समेकित डाटाबेस नहीं है। इस पहल के बाद इस दिक्कत को भी दूर किया जा सकेगा।

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