Rbi news: RBI ने महिंद्रा फाइनेंस को दी राहत, लोन रिकवरी को लेकर किया बड़ा फैसला
Rbi news: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने महिंद्रा एंड महिंद्रा फाइनेंशियल सर्विसेज (Mahindra & Mahindra Financial Services) को बड़ी राहत दी है. जिसकी जानकारी खुद कंपनी द्वारा दी गई है. दरअसल, आरबीआई ने इस फाइनेंस पर लगे बैन को हटा दिया. कंपनी ने ये जानकारी दी है कि आरबीआई ने थर्ड पार्टी के जरिए लोन की रिकवरी पर लगाये गए रोक को हटा दिया है. कंपनी ने कहा है कि आरबीआई ने 4 जनवरी 2023 को कंपनी को ये जानकारी दी है.
आरबीआई ने ये फैसला महिंद्रा एंड महिंद्रा फाइनेंशियल सर्विसेज के आश्वासन के बाद लिया है. कंपनी ने आरबीआई को भरोसा दिलाया है कि वो रिकवरी प्रैक्टिस और आउटसोर्सिंग अरेंजमेंट को मजबूत करेगी. साथ ही लोन रिकवरी प्रैक्टिस में थर्ड पार्टी एजेंट्स के रखने में सख्ती बरतेगी. कंपनी ने आरबीआई से कहा है कि वो बोर्ड द्वारा अप्रूफ किए गए एक्शन प्लान के तहत जवाबदेही तय करने के फ्रेमवर्क को भी मजबूत करने का काम करेगी.
क्यों लगा था बैन?
सितंबर 2022 से ही सेंट्रल बैंक ने कंपनी पर फाइनेंशियल आउटसोर्सिंग व्यवस्था के जरिए किसी भी प्रकार की वसूली, कब्जे या अन्य गतिविधियों को तत्काल रूप से बंद करने के आदेश दिए हैं. आरबीआई के मुताबिक यह एक्शन MMFSL के आउटसोर्सिंग ऐक्टिविटी के मैनेजमेंट में देखे गए कुछ गंभीर मुद्दों के आधार पर लिया गया था. कुछ महीनों से कंपनी को सिर्फ अपने कर्मचारियों द्वारा वसूली की मंजूरी थी.
बता दें कि, सितंबर 2022 में आरबीआई ने महिंद्रा एंड महिंद्रा फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड (Mahindra & Mahindra Financial Services Ltd.) को आदेश जारी कर कहा था अगले आदेश तक कंपनी थर्ड पार्टी के जरिए आउटसोर्सिंग कर लोन की रिकवरी नहीं करेगी. आरबीआई ने अपने आदेश में कहा था कि महिंद्रा एंड महिंद्रा फाइनेंशियल सर्विसेज केवल अपने कर्मचारियों के जरिए ही लोन रिकवरी कर सकती है. आरबीआई की जांच में महिंद्रा एंड महिंद्रा फाइनेंशियल सर्विसेज के आउटसोर्सिंग एक्टिविटी में कई अनियमितताएं पाई गई थी.
वहीं, झारखंड के हजारीबाग में लोन ना जमा करने पर महिंद्रा फाइनेंस के रिकवरी एजेंट द्वारा दिव्यांग किसान की बेटी को ट्रैक्टर से कुचले जाने के बाद आरबीआई ने मामले को गंभीरता से लेते हुए महिंद्रा एंड महिंद्रा फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड को आदेश जारी कर कहा था कि अगले आदेश तक कंपनी थर्ड पार्टी के जरिए आउटसोर्सिंग कर लोन की रिकवरी नहीं करेगी.
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दरअसल फाइनेंस कर्मी ट्रैक्टर लेने आए थे. ट्रैक्टर के लोन पर 10,000 रुपये ब्याज अदा करना था. ब्याज की इसी कीमत लेने के लिए गर्भवती महिला के पिता और फाइनेंस कर्मियों के बीच कहासुनी हुई. फाइनेंस कर्मियों ने किसान की बड़ी बेटी मोनिका कुमारी को दो बार रौंदा. 22 वर्षीय मोनिका दो महीने की गर्भवती थी. घटना वाले दिन ही महिला की मौत हो गई.