Noida News: प्राधिकरण भी बना लापरवाह, कराया केवल 7 हजार पालतू कुत्तों का पंजीकरण
Noida News: नोएडा प्राधिकरण में पालतू कुत्तों के पंजीकरण की रफ्तार बेहद धीमी है। अब तक केवल 7 हजार पालतू कुत्तों का ही पंजीकरण हो पाया है।डॉग पॉलिसी लागू होने के बाद शहर में पालतू कुत्तों का पंजीकरण अनिवार्य कर दिया गया था। माना जा रहा है कि जितने पंजीकरण हुए हैं वह आधे से भी कम हैं। बावजूद इसके शहर के लोग पंजीकरण के लिए आगे नहीं आ रहे हैं। इसकी मुख्य वजह लोगों में जागरूकता का अभाव है। साथ ही प्राधिकरण की लापरवाही भी सामने आ रही है।
क्या है पूरा मामला
जानकारी के अनुसार नोएडा शहर में अब तक नोएडा प्राधिकरण ने केवल 7000 पालतू कुत्तों का पंजीकरण कराया है। डॉग पॉलिसी लागू होने के बाद शहर में पालतू कुत्तों का पंजीकरण अनिवार्य कर दिया गया था। माना जा रहा है कि जितने पंजीकरण हुए हैं वह आधे से भी कम हैं। बावजूद इसके शहर के लोग पंजीकरण के लिए आगे नहीं आ रहे हैं। नोएडा प्राधिकरण भी लापरवाह बना हुआ है।
शहर के सेक्टरों व सोसाइटियों में आए दिन कुत्तों को लेकर विवाद होता रहता है। पालतू और लावारिस कुत्तों के काटने के मामले सामने आते हैं। इन मामलों में प्राधिकरण से शिकायत की जाती है। प्राधिकरण इसकी जांच कर कार्रवाई करता है। लेकिन इस तरह के मामलों में कमी नहीं हो रही है। डॉग पॉलिसी लागू होने के बाद प्राधिकरण ने शहर के लोगों से आह्वान किया था कि वह अपने पालतू जानवरों का पंजीकरण कराएं। इसके लिए 500 रुपये की फीस जमा करनी है। पंजीकरण नहीं कराने वालों पर जुर्माने की भी कार्रवाई होनी है। लेकिन अब तक प्राधिकरण ने किसी तरह का जुर्माना नहीं किया है।
पालतू व लावारिस कुत्तों की संख्या पता नहीं
दरअसल, नोएडा प्राधिकरण के पास शहर में पालतू और लावारिस कुत्तों की संख्या की जानकारी नहीं है। प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि इसके लिए जल्द ही एक सर्वे कराया जाएगा, जिसमें ऐसे जानवरों की संख्या का पता लगाया जाएगा। लेकिन खास बात यह कि यह काम डॉग पॉलिसी लागू होने के बाद ही होना चाहिए था। लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
लावारिस कुत्तों का आतंक, लोग परेशान
शहर के सेक्टरों व सोसाइटियों में लावारिस कुत्तों के आतंक से लोग परेशान हैं। आए दिन यहां कुत्तों के काटने की घटनाएं होती रहती हैं। जिला अस्पताल में रोजाना 150 से अधिक लोग टीका लगवाने के लिए आते हैं। लेकिन प्राधिकरण ने इन लावारिस कुत्तों पर लगाम लगाने की कोशिश नहीं कर रहा है।
डॉग शेल्टर भी नहीं हुए कारगर
नोएडा प्राधिकरण की ओर से शहर के सेक्टर-50 और 135 में डॉग शेल्टर बनाकर उद्घाटन कराया गया था। इसका मकसद यह था कि लावारिस कुत्तों को पकड़कर यहां रखा जाए और उनको खाने और रहने की सुविधा दी जाए। इसकी मदद से सेक्टरों में लावारिस कुत्तों के आतंक को कम करने की कोशिश हुई। लेकिन योजना पूरी तरह से फेल हो गई। उद्घाटन के बाद से अब तक एक भी लावारिस कुत्तों को यहीं नहीं लाया जा सका। बाद में सेक्टर-93बी और सेक्टर-34 में भी काम शुरू हुआ। लेकिन यहां भी सफलता नहीं मिली। अब प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि एक एजेंसी आई है जो कि इसके संचालन की इच्छुक है। उसको ट्रायल के तौर पर काम दिया जाएगा।
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1.16 करोड़ का निकला टेंडर, केवल एक एजेंसी आई
नोएडा प्राधिकरण लावारिस कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण पर 1.16 करोड़ रुपये खर्च करेगा। इस बाबत प्राधिकरण ने इच्छुक एजेंसियों से आवेदन मांगे थे। प्राधिकरण की योजना थी कि चार एजेंसियों को चुनकर नसबंदी और टीकाकरण के उपाय किए जाएं। लेकिन अब तक केवल एक ही एजेंसी आई। लिहाजा इस काम में भी काफी धीमी प्रगति है। जब तक पूरी एजेंसियां नहीं आ जातीं। तब तक काम प्रभावित रहेगा।