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यूपी में 11.57 लाख लड़कियों को मिला फायदा, मिशन शक्ति 4.0 की सफलता

Written By: गली न्यूज

Published On: Tuesday April 26, 2022

यूपी में 11.57 लाख लड़कियों को मिला फायदा, मिशन शक्ति 4.0 की सफलता

महिलाओं और बच्चों के विकास से ही किसी देश के विकास का सपना साकार हो सकता है। सिर्फ कार्ययोजना बनाने से नहीं बल्कि संवेदनशील होकर कार्ययोजना को अमल करने से ऐसा होना मुमकिन है।

हाल ही में हुए मिशन शक्ति 4.0 के सफल संचालन के लिए सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सी फॉर) संस्था के सहयोग से आयोजित राज्य स्तरीय ‘जागरूक मीडिया’ कार्यशाला में महिला और बाल विकास विभाग के निदेशक मनोज कुमार राय ने कहीं।

मनोज कुमार राय ने कहा कि योजनाओं को जमीनी स्तर पर उतारने में मिशन शक्ति अभियान बहुत ही सफ़ल साबित हुआ है। हमारी कोशिश है कि समाज में हर आखिरी महिला और बच्चों तक हरसंभव मदद पहुँच सके। महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन के उद्देश्य से मिशन शक्ति-4 अभियान शुरू किया गया है। इसके लिए 100 दिन, छह माह, दो वर्ष और पांच वर्ष के लक्ष्य भी तय किए गए हैं।

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इस मौके पर राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष विमला बाथम ने कहा कि सूबे की महिलाओं और बालिकाओं के सपनों को पंख देने का काम सरकार की कई योजनायें कर रहीं हैं। ज्यादा से ज्यादा महिलाएं और बालिकाएं इन योजनाओं का लाभ उठा सकें। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 11.57 लाख लड़कियों को मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के तहत लाभ दिया जा रहा है। इसी के साथ पति की मौत के बाद निराश्रित लगभग 31 लाख महिलाओं को पेंशन योजना के तहत 1000 रुपए हर माह की दर से चार तिमाही में भुगतान किया जा रहा है।

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वहीं, बच्चों की बात करें तो बाल सेवा योजना और बाल सेवा योजना सामान्य के जरिए 16 हजार से अधिक बच्चों को लाभ पहुंचाया गया है। इसी के साथ चाइल्ड लाइन, वन स्टॉप सेंटर के जरिए बच्चों की मदद के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।

महिला एवं बाल विकास विभाग उप निदेशक पुनीत कुमार ने बताया कि 100 दिवसीय कार्ययोजना के तहत हर 15 दिन में प्रदेश भर में स्वालंबन शिविर का आयोजन किया जाएगा। जिसमें मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना, मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, वन स्टॉप सेंटर, महिला हेल्प लाइन, बालिका सुरक्षा जागरूकता अभियान, बाल संरक्षण सेवाएं और निराश्रित महिला योजना के बारे में विभिन्न तरीके से जागरूक किया जाएगा। इसी तरह योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन, रिक्त पदों की भर्ती, निर्माणाधीन इमारतों को पूरा करना आदि लक्ष्यों की पूर्ति के लिए अलग-अलग समय सीमा तय की गई है।

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