May 2, 2024, 8:35 pm

New Kanpur City Project: न्यू कानपुर सिटी प्रॉजेक्ट का नहीं हो पाएगा रेरा में रजिस्ट्रेशन, ये है बड़ी वजह

Written By: गली न्यूज

Published On: Tuesday February 20, 2024

New Kanpur City Project: न्यू कानपुर सिटी प्रॉजेक्ट का नहीं हो पाएगा रेरा में रजिस्ट्रेशन, ये है बड़ी वजह

New Kanpur City Project:उत्तर प्रदेश की औद्योगिक नगरी कानपुर से बड़ी ख़बर है। कुछ विवादों के चलते न्यू कानपुर सिटी प्रोजेक्ट का रेरा में रजिस्ट्रेशन नही हो पाएगा। दरअसल, कानपुर विकास प्राधिकरण केडीए के न्यू कानपुर सिटी परियोजना में अग्रीमेंट टु सेल और बैनामे के मामले में एक महिला द्वारा रिपोर्ट दर्ज की गई है।

क्या है पूरा मामला

मिली जानकारी के मुताबिक (New Kanpur City Project) करीब ढाई दशक के इंतजार के बाद कानपुर विकास प्राधिकरण केडीए की न्यू कानपुर सिटी परियोजना के मूर्त रूप लेने के पहले ही कई विवाद सामने आने लगे हैं। आरोप है कि केडीए ने प्रॉजेक्ट के लिए सबसे पहले जिस महिला की जमीन का बैनामा कराया, उस महिला ने किसी तीसरे व्यक्ति से रजिस्टर्ड अग्रीमेंट टु सेल कर रखा था। अग्रीमेंट टु सेल करने वाले पक्ष ने आरोपित महिला के खिलाफ धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज कराई। साथ ही केडीए के खिलाफ सिविल वाद दायर किया है। वकील विश्वजीत पाल का दावा है कि कोर्ट से खरीद-बिक्री पर स्टे होने के बावजूद केडीए ने जानबूझकर रजिस्ट्री करा ली।

न्यू कानपुर सिटी इंटिग्रेटिड टाउनशिप 153 हेक्टेयर क्षेत्रफल में बसाई जानी है

कानपुर के पश्चिमी हिस्से में प्रस्तावित न्यू कानपुर सिटी इंटिग्रेटिड टाउनशिप 153 हेक्टेयर क्षेत्रफल में बसाई जानी है। इस सिटी का मूलस्वरूप रिहायशी है। राज्य सरकार ने जमीन खरीद के लिए पहली किश्त के तौर पर केडीए को 150 करोड़ रुपये दिए थे। केंद्र ने भी फंड दिया है। योजना को जमीन पर उतारने के लिए केडीए ने बीती जनवरी में जमीन बेचने के लिए सहमत किसानों से अपने पक्ष में रजिस्ट्री करानी शुरू की। इसमें सबसे पहले केतकी कुशवाहा ने 0.2990 हेक्टेयर जमीन केडीए के पक्ष में रजिस्ट्री करा दी। मुआवजा भी दे दिया। बस यहीं से गड़बड़ी शुरू हुई।

वकील विश्वजीत पाल ने बताया कि केतकी का इस जमीन को लेकर तुलसीराम से केस चल रहा था। 2015 में केतकी ने अजय कुमार शुक्ला के नाम रजिस्टर्ड अग्रीमेंट टु सेल किया था। इसके बाद कोर्ट ने जमीन पर यथास्थिति कायम रखने के लिए एक स्टे दे दिया। स्टे के बाद जमीन की खरीद-बिक्री नहीं की जा सकती। जब न्यू कानपुर सिटी के लिए जमीन अधिग्रहण की चर्चाएं शुरू हुईं तो बीते साल गर्मियों में केडीए को विवाद की लिखित सूचना दी गई। केडीए ने वकीलों की सलाह लेने की बात कही। 3 जनवरी 2024 को कोर्ट में सीलिंग दावा दायर किया गया। कोर्ट केडीए को नोटिस भी दिया, लेकिन सारे नियम दरकिनार कर केडीए ने लेकिन 6 जनवरी को केतकी देवी से जमीन का बैनामा अपने पक्ष में करा लिया।

धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई

मामला अधिकारियों के संज्ञान में लाने के बाद कोर्ट से आदेश लेकर केतकी देवी के खिलाफ कोतवाली में धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। साथ ही अपर सिविल जज सीनियर डिविजन-5 की अदालत में केडीए को पार्टी बना मुकदमा दायर किया है।

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मास्टरप्लान महीनों से अटका है

केडीए ने कानपुर का मास्टर प्लान करीब दो साल पहले शासन को भेजा था, लेकिन अब तक इसे स्वीकृति नहीं मिली है। सूत्रों के अनुसार, न्यू कानपुर सिटी के लिए लैंड यूज कमर्शल से बदलकर रेजिडेंशल किया जाना है, लेकिन शासन ने किसी कारणवश लैंड यूज बदलने से इनकार किया तो लेने के देने पड़ जाएंगे। बिना लैंड यूज बदले प्रॉजेक्ट का ले-आउट स्वीकृत नहीं होगा। रेरा में भी इसका पंजीकरण नहीं हो सकेगा। किसी पक्ष ने ऊपरी अदालतों में रिट दायर की और कोई स्टे लग गया तो पूरी योजना फंस सकती है।

केडीए की जानकारी में नहीं

केडीए के सचिव शत्रोहन वैश्य ने बताया कि बोर्ड के अप्रूवल से जमीन के रेट फाइनल हुए और सहमति से किसानों ने रजिस्ट्री केडीए के पक्ष में कराई। नियमों के तहत पहले जमीन खरीदी जाती है। अब 30 से ज्यादा लोग बैनामे करा चुके हैं। अग्रीमेंट टु सेल का एक प्रकरण जानकारी में आया था, लेकिन दस्तावेज नहीं देखे। बैनामे खतौनी के मेन अभिलेख को देखकर होते हैं। महिला गरीब है। यह अग्रीमेंट टु सेल के माध्यम से जमीन पर कब्जे का प्रयास है।

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