Supertech Group News: बढ़ सकती है सुपरटेक ग्रुप की मुश्किलें.. ईडी की जांच डीएलएफ तक पहुंची। ‘अरोड़ा जी’ को अभी जेल में और रहना होगा
Supertech Group News: रियल एस्टेट कंपनी सुपरटेक (Supertech) और उसके प्रमोटर्स के खिलाफ प्रवर्तन निेदेशालय की जांच तेजी से जारी है. इनपर घर खरीदारों से 164 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोप है.इसी कड़ी में एक बार फिर प्रवर्तन निदेशालय ने जोरदार छापेमारी की है. माना जा रहा है कि इस छापेमारी में ईडी के हाथ कई अहम सबूत लगे हैं.
क्या है पूरा मामला
मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप झेल रहे सुपरटेक कंपनी (Supertech Group News) के प्रमोटर्स आरके अरोड़ा की मुश्किलें और बढ़ सकती है. शनिवार को ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) मामले में रियल एस्टेट (Real Estate) कंपनी DLF के गुरुग्राम ऑफिस में तलाशी ली. प्रवर्तन निदेशालय (ED) डीएलएफ और सुपरटेक के बीच संभावित संबंधों, खासकर पैसों से जुड़े लेनदेन की जांच कर रही है. हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि ED कौन सी खास जानकारी तलाश रही है और कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में DLF का क्या रोल हो सकता है. पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, ईडी ने डीएलएफ के ऑफिस से कई दस्तावेज और अन्य सबूत हासिल किए हैं.
ईडी ने कुछ दस्तावेजों को किया बरामद
न्यूज एजेंसी पीटीआई ने शनिवार को आधिकारिक सूत्रों का हवाला देते हुए बताया कि ईडी ने पिछले कुछ दिनों में की गई कार्रवाई के दौरान कुछ दस्तावेज बरामद किए हैं. यह कार्रवाई सुपरटेक के खिलाफ ईडी की जांच से जुड़ी है. पीटीआई ने इस मामले में डीएलएफ को मेल भेजा था, जिसका जवाब खबर लिखे जाने तक नहीं मिल पाया.
164 करोड़ रुपये के धोखाधड़ी का मामला
प्रवर्तन निदेशालय का आरोप है कि सुपरटेक ग्रुप (Supertech Group) के माध्यम से 164 करोड़ रुपये के बड़े अमाउंट का हेरफेर किया गया है. इसमें घर खरीदारों को समय पर घर का कब्जा नहीं देने और अन्य तरह के आरोप हैं. इतना ही नहीं ED का यह भी कहना है कि इन अमाउंट को व्यवस्थित तौर पर कई शेल कंपनियों में भेजा गया, जो बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी उजागर करता है.
जून में सुपरटेक के प्रमोटर को किया गया गिरफ्तार
ईडी ने इस मामले में जून में सुपरटेक के प्रमोटर आर के यानी राम किशोर अरोड़ा को गिरफ्तार किया था। तब यह आरोप लगाया गया था कि अरोड़ा समूह का मुख्य कंट्रोलर था, जिसने निवेशकों और घर खरीदारों के करोड़ों फंड को विभिन्न मुखौटा कंपनियों में ‘डायवर्ट’ करने का फैसला किया था. धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत दायर धन शोधन का मामला, दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के पुलिस विभागों द्वारा सुपरटेक लिमिटेड और इसकी समूह कंपनियों के खिलाफ 670 घर खरीदारों से 164 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के आरोपों पर दर्ज की गई 26 प्राथमिकियों से उपजा है.
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