Smart Prepaid Meters Plan: घरों में लगेंगे स्मार्ट मीटर, बिजली विभाग ने बनाई योजना
Smart Prepaid Meters Plan: बिजली विभाग ने बिजली चोरी पर लगाम लगाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। बिजली विभाग की ओर से स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने की तैयारी की गई है। इस योजना पर 25 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। उत्तर प्रदेश के तीन करोड़ घरों से पुराने मीटर को बदल कर नए मीटर लगाए जाएंगे। इससे लोगों के बिजली खर्च कम हो सकेगा।
क्या है पूरा मामला
बतादें, उत्तर प्रदेश में बिजली चोरी (Smart Prepaid Meters Plan) से होने वाले घाटे को कम करने के लिए प्रदेश के सभी उपभोक्ताओं के घरों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जाएंगे। घरों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने की शुरूआत लोकसभा चुनावों के बाद होगी। इसके लिए सभी बिजली कंपनियों ने तैयारी कर ली है। विभाग के अधिकारियों के मुताबिक मई के अंत तक बिजली कंपनियों को ऑर्डर किए हुए स्मार्ट प्रीपेड मीटर मिलने शुरू हो जाएंगे, जिसके बाद घरों में लगे मौजूदा मीटर के स्थान पर स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जाएंगे। पूरे प्रदेश में तीन करोड़ से अधिक बिजली उपभोक्ताओं के घरों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाया जाना है। योजना पर पूरे प्रदेश में करीब 25 हजार करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि खर्च की जाएगी।
बिजली चोरी वाले इलाकों से शुरुआत की गई
पहले चरण में प्रदेश के जिन इलाकों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाया जाना है, उसमें पहले उन इलाकों को चुना जाएगा। जहां बिजली चोरी ज्यादा है। इसके लिए फीडरों ऑडिट किया जा रहा है। जिससे ये पता लगाया जा सके कि किस फीडर से कितनी बिजली जा रही है और उसके मुकाबले कितनी बिलिंग हो रही है। एक बार ज्यादा बिजली चोरी वाले इलाकों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगने के बाद अधिक लोड वाले ग्रामीण इलाकों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जाएंगे। किस जोन में पहले और बाद में मीटर लगाए जाने हैं। इसके लिए स्थानीय स्तर पर सर्वे भी किए जा रहे हैं।
इसलिए लगाए जा रहे हैं स्मार्ट प्रीपेड मीटर
स्मार्ट प्रीपेड मीटर से यह होगा कि उपभोक्ता जितने रुपये का रिचार्ज करवाएंगे, उतनी ही बिजली का इस्तेमाल कर पाएंगे। ये मीटर अत्याधुनिक तकनीक से लैस होंगे। घरों में इस मीटर के लगाए जाने के बाद बाइपास बिजली, मीटर से छेड़छाड़ आदि बिजली चोरी से जुड़े कार्य नहीं किए जा सकेंगे। यदि कोई उपभोक्ता ऐसा करने का प्रयास भी करेगा तो मीटर से सीधे इससे संबंधित मेसेज विभाग के कंट्रोल रूम को मिल जाएगा।
स्मार्ट प्रीपेड मीटर से उपभोक्ता बिजली का लाभ ठीक वैसे ही उठाएंगे, जैसे मोबाइल रिचार्ज कराकर बातचीत करने या इंटरनेट सेवा का लाभ उठाते हैं। ये मीटर उपभोक्ताओं के सीधे मोबाइल से जुड़ा होगा। उपभोक्ता को प्रतिदिन इसकी जानकारी होती रहेगी कि वह कितने यूनिट व कितने रुपये की बिजली इस्तेमाल कर चुके हैं।
नहीं देना होगा कोई खर्च
राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा के मुताबिक स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगवाने के लिए उपभोक्ताओं को किसी प्रकार की अतिरिक्त धनराशि नहीं देनी होगी। नया मीटर लगाने का खर्च बिजली विभाग उठाएगा। समय-समय पर रिचार्ज कराते हुए विद्युत उपभोक्ता मोबाइल फोन सेवा की तरह बिजली का लाभ उठाते रहेंगे।
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फर्जी बैंक गारंटी देने वाली कंपनी ब्लैकलिस्ट
बिजली विभाग के टेंडर में अप्लाई करने में फर्जी बैंक गारंटी लगाने वाली कंपनी डायमंड इंफ्राटेक को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है। दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम ने कंपनी को पांच साल के लिए ब्लैकलिस्ट करने के आदेश जारी कर दिए हैं। अब कंपनी पांच साल की अवधि के दौरान विभाग में किसी भी तरह के कार्य में हिस्सा नहीं ले सकेगी। फर्जी बैंक गारंटी लगाने के मामले में कंपनी के खिलाफ विभाग की तरफ से एफआईआर भी करवा दी गई है। विभाग के अधिकारियों के मुताबिक कंपनी ने मजारों के विद्युतीकरण का काम करने के लिए ई-टेंडर में शामिल हुआ था।