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कैसे पता चलता है कि प्रॉपर्टी अवैध है? क्या कहता है कानून? जानें यहां

Written By: गली न्यूज

Published On: Sunday April 24, 2022

कैसे पता चलता है कि प्रॉपर्टी अवैध है? क्या कहता है कानून? जानें यहां

लगातार जगह-जगह पर चला रहा बुलडोजर तो हम सब को दिख रहा है और इसकी क्या वजह है ये भी सभी को पता है। लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि बुलडोजर चलने का डिसीजन कैसे लिया जाता है? कैसे तय किया जाता है कि किस की प्रॉपर्टी अवैध है या अतिक्रमण किया गया है? आज हम आपको ये बताने आए है कि कोई प्रॉपर्टी अवैध या अतिक्रमण के दायरे कैसे आती है।

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क्या कहता है कानून?
कानून के शब्दों में कहें तो जब कोई व्यक्ति दूसरों की संपत्ति के अधिकार का उल्लंघन करता है, तो वह अतिक्रमण कहलाता है। प्रॉपर्टी के अधिकार के लिए आर्टिकल 300A कहता है, ‘कानूनी आदेश के बिना किसी भी व्यक्ति को उसकी संपत्ति से वंचित नहीं किया जाएगा’। मतलब किसी की प्रॉपर्टी के अधिकार का हनन्न कर लेना अतिक्रमण कहलाता है।

क्या है नियम?
दरअसल, जमीनों को दो हिस्सों में बांटा गया है। एग्रीकल्चर लैंड और नॉन एग्रीकल्चर लैंड। एग्रीकल्चर लैंड पर सिर्फ खेती की जा सकती है। मतलब कोई निर्माण नहीं किया जा सकता। अगर करना हो तो, उस जमीन के लिए चेंज ऑफ लैंड यूज का एप्रूवल लेना होगा। और अगर किसी ने ये परमिशन नहीं लिया तो उस काम को अतिक्रमण या अवैध माना जायेगा। वहीं, परमिशन मिलने के बाद उसे नॉन एग्रीकल्चर लैंड में गिना जाता है।

तरह-तरह के एप्रूवल
बता दें, एप्रूवल दो तरह के होते है। पहला रेजिडेंशियल और कॉमर्शियल। वहीं, शहरों और गांवों में भी थोड़ा अंतर है। शहरों में अगर आप घर बनाने के लिए जमीन खरीद रहे है तो चेंज ऑफ लैंड यूज का एप्रूवल होना जरूरी है। नहीं होने पर मामला अतिक्रमण का हो जाता है। इसके बाद म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन ता काउंसिल, पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड या हाइवे के पास निर्माण के लिए हाइवे अथॉरिटी के साथ सभी अथॉरिटी से NOC लेनी होती है।

कब आता है अतिक्रमण के दायरे में ?
कानून के हिसाब से आईपीसी की धारा 441 के मुताबिक, अगर कोई भी इंसान किसी की प्रॉपर्टी में बिना परमिशन अंदर घुसने या धमकाने के इरादे से आता है और रहने लगता है तो वो अतिक्रमण है।

ध्यान रखने की बात
अगर आप घर बनाया या कॉमर्शियल यूज के लिए कुछ भी तो थ ध्यान रखे तो आपकी प्रॉपर्टी रास्ते को प्रभावित ना करें । आपके पास पक्के एप्रूवल के कागज हो। इसके अलावा जिस इलाके में आप रहते हो उसने नियमों का पालन हो।

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