Noida News: 50 लाख के जाली नोट के साथ तीन आरोपियों को पुलिस ने दबोचा
Noida News: नोएडा से जालसाजी का एक बेहद हैरान करने वाला मामला सामने आया है। नोएडा में पुलिस ने तीन लोगों को अरेस्ट किया है, जिनके पास से 50 लाख के नकली नोट बरामद हुए हैं । ये तीनों आरोपियों ने बदायूं में नोट छापने का सेटअप लगा रखा था।अलीगढ़, आगरा, पश्चिमी यूपी व दिल्ली में जाली नोटों की सप्लाइ करते थे।आरोपियों में एक अंडर-ट्रेनिंग बीयूएमएस डॉक्टर और एक सीएससी केंद्र का मालिक भी शामिल है।
क्या हुआ पूरा मामला
जानकारी के मुताबिक नोएडा पुलिस की स्पेशल सेल ने यूपी में जाली नोट सप्लाई करने वाले गिरोह का पर्दाफाश तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपी आसिफ अली, दानिश अली व सरताज खान पांच सालों में 5 करोड़ से ज्यादा के जाल नोट खपा चुके हैं। आरोपी अलीगढ़, आगरा, पश्चिमी यूपी, पंजाब, राजस्थान और दिल्ली में नोट सप्लाई कर रहे थे। पुलिस ने इनसे 50 लाख रुपये के जाली नोट बरामद किए हैं। आरोपियों ने बदायूं में जाली नोट छापने का सेटअप लगा रखा था। आरोपियों में एक अंडर-ट्रेनिंग बीयूएमएस डॉक्टर और एक सीएससी केंद्र का मालिक भी शामिल है।
स्पेशल सेल के विशेष पुलिस आयुक्त एचजीएस धालीवाल के अनुसार, इंस्पेक्टर मनेंद्र सिंह को सूचना मिली थी कि सहसवान, बदायूं निवासी आसिफ जाली नोटों की छपाई और खपाने में लगा हुआ है। 30 दिसंबर को सूचना प्राप्त हुई कि आसिफ 2-3 साथियों के साथ भारी मात्रा में जाली नोट लेकर अक्षरधाम मेट्रो स्टेशन के पास आएगा। पुलिस ने नोएडा लिंक रोड पर घेराबंदी कर बदायूं निवासी आसिफ, दानिश और सरताज को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी महिंद्रा टीयूवी आए थे। तलाशी लेने पर कब्जे से 50 लाख रुपये के जाली 500 के नोट मिले। पुलिस ने बदायूं के सहसवान में आरोपियों के ठिकाने से कच्चा माल, लैपटॉप, प्रिंटर और अन्य उपकरण बरामद किए।
आसिफ अली (27) ने 12वीं की पढ़ाई बदायूं के स्कूल में की। वर्ष 2013 में पास होने के बाद बदायूं के उझानी में यूनानी चिकित्सा डॉक्टर के साथ काम करना शुरू किया और दवाओं के बारे में जानकारी ली। वर्ष 2016 में पैतृक गांव में लोगों को दवा देनी शुरू की, लेकिन ज्यादा कमाई के लिए नोट छापकर सप्लाई करने लगा। बाद में सरताज को भी शामिल कर लिया। सरताज को अच्छी गुणवत्ता वाले जाली नोट छापने के लिए कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और अन्य कार्यों की अच्छी जानकारी थी। उसने जाली नोटों को स्कैन करने और छापने के लिए उच्च गुणवत्ता वाला सॉफ्टवेयर खरीदा। दानिश अली ने प्रिंटिंग सेटअप स्थापित करने के लिए सहसवान में व्यवस्था की।
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दानिश कर रहा बीयूएमएस
दानिश (24) बैचलर ऑफ यूनानी मेडिसन एंड सर्जरी (बीयूएमएस) की पढ़ाई कर रहा है। पड़ोसी गांव में रहने के कारण उसकी आसिफ से गहरी दोस्ती हो गई। वह छपाई के लिए कागज, स्याही और डाई सहित कच्चा काल खरीदता था। वहीं, सरताज (25) ने 2014 में स्कूली पढ़ाई बंद कर दी और गांव में एक कंप्यूटर की दुकान खोल ली। चार साल पहले गांव में सीएससी सेंटर खोल लिया। बाद में आसिफ व दानिश के साथ अपनी सीएससी दुकान पर नोटों की स्कैनिंग आदि करने लगा। आरोपी ने सहसवान में एक परिसर किराए पर ले लिया।