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ICICI Bank news: क्या आपका अकाउंट भी ICICI Bank में हैं? बैंक की बड़ी लापरवाही आई सामने, कस्टमर के प्रॉपर्टी डॉक्यूमेंट कर दिए गायब

Written By: गली न्यूज

Published On: Tuesday September 5, 2023

ICICI Bank news: क्या आपका अकाउंट भी ICICI Bank में हैं? बैंक की बड़ी लापरवाही आई सामने, कस्टमर के प्रॉपर्टी डॉक्यूमेंट कर दिए गायब

ICICI Bank news: देश के दूसरे सबसे बड़े बैंक आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) में लापरवाही का एक बड़ा मामला सामने आया है. दरअसल, लोन लेते समय एक ग्राहक द्वारा बैंक में जमा कराए गए मूल दस्तावेज खो गए. इस पर राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (NDRC) ने बैंक को कड़ी फटकार लगाई है और 25 लाख रुपये का मुआवजा शिकायतकर्ता को देने का निर्देश दिया है.

ये है बैंक की लापरवाही का पूरा मामला

जानकारी के अनुसार, ये मामला बेंगलुरु का है, जहां बैंक ने अप्रैल 2016 में एक ग्राहक का 1.86 करोड़ रुपये का होम लोन लिया था और सेल डीड समेत प्रॉपर्टी के अन्य मूल दस्तावेज अपने पास रख लिए थे. लेकिन बैंक की ओर से लोन लेने वाले व्यक्ति मनोज मधुसूदनन को उन दस्तावेजों की स्कैन या सॉफ्ट कॉपी उपलब्ध नहीं कराई गई और पूछे जाने पर इनके खो जाने की बात कही गई. इसके बाद मधुसूदनन ने अपनी शिकायत कई बार बैंक अधिकारियों के पास दर्ज कराई, लेकिन कोई सुनवाई न होने पर उन्होंने बैंकिंग लोकपाल का रुख किया.

बेंगलुरु से हैदराबाद के बीच खोए दस्तावेज

शिकायतकर्ता मनोज मधुसूदनन ने अपनी शिकायत में जानकारी देते हुए बताया था कि दो महीने तक बैंक के पास जमा दस्तावेजों की स्कैन कॉपी न मिलने पर जब उन्होंने इसकी जानकारी लेने चाही, तो जून 2016 में आईसीआईसीआई बैंक ने उन्हें सूचित किया कि दस्तावेज एक कूरियर कंपनी द्वारा बेंगलुरु से हैदराबाद में अपनी केंद्रीय भंडारण सुविधा तक ले जाते समय खो गए थे.

इस मामले में बैंकिंग लोकपाल ने इस मामले में सितंबर 2016 में बैंक को निर्देश दिया कि मधुसूदनन को खोए हुए दस्तावेजों की डुप्लिकेट कॉपी जारी की जाए, नुकसान के संबंध में एक सार्वजनिक नोटिस प्रकाशित किया जाए और शिकायतकर्ता को सेवा में कमी के लिए 25,000 रुपये का भुगतान मुआवजे के तौर पर दिया जाए.

5 करोड़ रुपये मांगा था मुआवजा

शिकायकर्ता मनोज मधुसूदनन ने इस मामले को राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग (National Consumer Commission) में ले जाने का फैसला किया और अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि बैंक बेहद लापरवाह रहा. उन्होंने कहा कि दस्तावेजों की स्कैन प्रतियां मूल डॉक्युमेंट्स की जगह नहीं ले सकतीं हैं. मधुसूदनन की ओर से मानसिक पीड़ा और नुकसान के लिए 5 करोड़ रुपये के मुआवजे की मांग की गई थी. वहीं अपने सामने मौजूद सबूतों को ध्यान में रखते हुए, आयोग ने कहा कि सेवा में कमी के आधार पर बैंक से मुआवजा मांगना एक वैध दावा था.

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पीठासीन सदस्य सुभाष चंद्रा सेवाओं में कमी के मुआवजे की मांग वाली इस शिकायत पर सुनवाई कर रहे थे. इसे मनोज मधुसूदनन ने वकील श्वेतांक शांतनु के माध्यम से दायर किया था. सुनवाई के दौरान आयोग की ओर से कहा गया कि वर्तमान मुद्दा सेवा में कमी के लिए मुआवजे और भविष्य में किसी भी नुकसान के खिलाफ शिकायत की क्षतिपूर्ति का था. NCDRC के मुताबिक, बैंक देनदारी को कूरियर कंपनी पर नहीं थोप सकता है. एनसीडीआरसी ने आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) को सेवाओं में कमी के लिए मुआवजे के रूप में 25 लाख रुपये और मुकदमेबाजी लागत के रूप में 50,000 रुपये का भुगतान करने का भी निर्देश दिया.

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