May 17, 2024, 8:10 pm

Property Auction Rules: बैंक नीलामी में संपत्ति खरीदना चाहते हैं, तो जान ले क्या हैं रिस्क…

Written By: गली न्यूज

Published On: Thursday February 29, 2024

Property Auction Rules:  बैंक नीलामी में संपत्ति खरीदना चाहते हैं, तो जान ले क्या हैं रिस्क…

Property Auction Rules: आज के समय में हर कोई शहर में जमीन या घर खरीदना चाहता हैं। लेकिन इस बढ़ती महंगाई के दौर में शहरों में हर कोई प्रॉपर्टी नहीं खरीद पाता। ज्यादातर लोग कम बजट के चलते शहर में प्रॉपर्टी नहीं खरीद पाते हैं। ऐसे में वह सस्ते में प्रॉपर्टी खरीदने का विकल्प ढूंढ़ते हैं कई बार बैंक समय पर लोन (bank loan) नहीं भरने वालों की प्रॉपर्टी को नीलाम करता है और इस नीलामी में शामिल होने वालों को सस्ते में संपत्ति खरीदने का मौका मिलता है। अगर आप भी नीलामी वाली प्रॉपर्टी (auction property) खरीदने की सोच रहे हैं तो ऐसी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इन जरूरी बातों का ध्यान जरूर रखें।

क्या है पूरा मामला

खुद का घर हर किसी का सपना (Property Auction Rules) होता है। लेकिन इस बढ़ती महंगाई के दौर में शहर में घर खरीदना आसान नहीं है। लेकिन लोन के जरिए थोड़ा आसान हो जाता है। वहीं, लोन (bank loan) की ज्यादा EMI के कारण घर खरीदना महंगा पड़ जाता है और कई बार पैसे की तंगी के चलते समय पर EMI का भुगतान नहीं कर पाते। तो बैंकों द्वारा उन्हें नोटिस दिया जाता है।

लेकिन, इसके बाद भी किस्तों का भुगतान नहीं करने पर उनकी संपत्तियों को नीलाम (properties auction) किया जाता है। इस ऑक्शन के जरिए बैंक अपने पैसों की रिकवरी करता है। वहीं, नीलमी में शामिल होने वाले लोगों को कम कीमत या अच्छी लोकेशन पर मकान मिल जाता है। हालांकि, नीलामी में बिकने वाली प्रॉपर्टी को खरीदने से पहले कुछ बातों को ध्यान में रखना जरूरी है, क्योंकि इनमें कई तरह की कानूनी अड़चनों का सामना करना पड़ सकता है। इनमें प्रॉपर्टी पर मिलने वाला कब्जा, भुगतान का तरीका या संपत्ति पर कुछ बकाया जैसे मुद्दे शामिल हैं।

नीलाम की गई संपत्ति के लिए पेमेंट की प्रोसेस-

नीलामी में बिकने वाली प्रॉपर्टी को खरीदने से पहले यह समझ लेना चाहिए कि पेमेंट प्लान क्या होगा। क्योंकि, नीलाम की गई संपत्ति के लिए पेमेंट (Payment for auctioned property) की प्रोसेस अन्य संपत्तियों की विशिष्ट भुगतान योजनाओं से अलग होती है। हालांकि, आमतौर पर नीलामी नोटिस में ही भुगतान योजना का जिक्र होता है। नीलामी में भाग लेने के लिए संभावित खरीदार को एक निश्चित राशि जमा करनी होती है जिसे “बयाना धन जमा” कहते हैं।

एक रिपोर्ट के मुताबिक, एथेना लीगल की प्रिंसिपल एसोसिएट नेहा गुप्ता (Neha Gupta, Principal Associate, Athena Legal) ने बताया कि नीलामी के दिन बोली जीतने पर बिक्री मूल्य का 25% भुगतान करना होता है और शेष राशि 15 दिनों के भीतर जमा करनी होती है।

नीालमी की प्रॉपर्टी खरीदने के बाद कब मिलता है कब्जा?

पेमेंट के बाद बात आती है प्रॉपर्टी पर कब्जे की। ऑक्शन में बोली जीतने वाले व्यक्ति को संपत्ति का कब्ज़ा देने में बैंक को कितना समय लगेगा। इसके लिए यह जानना जरूरी है कि नीलामी प्रतीकात्मक कब्जे (auction symbolic possession) के माध्यम से है या बैंक के पास संपत्ति का भौतिक कब्जा है। यदि प्रॉपर्टी पर केवल प्रतीकात्मक कब्ज़ा है तो खरीदार को कानूनी प्रक्रिया के चलते कुछ समय तक इंतजार करना होगा।

कभी-कभी बैंक नीलाम की गई प्रॉपर्टी पर तय तारीख पर कब्जा देने में देरी कर सकता है। ऐसे में खरीदार पैसों का भुगतान करने के बाद बैंक को एक लिखित नोटिस या कानूनी नोटिस (legal notice) भेज सकता है और बैंक से उस संपत्ति पर सभी विवादों को निपटाने के बाद कब्जा सौंपने के लिए कह सकता है। याद रखें नीलामी में बेची गई संपत्ति पर यदि बैंक कब्ज़ा सौंपने में देरी करता है, तो बैंक ब्याज सहित भुगतान की गई कुल राशि वापस करने के लिए उत्तरदायी है।

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कब्जा पाने के कानूनी तरीके

नीलाम संपत्ति (auction property) पर कब्जा लेने से पहले खरीदार को यह जांचना चाहिए कि प्रॉपर्टी पर कोई बकाया तो नहीं है। क्योंकि बिजली बिल(electricity bill), पानी बिल, संपत्ति कर या कोई अन्य बकाया हो सकता है। कई बार ऐसे हालात पैदा हो सकते हैं जब कोई व्यक्ति बैंक द्वारा अपनी संपत्ति की नीलामी किए जाने के बाद भी उसे खाली नहीं करता है। ऐसे में जिन लोगों ने ऑक्शन में प्रॉपर्टी खरीदी उनके लिए ऐसे हालात बड़े परेशान करने वाले होते हैं। एग्मा लॉ एसोसिएट्स के नितिन जैन कहते हैं कि अगर बैंक उधारकर्ता परिसर या प्रॉपर्टी खाली नहीं करता है, तो बैंक SARFAESI अधिनियम की धारा 14 के तहत कार्यवाही शुरू करने और उस क्षेत्राधिकार में संबंधित अदालतों की मदद से संपत्ति का भौतिक कब्ज़ा लेने का हकदार है।”

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