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shraddha murder case: इस खास खेल का बड़ा खिलाड़ी है कातिल आफताब, आज तिहाड़ में होगा पोस्ट नार्को टेस्ट

Written By: गली न्यूज

Published On: Friday December 2, 2022

shraddha murder case: इस खास खेल का बड़ा खिलाड़ी है कातिल आफताब, आज तिहाड़ में होगा पोस्ट नार्को टेस्ट

shraddha murder case:  श्रद्धा मर्डर केस (shraddha murder case) के आरोपी आफताब पूनावाला का आज पोस्ट नार्को टेस्ट (post narco test) होगा.  इसके लिए फोरेंसिक साइंस लैब यानी FSL की चार सदस्यीय टीम तिहाड़ जेल जाएगी. बताया जा रहा है कि गुरुवार को हुए नार्को टेस्ट में भी आफताब ने श्रद्धा की हत्या की बात कबूल की है.

जानकारी के अनुसार आफताब ने श्रद्धा के मोबाइल और कपड़े कहां फेंके हैं, इसकी भी जानकारी दी है. दिल्ली पुलिस गुरुवार सुबह 8.40 बजे आफताब को लेकर रोहिणी के बाबा साहेब अंबेडकर अस्पताल पहुंची थी, जहां टेस्ट से पहले उसकी सामान्य जांच की गई. नार्को टेस्ट गुरुवार सुबह 10 बजे शुरू हुआ और करीब 2 घंटे बाद खत्म हो गया था.

जानकारी के अनुसार आफताब ने टेस्ट में पूछे गए ज्यादातर सवालों के जवाब अंग्रेजी में दिए. नार्को टेस्ट के दौरान फोरेंसिक लैब रोहिणी के साइकोलॉजिस्ट, फोटो एक्सपर्ट और अंबेडकर अस्पताल के डॉक्टर मौजूद रहे. इससे पहले आफताब ने पॉलीग्राफ टेस्ट में भी श्रद्धा की हत्या की बात कबूल की थी.

शतरंज का मंझा खिलाड़ी है आफताब

श्रद्धा वालकर की हत्या का आरोपी आफताब पूनावाला की जिंदगी से जुड़ा एक और राज उसके जेल जाने के बाद बेपर्दा हुआ है. आफताब की जिंदगी से जुड़े इस राज को जानकर तिहाड़ जेल के अधिकारी भी सन्न रह गए. दरअसल, शातिर आफताब पूनावाल शतरंज के खेल का मंझा हुआ खिलाड़ी है. वह ऐसा खिलाड़ी है, जो खुद की चाल खुद के खिलाफ चलता है और अपनी ही चाल का खुद ही जवाब देता है. यानी आफताब शतरंज का ऐसा खिलाड़ी है, जो दोनों छोर से अकेले ही बाजी खेलता है- शह भी उसकी और मात भी उसकी.

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दरअसल, दिल्ली पुलिस को शुरू से ही शक है कि आफताब बेहद शातिर है. उसकी हर चाल एक सोची-समझी साजिश का हिस्सा लगती है. मानों शतरंज की बिसात पर दोनों छोर से अकेले वही खेल रहा हो. जांच के दौरान दिल्ली पुलिस के एक बड़े अधिकारी ने तो यहां तक बताया था कि पुलिस को लगता है कि जांच अधिकारी हम नहीं, बल्कि हत्यारोपी आफताब है, जिसके इशारों पर दिल्ली पुलिस का महकमा नाच रहा है.

क्या होता है पोस्ट नार्को टेस्ट

पॉलीग्राफ टेस्ट और नार्को टेस्ट में दिए गए सवालों के जवाब को मिलाया जाता है. जिन सवालों के जवाब में अंतर होता है या फिर सवालों के जवाब में संदेह होता है, उन सवालों को पोस्ट नार्को टेस्ट में दोहराया जाता है. सवालों में आ रहे अंतर का कारण पूछा जाता है. इस प्रक्रिया में 2 से 4 घंटे तक का समय लगता है. पोस्ट नार्को टेस्ट एक जटील प्रक्रिया है. इसमें कई घंटे का समय लग जाता है. जांच अधिकारी पोस्ट नार्को टेस्ट से सच के और करीब पहुंचने की कोशिश करते हैं.

आफताब से पूछताछ से जुड़ी 3 जरूरी बातें…
1. ब्रेन मैपिंग भी हो सकती है

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अगर आफताब का नार्को टेस्ट फेल रहा तो पुलिस आफताब की ब्रेन मैपिंग करने पर विचार कर सकती है. इसके लिए पुलिस को कोर्ट से अनुमति लेनी होगी.

2. आफताब हर बात मान रहा, यहीं शक गहराया

जांच में शामिल एक अधिकारी ने  ANI को बताया कि आफताब बहुत चालाक है और कभी भी मामले में नया मोड़ ला सकता है. अभी तक वह पुलिस की हर बात मान रहा है, जांच में सहयोग कर रहा है. यहां तक कि पॉलीग्राफ और नार्को टेस्ट के लिए भी राजी हो गया. पुलिस को उसके इस अच्छे व्यवहार पर संदेह हो रहा है.

3. पूछताछ के दौरान आफताब बेहद कॉन्फिडेंट

पुलिस सूत्रों से यह जानकारी भी मिली है कि पूछताछ के दौरान आफताब बहुत ज्यादा कॉन्फिडेंट था. उसने बहुत तेजी से और रिलैक्स होकर जवाब दिया. इससे लगा कि वह पहले से सोच-समझकर जवाब देता है. पुलिस को शक यह भी है कि जब सितंबर-अक्टूबर में आफताब को मुंबई पुलिस ने पूछताछ के लिए बुलाया था, उस वक्त भी श्रद्धा के कुछ बॉडी पार्ट्स उसके दिल्ली वाले फ्लैट में मौजूद थे.

पॉलीग्राफ टेस्ट का नतीजा

आफताब का पॉलीग्राफ टेस्ट पूरा हो गया है, जिसकी फाइनल रिपोर्ट तैयार की जा रही है. जानकारी के अनुसार पूछताछ के दौरान आफताब ने कबूल किया है कि उसी ने श्रद्धा की हत्या की. साथ ही यह भी कहा कि उसको श्रद्धा की हत्या का कोई अफसोस नहीं है. वहीं, टेस्ट करने वाली टीम से जुड़े सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि आफताब ने हत्या के बाद लाश जंगल में फेंकने की बात स्वीकार की है.

ब्रेन मैपिंग क्या है?

हमारा दिमाग अरबों न्यूरॉन से बना है. ये न्यूरॉन ही शरीर के सभी हिस्सों से दिमाग तक संदेश पहुंचाते हैं और दिमाग के मैसेज को शरीर के सभी अंगों तक भेजते भी हैं. ये मैसेज का वेव के रूप में आदान-प्रदान करते हैं. ब्रेन मैपिंग टेस्ट में इन्हीं तरंगों को मॉनिटर किया जाता है. इससे शख्स की मेंटल हेल्थ कंडीशन का पता लगाया जाता है. वहीं, क्रिमिनल से राज उगलवाने के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जाता है. इस प्रोसेस में आरोपी से सवाल किए जाते हैं और जब वह जवाब देता है तब उसकी प्रतिक्रिया को मॉनीटर किया जाता है.

 

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