NOIDA NEWS: नोएडा में जल्द मिलेगा आशियाना, बनेगा न्यू नोएडा
NOIDA NEWS: दिल्ली एनसीआर(Delhi NCR) के शानदार शहर हर किसी का रहने का सपना होता है. जिस के लिए लोगों को आशियाने के लिए जद्दोजहद उठानी पड़ती है, इससे आप शायद वाकिफ ही होंगे. आप को यह जानकर खुशी होगी कि उत्तर प्रदेश सरकार पुराने नोएडा के पास ही ‘न्यू नोएडा’ शहर बसा रही है. बताया जाता है कि इस शहर में पुराने नोएडा से बेहतर सुविधा मिलेगी.
करोड़ों रुपये से पहला चरण होगा शुरू
उत्तर प्रदेश सरकार न्यू नोएडा को निवेश के एक बड़े ठिकाने के रूप में विकसित कर रही है. इस शहर को विकसित करने के लिए कई चरणों में काम होगा. पहले चरण में ही शुरूआती निवेश करीब 8500 करोड़ रुपये का होगा. इस रकम से करीब 3,000 हेक्टेयर जमीन खरीदी जाएगी और उसे विकसित किया जाएगा. इसके लिए प्राधिकरण जमीन खरीदने और उसे विकसित करने के लिए फंड शासन से मांगेगा. जानकारी के मुताबिक 3,000 हेक्टेयर जमीन खरीदने में 4,500 करोड़ रुपए खर्च करने की योजना है. इसके साथ ही 1,500 हेक्टेयर जमीन के विकास में 4,000 करोड़ रुपए लगेंगे. फंड मिलते ही जमीन के अधिग्रहण का काम शुरू होगा.
नहीं दिखेगी नोएडा की कमियां
बताया जा रहा है कि इस समय नोएडा में जो जो कमियां हैं, उन्हें न्यू नोएडा में दूर किया जाएगा. नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी ने कंपनी को वित्तीय मॉडल बनाने को कहा है. साफतौर पर यह निर्देश दिए गए हैं कि वित्तीय प्लान इस तरीके से बनाया जाए ताकि किसानों से अधिग्रहण करते समय उनको सही मुआवजा मिले और आने वाले समय में मुआवजा को लेकर किसी तरीके की कोई भी कमी देखने को ना मिले. इसके प्लान को तैयार करने की जिम्मेदारी स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर को दी गई है. पूरी टीम एक मास्टर प्लान तैयार कर रही है और वित्तीय प्लान पर पूरी तरीके से फोकस किया जा रहा है.
85 गांवों में विकसित होगा न्यू नोएडा
दरअसल, ग्रेटर नोएडा और बुलंदशहर के 85 गांव को विकसित कर न्यू नोएडा विकसित होगा. इसे 21,102 हेक्टेयर क्षेत्र में बसाया जाएगा. जहां पर आवासीय, औद्योगिक, संस्थागत, ट्रैफिक-ट्रांसपोर्ट, ग्रीन एरिया, री-क्रिएशन, ग्रीन फैसिलिटी एंड यूटिलिटी, वाटर बॉडी आदि होंगे। इसमें 41 प्रतिशत में औद्योगिक, 11.5 प्रतिशत में आवासीय, 17 प्रतिशत में ग्रीन बेल्ट या हरियाली वाला क्षेत्र, 15.5 प्रतिशत में सड़क, 9 प्रतिशत में संस्थागत और 4.5 प्रतिशत व्यवसायिक हिस्सा विकसित किया जाएगा.