और ताकतवर बना भारत, एस-400 मिसाइल सिस्टम का दूसरा स्क्वाड्रन मिला
S-400: यूक्रेन और रुस के बीच भारी युद्ध चल रहा है. युद्ध में युक्रेन के कई शहर तबाह हो चुके है. और कई शहरों से लोगों का पालयन हो चुका है. वहीं, इस महायुद्ध में रुस के कई सैनिक भी मारे गये है. बावजूद इसके बड़ी चौंका देनी वाली खबर सामने आई है. रुस ने भारत को सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल रक्षा प्रणाली एस-400 का दूसरा स्क्वाड्रन तय समय से पहले पहुंचाना शुरू कर दिया है. इस महीने के अंत तक क्रिटिकल सिस्टम की डिलीवरी पूरी हो जाएगी और उसके बाद इसे तैनात कर दिया जाएगा.
एस-400 प्रणाली का पहला स्क्वाड्रन दिसंबर 2021 में भारत आया था. उसे पाकिस्तान और चीन दोनों में से किसी भी देश के हवाई हमले को विफल करने के लिए पंजाब सीमा पर तैनात किया गया है. भारत ने अक्टूबर 2018 में 5 अरब डॉलर के सौदे से रूस से पांच एस-400 सिस्टम खरीदे हैं. एस-400 प्रणाली की सभी पांच इकाइयां के 2022 तक चालू होने की उम्मीद है. एस-400 प्रणाली चीनी या पाकिस्तानी लड़ाकों के खतरे को ट्रैक करने, उलझाने और उसका सामना करने में सक्षम है.
यह मिसाइल सिस्टम कई स्तरों पर कई लक्ष्यों को ट्रैक कर सकती है. भारत ने जुलाई 2020 में चीन के साथ अपने टकराव के बाद सैन्य बुनियादी ढांचे को अपग्रेड करने का फैसला किया था. चीन और पाकिस्तान की तरफ से युद्ध के खतरे की वजह से भारत को बड़े पैमाने पर हथियार खरीदने के सौदे के लिए प्रेरित किया और रूस अभी भी भारत के सबसे बड़े हथियार पूर्ति में से एक है.
क्या है S-400 डिफेंस सिस्टम?
- यह एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम है
- दुश्मन के एयरक्राफ्ट को आसमान से गिरा सकता है।
- सबसे एडवांस लॉन्ग रेंज सर्फेस-टु-एयर मिसाइल डिफेंस सिस्टम माना जाता है।
- दुश्मन के क्रूज, एयरक्राफ्ट और बैलिस्टिक मिसाइलों को मार गिराने में सक्षम है।
- यह सिस्टम रूस के ही S-300 का अपग्रेडेड वर्जन है।
- मिसाइल सिस्टम को अल्माज-आंते ने तैयार किया है
- एक ही राउंड में 36 वार करने में सक्षम है।