Supertech Flat Buyers Issues: Supertech में फ्लैट खरीदने के बाद भी नही मिल रहा कब्जा, खरीदार की आपबीती सुन छलक पड़ेंगे आंसू
Supertech Flat Buyers Issues: सुपरटेक में फ्लैट खरीदार की कहानी सुनकर आप भी सोचने पर मजबूर हो जाएंगे, की क्या हरियाणा पुलिस के लिए सुपरटेक बिल्डर केंद्रीय मंत्री से भी ऊपर है। इस बात की सच्चाई आप गगन दीवान की सुपरटेक ने फ्लैट खरीदने की कहानी सुनकर पता कर सकते हैं, क्योंकि उन्हे फ्लैट खरीद लेने और पैसा चुका देने के बाद भी बिल्डर मालिकाना हक नही दे रहा है। इस वजह से उन्हें दर-दर भटकने को मजबूर होना पड़ रहा है और उनकी सुनवाई कहीं भी नही हो रही है।
क्या है पूरा मामला
मिली जानकारी के मुताबिक (Supertech Flat Buyers Issues) हरियाणा के गगन दीवान ने सुपरटेक ग्रुप (Supertech Group) के एक प्रोजेक्ट में फ्लैट खरीदने के लिए लगभग 35 लाख रुपए दिए हैं। उसके बाद भी उन्हें फ्लैट पर मालिकाना हक नही मिल पा रहा है। जब उन्होंने इसकी शिकायत पुलिस से की तो पुलिस ने एक्शन लेने से इंकार कर दिया। इसके बाद उन्होंने केंद्रीय मंत्री के माध्यम से हरियाणा पुलिस को चिट्ठी लिखवाई। आरोप है कि उसके बाद भी हरियाणा पुलिस एक्शन नहीं ले रही है। जिससे उनकी परेशानियां और भी बढ़ती नजर आ रही हैं।
फ्लैट को साल 2012 में बुक किया था
आपबीती सुनाते हुए गगन दीवान ने बताया की उन्होंने साल 2012 में सुपरटेक लिमिटेड के अपकाउंट्री प्रोजेक्ट में मैंने एक फ्लैट बुक किया था। बुकिंग के समय 3.5 लाख रुपये दे दिए थे। उसके बाद साल 2012 से 2015 तक मैंने सुपरटेक बिल्डर को 35 लाख 71 हजार 515 रुपये का भुगतान किया।
शिकायत के बाद भी सुनवाई नहीं
एग्रीमेंट के अनुसार बिल्डर ने कहा था कि साल 2016 में फ्लैट पर कब्जा दे दिया जाएगा। हमने काफी इंतजार किया, लेकिन साल 2019 तक हमें फ्लैट पर कब्जा नहीं मिल पाया। उसके बाद हमने बिल्डर से वापस पैसा मांगा तो दो चेक मिले, लेकिन वह 30 मार्च 2020 को बाउंस हो गए। उसके बाद हमने करनाल के एसपी से 20 फरवरी 2023 को इसकी शिकायत की। जिसमें सुपरटेक बिल्डर के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए अपील की गई थी, लेकिन उस पर कोई अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
अभी तक नहीं लिया गया कोई एक्शन
बतादें, इस मामले की पूरी जानकारी (केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी, जल मार्ग और पर्यटन राज्य मंत्री) श्रीपाद नायक (Shripad Nayak) को दी। श्रीपाद नायक ने इस मामले में हरियाणा के एसपी को चिट्ठी भेजने के निर्देश दिए। केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से अंडर सेक्रेटरी मृत्युंजय त्रिपाठी ने हरियाणा के गृह सचिव को एफआईआर दर्ज करने के लिए निर्देश दिया था। उसके बावजूद भी अभी तक मुकदमा दर्ज नहीं किया गया है और पुलिस हाथ पर हाथ धरकर बैठी है।
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हमारा साथ देने वाला कोई नहीं
पीड़ित ने अपनी तकलीफ बयां करते हुए कहा कि वैसे तो मैं हरियाणा का रहने वाला हूं, लेकिन इस समय परिवार के साथ कनाडामें हूं। मैंने अपने माता-पिता के लिए नोएडा के सुपरटेक अपकंट्री में फ्लैट बुक किया था, लेकिन मेरे साथ मेरे माता-पिता का सपना भी खत्म हो गया है। बिल्डर ने लाखों रुपये ले लिए और हमें धोखा दे दिया। 35 लाख रुपये कमाना आसान काम नहीं है। इतने पैसे कमाने में काफी सालों का समय लग जाता है। मैंने अपने जीवन की कड़ी मेहनत करके यह पैसा हासिल किया और इसको सुपरटेक बिल्डर ने हड़प लिया है। अब बड़ी बात यह है कि पुलिस भी हमारा साथ नहीं दे रही है, ऐसे में हमे सहारा देने वाला कोई नहीं है।