Lift Act in UP: अब मेंटेनेंस कंपनियों पर कसेगा शिकंजा, यूपी में आने वाला है लिफ्ट एक्ट। लापरवाही बरती तो जाना होगा जेल
Lift Act in UP: यूपी के नोएडा, गाजियाबाद और लखनऊ जैसे शहर बड़ी-बड़ी इमारतों का गढ़ बनता जा रहा है. इन इमारतों में बने फ्लैट तक आने-जाने के लिए लोग लिफ्ट का यूज करते है. लेकिन इन इमारतों में बने लिफ्ट में .001% की खराबी बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए काफी है. नोएडा और गाजियाबाद में लिफ्ट की खराबी की खबरें हम सुनते रहते है. इससे हुई कई घटनाएं सामने आ चुकिं है. जहां बच्चे लिफ्ट में फंसे रहे.
क्या जानकारी मिली ?
https://gulynews.com को मिली जानकारी के मुताबिक लिफ्ट में बढ़ती घटनाओं को देखते हुए नोएडा प्राधिकरण (Noida Authority) लिफ्ट एक्ट (lift act) लागू करवाना चाहता है. ये एक्ट पूरे राज्य में लागू किया जाएगा. इसकी शुरुआत नोएडा प्राधिकरण ने की है. एक्ट को लागू करने के लिए 2015 में फाइल तैयार की गई थी. इसे शासन को भेजा गया. वहां से 2018 में संशोधन कर दोबारा फाइल को शासन के पास भेजा गया. लेकिन एक्ट (Lift Act in UP) लागू नहीं किया जा सका. यही नहीं गाजियाबाद डेवलपमेंट अथॉरिटी ने भी 2018 में शासन को लिफ्ट एक्ट लागू करवाने के लिए फाइल भेजी थी. अधिकारियों के मंथन और विचार विमर्श व नोएडा वासियों के डिमांड के अनुरूप दोबारा से शासन को रिमाइंडर भेजा जा रहा है. ताकि एक्ट को बनाने की कार्यवाही अमल में लाई जा सके.
गुजरात और हरियाणा में लागू है एक्ट
लिफ्ट को लेकर गुजरात और हरियाणा सरकार की ओर से एक एक्ट बनाया हुआ है, जो वहां लागू भी है. उसी को आधार बनाकर नोएडा प्राधिकरण एक्ट में कुछ पाइंट बढ़ाकर शासन को भेजा जा रहा है. इस प्रोसेस में काफी समय लग सकता है. लेकिन एक बार लागू होने के बाद ये नोएडा वासियों के लिए बेहतर होगा.
लिफ्ट एक्ट में क्या हो सकते है नियम
- सभी सोसायटी में एक इंजीनियर की नियुक्ती करना होगा. लिफ्ट खराब होने या बंद होने पर वह तत्काल इसे ठीक कर सके.
- लिफ्ट कर सालाना मेनटेनेंस एग्रीमेंट लिफ्ट लगाने वाली कंपनी से बिल्डर या एओए को करना होगा.
- लिफ्ट की फ्रीक्वेंसी कितनी है यानी कितनी बार ऊपर नीचे जाती है इसकी रिपोर्ट देनी होगी.
- लिफ्ट मेंटेनेंस कैसे और कौन सी कंपनी करेगी. एक रिपोर्ट प्राधिकरण में देनी होगी, जिसे प्राधिकरण के इंजीनियर या चयन की गई कंपनी वैरीफाई करेगी.
- कितने साल बाद इसमें बदलाव करना होगा.
- एक हाइराइज इमारत में कितने वेट और क्षमता की लिफ्ट लगेगी.
- लिफ्ट के अंदर गार्ड और इमरजेंसी सिस्टम की व्यवस्था.
- लिफ्ट में ऑक्सीजन सिलेंडर.
- लिफ्ट इमरजेंसी फोन सिस्टम, अलार्म सिस्टम की व्यवस्था होनी चाहिए.
नोएडा वासियों की डिमांड पर भेजा जा रहा प्रस्ताव
नोएडा के एओए और आरडब्ल्यूए कई सालों से लिफ्ट एक्ट की डिमांड प्राधिकरण से करते आ रहे है, लेकिन अब तक इसे लागू नहीं किया गया. हालांकि हाइराइज इमारतों के लिए स्ट्रक्चर ऑडिट पॉलिसी लागू (Structure Audit Policy implemented) की गई है. लेकिन इस पॉलिसी में लिफ्ट का कोई प्राविधान नहीं है. डिमांड के बाद प्राधिकरण अब शासन को एक्ट के लिए रिमाइंडर जारी कर रहा है.
लिफ्ट एआरडी को लगाना किया अनिवार्य
लिफ्ट में हो रहे हादसों को रोकने के लिए इलेक्ट्रिकल और मेंटेनेंस विभाग की ओर से 2015 में सभी लिफ्टों में ऑटोमैटिक रेस्क्यू डिवाइस लगाना अनिवार्य कर दिया. बिना इसके लगाए बिल्डर कंपलीशन सर्टिफिकेट हासिल नहीं कर सकता है. ये एक ऐसी डिवाइस है जो लिफ्ट को गिरने से रोकती है. अगर लिफ्ट का सॉफ्टवेयर फेल हो जाए तो ये डिवाइस दो फ्लोर के बीच लगी होती है जो ऑटोमैटिक नजदीक के फ्लोर पर जाकर खुल जाएगी.
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शहर में हुए हादसे
- ग्रेटर नोएडा में एस्पायर सोसाइटी के अपार्टमेंट में 8 साल का बच्चा 10 मिनट तक लिफ्ट में फंसा रहा.
- ग्रेनो वेस्ट पैरामाउंट इनोशंस सोसाइटी में 10 साल का बच्चा लिफ्ट में 45 मिनट तक फंसा रहा.
- लॉ रेजिडेंसिया सोसाइटी में दो महिलाएं समेत तीन लोग 20 मिनट तक फंस गए.
- एसोटेक स्प्रिंग सोसाइटी में 15 मिनट तक शख्स फंसा रहा.
- साया जिओन सोसाइटी में दो बच्चे लिफ्ट में फंसे.
- प्रिस्टोन सोसायटी में पति और पत्नी दोनों लिफ्ट में फंस गए.
- पाम ओलंपिया में सोसाइटी में आधे में एक किशोर घंटे तक लिफ्ट में फंस गए.
- नोएडा प्राधिकरण का प्रशासनिक खंड का कार्यालय.
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