July 27, 2024, 9:21 am

Real Estate News: रियल एस्टेट कंपनी M3M के दो प्रोजेक्ट्स का आवंटन रद्द, साइट हुई सील….ये है वजह

Written By: गली न्यूज

Published On: Tuesday June 4, 2024

Real Estate News: रियल एस्टेट कंपनी M3M के दो प्रोजेक्ट्स का आवंटन रद्द, साइट हुई सील….ये है वजह

Real Estate News: जानी मानी रियल एस्टेट कंपनी M3M की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। नोएडा प्राधिकरण ने इस कंपनी को आवंटित किए गए दो कमर्शियल भूखंडों का आवंटन रद्द कर दिया है। यह फैसला करीब 10 दिन पहले लिया गया था।

क्या है पूरा मामला

बतादें, गुरुग्राम (Real Estate News) स्थित प्रमुख रियल एस्टेट कंपनी M3M को नोएडा में तगड़ा झटका लगा है। नोएडा प्राधिकरण ने इस कंपनी को आवंटित किए गए दो कमर्शियल भूखंडों का आवंटन रद्द कर दिया है। यह फैसला करीब 10 दिन पहले लिया गया था। प्राधिकरण के इस निर्णय के खिलाफ कंपनी ने उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी के समक्ष अपील दायर की थी, लेकिन मंत्री ने सोमवार शाम को कंपनी की अपील खारिज कर दी और प्राधिकरण के फैसले की पुष्टि की।

सिस्टर कंपनियों को दो भूखंड आवंटित किए गए

मंत्री गुप्ता नंदी ने बताया कि भूखंडों का आवंटन नॉन-कॉम्पिटिटिव रेट्स से किया गया था, जो कि नियमों के खिलाफ था। इसलिए प्राधिकरण ने भूखंडों के आवंटन को रद्द करके उचित निर्णय लिया है। विस्तृत जानकारी देते हुए मंत्री ने कहा कि मैसर्स लैविश बिल्डमार्ट प्राइवेट लिमिटेड को सेक्टर-94 में वाणिज्यिक भूखंड संख्या 01 और मैसर्स स्काई लाइन प्रापकॉन प्राइवेट लिमिटेड को सेक्टर-72 में वाणिज्यिक भूखंड एमपीसी-01 आवंटित किए गए थे। लेकिन ई-ऑक्शन के जरिए इन दोनों भूखंडों के आवंटन में प्राधिकरण के नियमों का उल्लंघन किया गया।

एम3एम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की 100 प्रतिशत सहायक कंपनियां हैं

जांच में पाया गया कि एच-1 के रूप में चयनित ये दोनों सहायक कंपनियां एम3एम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की 100 प्रतिशत सहायक कंपनियां हैं। इसलिए एक ही कंपनी को नॉन-कॉम्पिटिटिव दरों पर भूखंडों का आवंटन गलत था। इन कारणों से शासन ने लैविश बिल्डमार्ट और स्काईलाइन प्रापकॉन को आवंटित भूखंडों के आवंटन को निरस्त कर दिया है। शासन के निर्देश पर आज प्राधिकरण ने सेक्टर-72 स्थित साइट को सील कर दिया है।

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अपर मुख्य सचिव ने प्राधिकरण के फ़ैसले को जायज़ ठहराया

यह घटनाक्रम एम3एम को नोएडा में बड़ा झटका है। कंपनी को अपने दो महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट छोड़ने पड़ेंगे। साथ ही नियमों के उल्लंघन के लिए प्राधिकरण की यह कार्रवाई भविष्य में भी डेवलपरों के लिए सबक बनेगी। ख़ास बात यह है कि नोएडा प्राधिकरण के फ़ैसले को कंपनी ने औद्योगिक विकास मंत्री के यहां चुनौती दी थी। औद्योगिक विकास मंत्री ने अपर मुख्य सचिव को प्रकरण में जांच करने और निर्णय लेने का निर्देश दिया था। अब अपर मुख्य सचिव ने प्राधिकरण के फ़ैसले को जायज़ ठहराया है।

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