Lucknow News: रिटायर्ड आईपीएस भी निकले नकलची, एलएलबी की परिक्षा में कर रहे थे नकल
Lucknow News: हाल ही में यूपी की राजधानी लखनऊ से परीक्षा में नकल करने का एक बेहद हैरान करने वाला मामला सामने आया है। लखनऊ के ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय में चल रही एलएलबी की परीक्षा में एक परीक्षार्थी नकल करते हुए पकड़ा गया। परीक्षार्थी के बारे में जब हकीकत पता चली तो सभी हैरान रह गये। दरअसल ये कोई और नहीं एक रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी निकला। स्टूडेंट के एडमिट कार्ड पर राजेश कुमार लिखा हुआ था। मामला सामने आने के बाद नकल करने वाले स्टूडेंट की कॉपी को सील कर दिया गया।
क्या है पूरा मामला
Gulynews.com की टीम को मिली जानकारी के मुताबिक लखनऊ के ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय में चल रही एलएलबी की परीक्षा में एक परीक्षार्थी नकल करते हुए पकड़ा गया। परीक्षार्थी के बारे में जब हकीकत पता चली तो सभी हैरान रह गये। दरअसल ये कोई और नहीं एक रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी निकला। स्टूडेंट के एडमिट कार्ड पर राजेश कुमार लिखा हुआ था। मामला सामने आने के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन गोलमोल जवाब देता रहा लेकिन बाद में परीक्षा नियंत्रक भावना मिश्रा की ओर से इस बात की पुष्टि की गई।
बुधवार को भी नकल करते मिले तो दी गई थी चेतावनी
बता दें कि गुरूवार को परीक्षा में नकल करते हुए पकड़े जाने के बाद ये रिटायर्ड आईपीएस छात्र राजेश कुमार की कॉपी जमा करवा ली गई। इसके बाद उन्हें बी कॉपी दी गई लेकिन उन्होंने हंगामा करना शुरू कर दिया। दरअसल बी कॉपी में फिर से दोबारा शुरूआत से लिखना होता है। लेकिन राजेश कुमार का कहना था कि जो शेष प्रश्न रह गये हैं उन्हीं प्रश्नों को ही हल करेंगे। जिस कारण परीक्षा नियंत्रक से उनकी तीखी बहस भी हो गई थी। हालांकि उनको नकल करते हुए बुधवार को भी पकड़ा गया था लेकिन उन्हें चेतावनी देकर छोड़ दिया गया था।
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आइए जानें…..क्या मिली है सजा
बताया जा रहा है की नकल करते पकड़े जाने के बाद रिटायर आईपीएस को दोबारा परीक्षा में बैठने की अनुमति लिखित माफी नामें के साथ दी गई है। हालांकि माफीनामा की कॉपी सार्वजनिक नहीं की गई है। इसके अलावा पहले कॉपी को मान्य नहीं किया गया है। बी कॉपी में जितने प्रश्न हल हुए होंगे उन्हीं में नंबर दिए जायेंगे। ऐसे में सबसे बड़ा नुकसान ये होगा कि उस विषय की परीक्षा के अधिकांश नंबर कट सकते हैं।
क्या कहता है कानून….आइए जानें
कानूनी जानकार बताते हैं कि किसी के पास नकल सामग्री बरामद होना या फिर गाइड के मिलने से ये प्रमाणित नहीं होता है कि वह नकल कर रहा है। कई बार ऐसे मामले कोर्ट तक गये तो नकल पकड़ने वाले अधिकारियों की ही हार हुई है। हालांकि भाषा विश्वविद्यालय में सीसी टीवी फुटेज का जो हवाला दिया जा रहा है वह भी साफ नहीं है। यदि परीक्षार्थी अपनी मानहानि मानकर मामले को कोर्ट में घसीटता है तो विश्वविद्यालय के लिए दिक्कत हो सकती है। इससे पहले एक मामले में हाईकोर्ट ने भी स्पष्ट कहा था कि नकल समाग्री या गाइड का बरामद होना नकल करने की पुष्टि नहीं हो सकती है।