Delhi Constable Murder Case : पहले किया प्यार.. फिर मोहब्बत में दगा कर बैठा.. अंत में बेरहमी से मार दिया.. दिल्ली पुलिस की हेड कॉन्स्टेबल की दृश्यम वाली राज का पर्दाफाश हो गया
Delhi Constable Murder Case : वो उससे बेपनाह प्यार करता था लेकिन एक दिन कुछ ऐसा हुआ कि उसने उस लड़की का कत्ल कर दिया. किसी को कानों कान खबर तक न हुई. किसी के सामने यह राज नहीं आ पाया लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था. लंबी जांच के दौरान हुआ कुछ ऐसा कि उसकी सारी चालाकी पकड़ी गई. उसने दृश्यम फिल्म से भी ज्यादा खतरनाक कहानी बनाई थी. लेकिन पहले मोहब्बत में दगा देना फिर कत्ल कर देने का राज छिप न सका.
क्या है मामला
दिल्ली में एक महिला सिपाही की मर्डर मिस्ट्री (Delhi Constable Murder Case) का केस 2 साल बाद सोल्व हो सका. इस महिला का कत्ल करने वाला कोई और नहीं बल्कि खुद दिल्ली पुलिस का ही हेड कॉन्स्टेबल था. पहली बार में आप चौंक रहे होंगे लेकिन यही हकीकत है. इस कहानी में एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर, प्यार, धोखा, कत्ल और आखिर में लाश को जिंदा रखने की अजीब कहानी है. लेकिन अंत में उस महिला सिपाही का सिर्फ कंकाल मिलता है. मर्डर के बाद जिस तरह से फिल्म दृश्यम में नकली कहानी बनाई गई उससे भी कहीं ज्यादा इस मिस्ट्री को बरकरार रखने के लिए उस पुलिसवाले ने कहानी बनाई. ऐसी कहानी जिसमें खुद कई महीनों तक दिल्ली पुलिस चकमा खाती रही. लेकिन आखिरकार हर कातिल के कत्ल की कहानी एक ना दिन सामने आती ही है. दिल्ली पुलिस ने जब इस मर्डर मिस्ट्री से पर्दा उठाया तो उनके ही विभाग का हेड कॉन्स्टेबल निकला.
दिल्ली पुलिस की @CrimeBranchDP ने 2021 से लापता पूर्व महिला कांस्टेबल के अपहरण और हत्या का मामला सुलझाया। 2 सालों तक परिवार को चकमा देता रहा आरोपी अंततः दिल्ली पुलिस की गिरफ्त में आया।#DPUpdates pic.twitter.com/wt2J0ZGrN7
— Delhi Police (@DelhiPolice) October 1, 2023
क्या है पूरी कहानी
कहानी की शुरुआत साल 2019 से होती है। उस समय दिल्ली पुलिस की एक महिला सिपाही रुचिका की मुलाकात हेड कॉन्स्टेबल सुरेंद्र से होती है.सुरेंद्र साल 2012 में दिल्ली पुलिस में भर्ती हुआ था. वो शादीशुदा था और पत्नी के साथ दिल्ली के अलीपुर में रहता था.जबकि महिला सिपाही बुलंदशहर की रहने वाली थी. लेकिन सिविल सर्विसेज की तैयारी के लिए दिल्ली के मुखर्जी नगर में रहती थी. यहीं से उसका सिलेक्शन दिल्ली पुलिस में हुआ था. ड्यूटी के दौरान दोनों में दोस्ती और फिर प्यार हो गया. दोनों में काफी नजदीकी भी रही, इसके बाद महिला सिपाही उसी सुरेंद्र से शादी करने की बात कहने लगी. लेकिन सुरेंद्र जो पहले खुद को कुंवारा बताता था असल में वो शादीशुदा था, लेकिन ये बात उस महिला सिपाही से छुपाई थी. लेकिन महिला सिपाही ने सुरेंद्र के बारे में अपने घर पर भी बता दिया था कि वो उससे प्यार करती है और शादी करना चाहती है. इसके लिए परिवार के लोग तैयार भी हो गए थे.
यह भी पढ़ें :-
दो साल तक प्यार और शादी तक पहुंचने के बाद भी सुरेंद्र ने अपना राज छुपाए रखा. इस बीच एक दिन अचानक महिला सिपाही ने सरप्राइज देने का प्लान बनाया. वो सुरेंद्र के अलीपुर वाले घर के पास पहुंच गई और उसे फोन किया. सुरेंद्र किसी तरह जल्दबाजी में गाड़ी लेकर महिला सिपाही के पास पहुंचा. उस महिला सिपाही ने उससे अपने घर ले जाने के लिए कहा. इस पर वो बार-बार बहाने बनाते रहा और अपनी कार को यमुना किनारे घुमाने के बहाने ले आया. वहां जाने के बाद रास्ते में ही हेड कॉन्स्टेबल सुरेंद्र ने महिला सिपाही की गला दबाकर हत्या कर दी. इसके बाद उसकी लाश को एक नाले के किनारे दफना दिया. अपनी प्रेमिका की हत्या के बाद उसके बैग और फोन को अपने पास रख लिया.
खुद ही शिकायत लेकर पहुंचा पुलिस के पास
बात 8 सितंबर 2021 की है. काफी समय से जब महिला सिपाही का फोन उसके घरवालों को नहीं मिला तो उन्होंने मुखर्जी नगर थाने की पुलिस से संपर्क किया. सुरेंद्र से भी जानकारी मांगी. तब उसने बताया कि वो भी काफी परेशान है. उससे भी कोई बात नहीं हुई है. इसके बाद सुरेंद्र खुद महिला सिपाही के परिवारवालों के साथ मुखर्जी नगर थाने में जाकर उसकी गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई थी. जिससे उसके परिवारवालों को शक नहीं हो. इसके बाद कई बार वो सीनियर पुलिस अफसरों से मिलकर उसकी पड़ताल कराने की गुहार लगाता रहा.
फिल्म दृश्यम की तरह देता रहा चकमा
इस बीच हेड कॉन्स्टेबल सुरेंद्र ने दिल्ली पुलिस और महिला सिपाही के परिवार को चकमा देने के लिए अजीब साजिश रची. वो महिला सिपाही के आधार कार्ड और बाकी पहचान पत्रों की अलग-अलग कॉपी निकालकर अपने पास रख लिया. इसके बाद उसी के जैसी दिखने वाली एक कॉल गर्ल का पता लगाया. फिर उसी कॉल गर्ल के साथ उत्तराखंड के देहरादून, ऋषिकेश और फिर मसूरी के होटलों में रुकने जाता था. उस दौरान कॉल गर्ल के असली नाम और डॉक्युमेंट की जगह उसी मर चुकी महिला सिपाही के डॉक्युमेंट दे देता था. फिर कई बार वो अपने डॉक्युमेंट उसी होटल में जानबूझ कर कहीं गिरा देता था और फिर महिला सिपाही के फोन से ही होटल में कॉल करता था. जिसे ट्रेस कर अगर दिल्ली पुलिस वहां पहुंचती थी तो होटल वाले कहते थे कि हां होटल में वो लड़की आई थी, इस तरह पुलिस के साथ महिला सिपाही का परिवार भी गुमराह हो जाता था.
यह भी पढ़ें :-
ऐसे हुआ खुलासा
इस बीच परिजनों ने दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा से मुलाकात की. मामले की जांच करीब दो माह पहले दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को सौंप दी गई. मामले की पड़ताल शुरू की गई. सबसे पहले उस नंबर की जांच की गई, जिस नंबर से अरविंद नाम का युवक शबनम के परिवार को कॉल करता था. जांच में पता चला सिम किसी पवन कुमार नामक की फर्जी आईडी पर निकाला गया था, लेकिन उस पर राजपाल नाम के युवक की फोटो लगी थी. राजपाल शबनम के परिवार के करीबी हवलदार सुरेंद्र सिंह राणा के साले राविन का दोस्त था. राजपाल से पूछताछ की तो उसने राविन का नाम लिया. राविन ने पूछताछ में सारा राज उगल दिया. उसने बताया कि उसके जीजा सुरेंद्र ने ही शबनम की हत्या कर शव को गायब कर दिया है.
पुलिस को गुमराह करता रहा सुरेंद्र सिंह राणा
पुलिस ने पूछताछ के दौरान सुरेंद्र को हिरासत में लिया तो वह पुलिस को गुमराह करने लगा. पहले तो उसने हत्या की बात स्वीकार नहीं की. बाद में उसने हत्या की बात स्वीकार की तो शव को यमुना में फेंकने की बात करने लगा. पुलिस ने दिल्ली में यमुना से सटे सभी थानों में शबनम का शव मिलने की पड़ताल की. सख्ती से पूछताछ करने पर आरोपी ने शनिवार को बुराड़ी इलाके के नाले से शबनम के कंकाल को बरामद करवाया. कंकाल नाले के अंदर कई पत्थरों के नीचे दबा था. पुलिस ने कंकाल को कब्जे में लेकर छानबीन के लिए भेजा. आरोपी परिवार के नजदीक रहकर उनको गुमराह करता रहा. इसके अलावा वह शबनम की ढूंढने में मदद का नाटक भी करता रहा.
यह भी पढ़ें :-
Aadhar Card: 10 साल पुराना है आधार तो करवा लें अपडेट, UIDAI ने बताया जरूरी, जानें कैसे करें ये काम